logo-image

कमलेश नागरकोटी को पैट कमिंस ने दिए टिप्स, बन गए चतुर गेंदबाज 

पीठ की चोट के कारण कुछ समय तक क्रिकेट से दूर रहे तेज गेंदबाज कमलेश नागरकोटी ने आईपीएल के 10 मैच खेल अपने आप को टॉप लेवल के लिए तैयार किया है, खासकर आस्ट्रेलिया के बेहतरीन गेंदबाज पैट कमिंस से मिली सीख की बदौलत.

Updated on: 19 Nov 2020, 11:31 AM

नई दिल्‍ली :

पीठ की चोट के कारण कुछ समय तक क्रिकेट से दूर रहे तेज गेंदबाज कमलेश नागरकोटी ने आईपीएल के 10 मैच खेल अपने आप को टॉप लेवल के लिए तैयार किया है, खासकर आस्ट्रेलिया के बेहतरीन गेंदबाज पैट कमिंस से मिली सीख की बदौलत. आईपीएल में दोनों ही गेंदबाज कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेले थे.
कुछ दिनों में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के लिए रवाना होने वाले कमलेश नागरकोटी ने जयपुर से आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि शुरुआत में थोड़ी घबराहट थी, क्योंकि मैं लंबे समय बाद खेल रहा था. मैं बड़े मंच पर खेल रहा था और मेरे ऊपर दबाव था, लेकिन मैंने अनुभवी खिलाड़ियों से बात की थी कि दबाव को कैसे कम किया जाता है और कैसे इससे बाहर निकला जाता है. और कैसे इससे बाहर निकला जाता है. कमलेश नागरकोटी ने खासतौर पर पैट कमिंस से इस बात पर सलाह ली कि चोट के दौरान मानसिकता किस तरह की रखनी चाहिए. 27 साल के कमिंस को भी अपने करियर की शुरुआत में चोटें लगी थीं. 2011 में पदार्पण करने के बाद पैट कमिंस ने पांच साल बाद 2017 में वापसी की थी.

यह भी पढ़ें : टीम इंडिया के घायल शेर ने शुरू किया अभ्यास, ऑस्ट्रेलिया में मची खलबली

कमलेश नागरकोटी ने कहा कि मैंने पैट कमिंस से पूछा था कि उन्होंने चोट के समय को कैसे गुजारा था. उन्होंने मुझसे कहा था कि ऐसा कभी नहीं होगा कि तुम हमेशा फिट रहो, लेकिन जब यह चोट की स्थिति आती है, तब सबसे अहम होता है कि आप किस तरह से सकारात्मक रहते हैं. उन्होंने कहा था कि अगर आपको उच्च स्तर पर क्रिकेट खेलनी है तो, मायने नहीं रखता कि आप जीवन में किस तरह की स्थिति का सामना करते हो, आपको सकारात्मक रहना होगा. मुझे पैट कमिंस से मिलकर सकारात्मक महसूस हुआ और यह शानदार था. 
युवा अवस्था में ही 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंक सुर्खियां बटोरने वाले कमलेश नागरकोटी ने कहा कि आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज और बाकी के अन्य सीनियरों ने उन्हें तैयारी करने में मदद मिली. उन्होंने कहा कि एक सलाह जो मुझे काफी पसंद आई, वो यह थी कि अगर गेंदबाज अच्छी तरह तैयारी करता है, अपने प्लान के बारे में जानता है, गेंदबाज जानता है कि वह अच्छी गेंदें डाल सकता है और उसने अच्छे से अभ्यास किया है, तो वो डरेगा नहीं और वह खेल में हमेशा सकारात्मकता लेकर जाएगा. मुझसे कहा गया था कि यह मत सोचो की तुम रन लुटाओगे, या मैंने अच्छी गेंदबाजी नहीं की. जब आप गेंदबाजी करते हैं, आपको पता होना चाहिए कि आपके प्लान क्या हैं. कमिंस से एक और चीज जो नागरकोटी ने सीखी वो थी मुश्किल स्थिति में स्टॉक डिलीवरी. नागरकोटी की स्टॉक डिलीवरी गुड लैंग्थ से आउट स्विंगर है. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट इसी गेंद पर लिए हैं.

यह भी पढ़ें : IPL 2021 में इन खिलाड़ियों पर गिरेगी गाज, दिग्गज ने गिनाए नाम

उन्होंने कहा कि पैट कमिंस ने मुझसे कहा था कि मुझे आत्मविश्वास हासिल करने और सकारात्मकता बनाए रखने के लिए स्टॉक गेंद करनी होगी. यह वो गेंद है जिस पर मैं ज्यादा रन नहीं गंवाता. इसलिए यह हमेशा मेरे दिमाग में रहता है. आप जब भी रन लुटाए तो आपको स्टॉक गेंद का इस्तेमाल करें. दाएं हाथ के इस युवा गेंदबाज ने कहा, मैंने वैरिएशन को लेकर उनसे ज्याद कुछ नहीं सीखा, लेकिन उनसे बात की, वह कटर गेंद अच्छे से डालते हैं. मैंने उनसे पूछा था कि वह गेंद को कैसे पकड़ते हैं, कैसे डालते हैं, उन्होंने मुझे बताया कि कैसे हमारे अलग-अलग एक्शन के कारण हमें इसे अलग-अलग तरह से करना होता है.
आईपीएल में नागरकोटी ने 10 मैचों में पांच विकेट ही लिए. उन्होंने कहा कि बेशक उन्हें ज्यादा विकेट नहीं मिले हों, लेकिन वह भविष्य में अच्छा करेंगे. चोट से वापसी करने के बाद उन्होंने डीवाई पाटिल टूर्नामेंट भी खेला. उन्होंने कहा, मैंने ज्यादा विकेट नहीं लिए, लेकिन अगली बार जब मुझे मौका मिलेगा तो मुझे पता है कि विकेट कैसे निकालने हैं और मुझे किस तरह की गेंदें डालनी हैं. मैं अलग-अलग तरह की गेंदें डालना भी सीख रहा हूं. इस समय मैं धीरे-धीरे अपने काम को बढ़ा रहा हूं. आईपीएल से पहले में चार ओवर फेंकता था जिसमें टी-20 के हिसाब से गेंदें जैसे यॉर्कर शामिल रहती थीं लेकिन अब मैं एक दिन में आठ से 10 ओवर डाल रहा हूं.

यह भी पढ़ें : IPL 2021 में चेन्नई सुपरकिंग्स को बदलाव करने की जरूरत

कमलेश नागरकोटी को भारतीय टीम के साथ आस्ट्रेलिया के लिए बतौर नेट गेंदबाज रवाना होना था, लेकिन बीसीसीआई ने उनके काम के बोझ को मैनेज करने के लिए भारत में ही रोक लिया. युवा गेंदबाज ने कहा, मैंने बीसीसीआई से बात की थी कि मैंने कितने ओवर फेंके हैं और आगे कितने ओवर फेंकने हैं. चिंता की बात यह थी कि चूंकि यह लंबा दौरा है और टी-20, वनडे सीरीज भी खेली जानी हैं, इसलिए काम का बोझ बढ़ जाएगा. मुझे अभी भी धीरे-धीरे लंबे स्पैल फेंकने पर काम करना होगा.