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Ashwin ajinkya ( Photo Credit : BCCI Twitter)
वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज और कमेंटेटर माइकल होल्डिंग का मानना है कि जब वह 70 और 80 के दशक में भारत के खिलाफ खेला करते थे, तब से लेकर आज तक उन्होंने भारतीय टीम के फिटनेस स्तर में बड़ा बदलाव देखा है. माइकल होल्डिंग ने सोमवार को इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया कि ठीक है, जब भारतीय क्रिकेट की बात आती है तो यह एक बिल्कुल अलग युग है. जब मैं भारत के खिलाफ खेला, तो शायद दो खिलाड़ी फिट थे. अब मैदान पर हर कोई फिट है. आप देखते हैं कि वे कितने एथलेटिक हैं, वे कितने गतिशील हैं.
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माइकल होल्डिंग ने वेस्टइंडीज के लिए 60 टेस्ट में 249 विकेट लिए हैं और अब वे करी 67 साल के हो गए हैं. उन्होंने कहा कि कौशल का स्तर उनके समय के समान ही था, लेकिन अब रवैया में बदलाव और फिटनेस के कारण परिवर्तन अधिक था. माइकल होल्डिंग ने कहा कि कौशल का स्तर वास्तव में इतना नहीं बदला है, लेकिन जब आपके पास फिटनेस, और कौशल स्तर के साथ-साथ ध्ष्टिकोण में बदलाव होगा, तो जाहिर है कि क्रिकेट भी बदलेगा. माइकल होल्डिंग ने भारतीय क्रिकेट में सुधार के लिए पिचों की गुणवत्ता को बताया. उन्होंने कहा, जिस चीज ने भारतीय क्रिकेट को भी मदद की है, वह यह है कि भारत में घरेलू क्रिकेट और सामान्य रूप से क्रिकेट के लिए बहुत सारी पिचों में सुधार हुआ है. गेंद बहुत अधिक उछालती है और इसी कारण बल्लेबाज विदेशी पिचों पर सामना करने में सक्षम होते हैं.
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माइकल होल्डिंग ने जो कहा है वो बात सही भी है, क्योंकि टीम इंडिया के कुछ एक खिलाड़ियों को छोड़ दिया जाए, तो बाकी सभी खिलाड़ी शानदार फील्डिंग करते हैं. सभी खिलाड़ी अपनी फिटनेस का पूरा ध्यान रखते हैं. जब क्रिकेट नहीं हो रहा होता है तब भी सभी अपनी फिटनेस से कोई समझौता नहीं करते. यही कारण है कि चाहे रनों के लिए विकेट के बीच दौड़ना हो गया फिर फिल्डिंग, सभी ने टीम के खिलाड़ी शानदान हैं.
Source : IANS/News Nation Bureau