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INDvsENG : मोटेरा की पिच पर अश्विन ने आलोचकों को लताड़ा, युवराज सिंह....

अश्विन ने युवराज सिंह की आलोचना नहीं की और उन्होंने कहा कि मेरे ट्वीटस का मतलब किसी एक व्यक्ति को लेकर नहीं था. जब मैंने युवराज के ट्वीट को पढ़ा तो ईमानदारी से कहूं तो मुझे बिल्कुल भी गलत नहीं लगा.

Updated on: 27 Feb 2021, 08:20 PM

नई दिल्‍ली :

भारतीय स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन शनिवार को मीडिया से रूबरू हुए और इस दौरान एक इंग्लिश पत्रकार ने उनसे मोटेरा के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पिच को लेकर कुछ सवाल पूछे. मोटेरा के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया तीसरा टेस्ट भारत ने 10 विकेट से जीता था और यह मैच दो दिन में ही खत्म हो गया था. पत्रकार ने पूछा कि क्या वे मानते हैं कि तीसरे टेस्ट के लिए पिच अच्छी थी. अश्विन ने उनके सवाल का जवाब देते हुए कहा कि लोगों को पिच की आलोचना करना बंद कर देना चाहिए.

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रविचंद्रन अश्‍विन ने कहा कि अच्छी क्रिकेट पिच क्या है? गेंदबाज मैच में थे. रन बनाने के लिए बल्लेबाजों को अच्छी बल्लेबाजी करने की जरूरत थी. निश्चित रूप से, इसे लेकर कोई प्रश्न नहीं है. अच्छी पिच कैसे बनाते हैं? कौन इसे परिभाषित करता है? पहले दिन गेंद सीम करेगा और अंतिम दो दिन स्पिन होगा. ऐसे नियम कौन बनाते हैं? हमें इस बहस को यहीं खत्म कर देनी चाहिए और इसे लेकर ज्यादा ड्रामा नहीं करना चाहिए. तीसरे टेस्ट के दौरान अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में अपने 400 विकेट पूरे किए. डे-नाइट के रूप में खेला गया तीसरा टेस्ट मैच दो दिन में ही समाप्त हो गया और युवराज सिंह जैसे कुछ पूर्व खिलाड़ी ने इस पर सवाल भी खड़े किए.

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अश्विन ने हालांकि युवराज की आलोचना नहीं की और उन्होंने कहा कि मेरे ट्वीटस का मतलब किसी एक व्यक्ति को लेकर नहीं था. जब मैंने युवराज के ट्वीट को पढ़ा तो ईमानदारी से कहूं तो मुझे बिल्कुल भी गलत नहीं लगा. मुझे बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगा कि वह कुछ कह रहे हैं या कुछ सुझाव देने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगा. उनके लिए मेरे अंदर बहुत सम्मान है. अश्विन ने आगे कहा कि पिच के बारे में बात करना हमारी समझ से बाहर है. आप उन पिचों के बारे में बात क्यों नहीं करते, जहां हमें हार मिलती है. जब हम किसी दूसरे देश में खेलते हैं तब कोई क्यों नहीं इस पर बात करता है. मुझे यह उस समय बहुत ही मजाक लगता है जब वे पिच के बारे में बात करते हैं. यहां यही मुद्दा है. जब हम न्यूजीलैंड गए और दोनों टेस्ट मैच पांच दिन के अंदर खत्म हो गया, तब किसी ने भी इसके बारे में बात नहीं की. मुझे नहीं लगता है कि हमें ऐसे विचारों को बढ़ावा देना चाहिए.