logo-image

पाकिस्तानी क्रिकेटर उमर अकमल पर लगा प्रतिबंध घटा, जानिए अपडेट 

सीएएस ने पाकिस्तान के मध्यक्रम बल्लेबाज उमर अकमल पर लगाए गए 18 महीने के प्रतिबंध को घटाकर छह महीने का कर दिया है. पीसीबी की अनुशासन समिति ने भ्रष्टाचार रोधी नियमों का उल्लंघन करने के मामले में अकमल पर तीन साल का प्रतिबंध लगाया था.

Updated on: 27 Feb 2021, 07:49 PM

लाहौर:

Umar Akmal Update : वैश्विक खेल पंचाट (सीएएस) (CSA) ने पाकिस्तान के मध्यक्रम बल्लेबाज उमर अकमल (Umar Akmal) पर लगाए गए 18 महीने के प्रतिबंध को घटाकर छह महीने का कर दिया है. ईएसपीएनक्रिइंफो की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) (PCB) की अनुशासन समिति ने भ्रष्टाचार रोधी नियमों का उल्लंघन करने के मामले में अकमल (Akmal) पर तीन साल का प्रतिबंध लगाया था. लेकिन स्वतंत्र अधिनिर्णायक ने अपने फैसले की समीक्षा करने के बाद उमर अकमल (Umar Akmal) पर लगे तीन साल के प्रतिबंध को घटाकर 18 महीने का कर दिया था और अब उनके इस प्रतिबंध को घटाकर छह महीने का कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें : दिल्‍ली कैपिटल्‍स के श्रेयस अय्यर और शिखर धवन ने जड़े शानदार शतक, जानिए कौन जीता

इस फैसले के बाद उमर अकमल अब पीसीबी (PCB) के रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम से जुड़ सकते हैं और दोबारा क्रिकेट खेलना शुरू कर सकते हैं. सीएएस ने हालांकि अकमल को 42 लाख पाकिस्तान रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया है. पाकिस्तान (Pakistan) के लिए 16 टेस्ट, 121 वनडे और 84 टी-20 मैच खेलने वाले अकमल ने एक साक्षात्कार में खुलासा किया था कि भारत के खिलाफ मैच से हटने के लिए उन्हें पैसों की पेशकश की गई थी. उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि सट्टेबाजों ने उन्हें दो गेंद छोड़ने के लिए कहा था.

यह भी पढ़ें : IPL 2021 में खेलने को लेकर SRH के कप्‍तान डेविड वार्नर ने दिया बड़ा अपडेट 

पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) का पांचवां सीजन शुरू होने से ठीक एक दिन पहले अकमल पर भ्रष्टाचार से जुड़े हुए एक मामले की जानकारी नहीं देने के लिए पीसीबी ने कार्रवाई की थी और उन पर तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया था. उमर अकमल ने बाद में की अपील की थी, जिसके प्रतिबंध को घटाकर 18 महीने तक दिया गया था.
अकमल के वकील ने कहा कि उनके पास एक भी ऐसा सबूत नहीं था, जोकि उन्हें लगत साबित कर सके. उनके खिलाफ मुकदमा फोन कॉल के आधार पर था. लेकिन इसके अलावा उनके पास कोई दस्तावेज, कोई बैंक से जुड़ी लेन-देन और कुछ ऐसा नहीं था, जोकि उनके दावों को सही ठहरा सके.