वसीम जाफर के मुद्दे पर बोले मोहम्मद कैफ, खेल में धर्म कहां से आ गया
उत्तराखंड क्रिकेट बोर्ड और वसीम जाफर का मुद्दा धीरे धीरे तेज होता जा रहा है.
नई दिल्ली :
उत्तराखंड क्रिकेट बोर्ड और वसीम जाफर का मुद्दा धीरे धीरे तेज होता जा रहा है. बता दें उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) के अधिकारियों ने जाफर पर आरोप लगाया है कि जाफर ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए धार्मिक आधार पर राज्य टीम में खिलाड़ियों को शामिल कराने की कोशिश की थी. जाफर उस समय उत्तराखंड टीम के कोच थे, लेकिन अपने ऊपर आरोप लगने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जाफर के सपोट में पहले पूर्व टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान अनिल कुंबले आए जबकि अब पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद कैफ ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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मोहम्मद कैफ ने इंडियन एक्सप्रेस में अपने कॉलम में पुरानी बातों को याद करते हुए कुछ पल साझा किए. कैफ ने बताया कि जिस तरह सचिन तेंदुलकर अपने किट बैग में साई बाबा की तस्वीर रखते थे और जहीर खान भी आस्था के अनुरूप कुछ चीजें अपने साथ रखते थे. लेकिन कभी किसी ने कोई विवाद नहीं किया. उन्होंने सवाल किया कि इस महान खेल में धर्म कब से आ गया. कैफ ने कहा कि जो कुछ भी वसीम जाफर के साथ धार्मिक गतिविधियों को लेकर हो रहा है वो बेहद निराशाजनक है. कैफ ने कहा कि वो यूपी की कई टीमों से खेले, जोन की टीमों से खेले, इंग्लैंड में क्लब और काउंटी क्रिकेट में हिस्सा लेकिन कभी भी धर्म को लेकर कोई विवाद या बात नहीं हुई. कैफ ने कहा कि टीम इंडिया में सभी धर्म के लोगे थे लेकिन वो सिर्फ अपने देश के लिए खेलते थे.
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कैफ ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि वो हॉस्टल में रहते थे और कमरा छोटा हुआ करता था जिसमें पांच लोग रहा करते थे. उन्होंने कहा कि मेरे सामने वाले कमरे से अगरबत्ती की खुशबू आती लेकिन वो नमाज पढ़ते थे. मुझे हनुमान चालीसा की आवाज आती लेकिन इससे कभी कोई फर्क नहीं पड़ा. मै क्रिकेटर बना और वो पुलिसकर्मी लेकिन हमारी दोस्ती बरकरार है. बता दें कि उत्तराखंड क्रिकेट संघ के सचिव महिम वर्मा और मुख्य सिलेक्टर रिजवान शमशाद के साथ विवाद होने के बाद जाफर ने इस्तीफा दिया. इसके अलावा अपने इस्तीफे में जाफर ने सचिव महिम वर्मा पर टीम में दखल देने के साथ कई आरोप लगाए हैं. दूसरी ओर महिम ने ही जाफर पर गंभीर आरोप लगाए और खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया. उत्तराखंड क्रिकेट का कहा कहना है कि जाफर टीम के अधिकारियों से लड़ाई करते थे बल्कि मजहबी गतिविधियों से टीम को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे. महिम ने कहा कहना है कि वसीम जाफर घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे इसलिए हम लोग उनका फैसला मानते थे लेकिन घरेलू टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में टीम का प्रदर्शन बेदर खराब रहा और पांच में चार मैच टीम हार गई. इसके बाद उत्तराखंड क्रिकेट संघ ने विजय हजारे ट्रॉफी के लए टीम की घोषणा की और चंदेला को कप्तान बनाया गया और फिर जाफर नाराज हो गए और उन्होंने अगले दिन इस्तीफा दे दिया.
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