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BCCI की नजरें घरेलू क्रिकेट शुरू करने पर, IPL के बाद उम्‍मीद, जानिए डिटेल

बीसीसीआई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के साथ 19 नवंबर की संभावित तारीख के साथ घरेलू सत्र शुरू करने की योजना बना रहा है, लेकिन आईपीएल टीमों से खेलने वाले भारतीय खिलाड़ी क्‍वारंटीन से जुड़े नियमों के कारण कुछ शुरुआती मैच नहीं खेल पाएंगे.

Updated on: 10 Aug 2020, 08:07 AM

New Delhi:

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) (BCCI) सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के साथ 19 नवंबर की संभावित तारीख के साथ घरेलू सत्र शुरू करने की योजना बना रहा है, लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की टीमों से खेलने वाले भारतीय खिलाड़ी क्‍वारंटीन से जुड़े नियमों के कारण कुछ शुरुआती दौर के मुकाबलों में नहीं खेल पाएंगे. कोरोना वायरस (CoronaVirus) महामारी के कारण घरेलू सत्र में विलंब का मतलब है कि सिर्फ मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq Ali Trophy) और रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) का आयोजन हो पाएगा, जिसमें 38 टीमें दोनों फॉर्मेट में मिलाकर 245 मैच खेलेंगी. इस साल विजय हजारे ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी या चैलेंजर ट्रॉफी का आयोजन नहीं होगा और अब तक के कार्यक्रम के अनुसार ईरानी कप को लेकर भी कोई योजना नहीं है. 

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बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि यह अस्थाई सूची है जिसे तैयार किया गया है और इसे स्वीकृति के लिए अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के पास भेजा गया है. आईपीएल खेलकर लौटने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नियमों के अनुसार 14 दिन तक क्‍वारंटीन में रहना होगा. अधिकारी ने कहा कि यह मुद्दा मुख्य रूप से उन खिलाड़ियों के साथ है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हैं और टीम के साथ हैं, कुछ क्रिकेट खेलना चाहते हैं. अगर खिलाड़ी की टीम प्ले आफ से पहले भी बाहर हो जाती है तो भी वह तीन नवंबर से पहले वापस नहीं आ पाएगा और 17 नवंबर तक उसे क्वारंटीन में रहना होगा. उन्होंने कहा कि जिनकी टीमों ने प्ले आफ में जगह बनाई है और फाइनल में पहुंच सकती हैं, उन्हें शुरुआती कुछ दौर के मुकाबलों से बाहर रहना होगा. लेकिन यह मसौदा प्रस्ताव है और इसमें बदलाव हो सकता है.

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बीसीसीआई के अगला आईपीएल मार्च के अंत से या अप्रैल की शुरुआत से भारत में कराने की उम्मीद है और ऐसे में रणजी फाइनल और आईपीएल की शुरुआत में तीन हफ्ते का ब्रेक जरूरी है जिससे कि खिलाड़ी व्यस्त टूर्नामेंट से उबर सकें. इस बीच रणजी ट्रॉफी के फॉर्मेट को क्षेत्रीय प्रारूप में कराने की अटकलें हैं लेकिन अधिकारी ने कहा कि ऐसा होने की संभावना नहीं है. पिछले दो साल से ग्रुप ए और बी से शीर्ष पांच टीमें रणजी क्वार्टर फाइनल में जगह बनाती थी जबकि इस साल ए, बी और सी से शीर्ष दो टीमें अंतिम आठ में जगह बनाएंगी. सातवीं टीम तीनों ग्रुप से तीसरे स्थान पर रहने वाली सर्वश्रेष्ठ टीम होंगी जबकि क्वार्टर फाइनल की अंतिम टीम का फैसला ग्रुप डी और ग्रुप ई के चैंपियन के बीच प्ले आफ मुकाबले से होगा.