एक घुटने पर बैठकर और बैच लगाकर नस्लवाद का विरोध करना काफी नहीं : कार्लोस ब्राथवेट
वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी कार्लोस ब्राथवेट ने कहा है कि नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में एक घुटने पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करना या बैच लगाना काफी नहीं है बल्कि इसके लिए मानसिकता में बदलाव की जरूरत है.
लंदन:
वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी कार्लोस ब्राथवेट ने कहा है कि नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में एक घुटने पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करना या बैच लगाना काफी नहीं है बल्कि इसके लिए मानसिकता में बदलाव की जरूरत है. अमेरिका में पुलिस हिरासत में हुई अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद 'ब्लैक लाइव्स मैटर' नाम के आंदोलन ने पूरे विश्व में जोर पकड़ा है.
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ब्राथवेट को लगता है कि वक्त की जरूरत कानून में बदलाव की है. ब्राथवेट ने बीबीसी से कहा, "अकेले में एक घुटने पर बैठकर विरोध करना, बैच पहनना काफी नहीं है. जरूरत है मानसिकता में बदलाव की. मेरे लिए यह सिर्फ उबटन की तरह है, जो शायद कुछ चीजें बदल सकता है. सबसे बड़ा बदलाव कानूनी रूप से करना है और पूरे समाज को दोबारा से बदलना है."
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उन्होंने कहा, "ऐसा क्यों है कि जब हम प्लेन में जाते हैं तो किसी को बहुत घनी दाढ़ी में देखते हैं तो लगता है कि वह आतंकवादी है? जब हम सुपरमार्केट में कोई अश्वेत लड़के को देखते हैं तो क्यों लगता है कि वह कर्मचारी है. यह बड़ी चर्चा है. हम किस तरह से अपनी मानसिकता को बदलेंगे यह बड़ी चर्चा है एक घुटने पर बैठने से कई ज्यादा."
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