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शाह का बहुत बड़ा बयान, शशांक मनोहर ने BCCI का जो नुकसान किया है उसकी....

अभी तक आईसीसी के चेयरमैन रहे शशांक मनोहर ने बुधवार शाम को अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है, इसके बाद से लगातार उनके इस्‍तीफे की तो बात हो ही रही है.

Updated on: 02 Jul 2020, 01:25 PM

New Delhi:

अभी तक आईसीसी (ICC) के चेयरमैन रहे शशांक मनोहर (Shashank Manohar) ने बुधवार शाम को अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है, इसके बाद से लगातार उनके इस्‍तीफे की तो बात हो ही रही है, साथ ही यह भी चर्चा हो रही है कि क्‍या शशांक मनोहर (Shashank Manohar) ने भारत के होते हुए भी आईसीसी (ICC) अध्‍यक्ष रहते हुए भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) का नुकसान किया है. शशांक मनोहर इससे पहले दो बार बीसीसीआई (BCCI) के अध्‍यक्ष रहे और आईसीसी (ICC) के अध्‍यक्ष पद को भी उन्‍होंने दो बार संभाला है. अब बीसीसीआई के पूर्व सचिव निरंजन शाह (Niranjan Shah) ने कहा है कि शशांक मनोहर का आईसीसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना जाहिर सी बात थी और अब उन्हें पलट कर देखना चाहिए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्या किया. 

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बीसीसीआई के पूर्व सचिव निरंजन शाह ने कहा कि शशांक मनोहर का आईसीसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना जाहिर सी बात है. शशांक को इस बात को लेकर मिलेजुले भाव आ रहे होंगे कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए वे क्या कर सकते थे और उनके कार्यकाल में भारत में क्रिकेट के साथ क्या किया गया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अब वह आराम के दौर में होंगे और इस दौरान उन्हें बतौर आईसीसी चेयरमैन अपने कार्यकाल की समीक्षा करनी चाहिए. उन्हें देखना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट का कितना नुकसान हुआ है. शाह ने आगे कहा कि बीते कुछ वर्षों में बीसीसीआई ने काफी कुछ झेला है. आईसीसी ने इस दौरान भारत में क्रिकेट और बीसीसीआई को हुए नुकसान का फायदा उठाया है. मुझे हालांकि पूरा भरोसा है कि बीसीसीआई की मौजूदा नेतृत्व ईकाई काफी मजबूत है.

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आपको बता दें कि आईसीसी के चेयरमैन रहे शशांक मनोहर ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. शशांक मनोहर ने बुधवार को आईसीसी के चेयरमैन का पद छोड़ दिया. इसके साथ ही उनका कार्यकाल खत्म हो गया. शशांक मनोहर ने नवंबर 2015 में आईसीसी चेयरमैन का पद संभाला था. आईसीसी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर ने दो साल के दो कार्यकाल के बाद पद छोड़ दिया है. आईसीसी बोर्ड ने बैठक की और सहमति जताई कि उप चेयरमैन इमरान ख्वाजा उत्तराधिकारी के चयन तक चेयरमैन की जिम्मेदारी निभाएंगे. आईसीसी बोर्ड के अगले हफ्ते तक अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को स्वीकृति देने की उम्मीद है.

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इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड यानी ईसीबी के पूर्व चेयरमैन कोलिन ग्रेव्स और भारत के सौरव गांगुली आईसीसी चेयरमैन पद के मुख्य दावेदार हैं. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की दावेदारी हालांकि इस बात पर निर्भर करती है सुप्रीम कोर्ट उन्हें लोढा समिति के प्रशासनिक सुधारवादी कदमों के तहत अनिवार्य ब्रेक में छूट देकर बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर बने रहने का मौका देता है या नहीं. मौजूदा संविधान के अनुसार सौरव गांगुली राज्य और बीसीसीआई में पदाधिकारी के तौर पर छह साल का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो रहा है और वह आईसीसी चेयरमैन पद के लिए दावेदारी पेश करने के पात्र हैं. आईसीसी के नियमों के अनुसार मनोहर दो और साल के लिए अपने पद पर रह सकते थे, क्योंकि स्वतंत्र चेयरमैन के लिए अधिकतम तीन कार्यकाल की स्वीकृति है.

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पेशे से वकील 62 साल के शशांक मनोहर इससे पहले दो बार बीसीसीआई अध्यक्ष रहे हैं. वह पहले 2008 से 2011 तक बीसीसीआई अध्यक्ष रहे और फिर अक्टूबर 2015 से मई 2016 तक दोबारा इस पद पर काबिज हुए. दूसरे कार्यकाल का एक हिस्सा आईसीसी चेयरमैन पद के दौरान रहा. इस बीच मनोहर के पद छोड़ने का समय बीसीसीआई के लिए इससे बेहतर समय पर नहीं हो सकता था, क्योंकि भारतीय बोर्ड अक्टूबर-नवंबर के दौरान आस्ट्रेलिया में आईसीसी T20 विश्व कप की जगह इंडियन प्रीमियर लीग के आयोजन की योजना बना रहा है. हालांकि इस मामले में बीसीसीआई का कोई बड़ा अधिकारी या पदाधिकारी प्रतिक्रिया के लिए तैयार नहीं है, लेकिन सबको पता है कि एन श्रीनिवासन के समय से ही भारतीय बोर्ड के साथ मनोहर के कड़वे रिश्तों को देखते हुए कोई भी उनके जाने से नाखुश नहीं है. स्थिति की जानकारी रखने वालों का मानना है कि नए चेयरमैन के साथ बीसीसीआई के बेहतर कामकाजी रिश्ते हो सकते हैं और अगर वह सौरव गांगुली होते हैं तो यह सोने पर सुहागे की तरह होगा.

(एजेंसी इनपुट)