Advertisment

भारतीय गेंदबाजों ने तोड़ दिया नो बॉल फेंकने का 10 साल पुराना रिकॉर्ड, देखिए आंकड़े 

भारतीय गेंदबाजों ने एमए चिदंबरम स्टेडियम में इंग्लैंड के साथ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की इंग्लैंड की पहली पारी में दूसरे दिन शनिवार तक 19 नो बॉल डाले, जोकि भारतीय टीम के गेंदबाजों का 10 साल बाद सर्वाधिक नो बॉल है.

author-image
Pankaj Mishra
एडिट
New Update
IND vs ENG

IND vs ENG( Photo Credit : IANS)

Advertisment

भारतीय गेंदबाजों ने एमए चिदंबरम स्टेडियम में इंग्लैंड के साथ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की इंग्लैंड की पहली पारी में दूसरे दिन शनिवार तक 19 नो बॉल डाले, जोकि भारतीय टीम के गेंदबाजों का 10 साल बाद सर्वाधिक नो बॉल है. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी भी टीम के गेंदबाजों की ओर से डाली गई यह दूसरी सर्वाधिक नो बॉल हैं. भारतीय गेंदबाजों ने इससे पहले 2010 में कोलंबो में तीसरे टेस्ट के दौरान श्रीलंका की पहली पारी में 16 नो बॉल फेंके थे. हालांकि भारत ने उस मैच को जीता था. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सर्वाधिक नो बॉल डालने का रिकॉर्ड श्रीलंकाई टीम के गेंदबाजों के नाम है, जिन्होंने 2014 में चटगांव में दूसरे टेस्ट में बांग्लादेश की पारी के दौरान सर्वाधिक 21 गेंद नो बॉल डाले थे.

यह भी पढ़ें : INDvsENG : आज भी बल्‍लेबाजी करेंगे अंग्रेज, पारी घोषित नहीं, जानिए रणनीति

भारत को इंग्लैंड के साथ जारी पहले टेस्ट में दूसरे दिन तक अब तक छह गेंदबाजों को गेंदबाजी मोर्चे पर लगाना पड़ा है और उन्होंने 180 ओवर की गेंदबाजी की है. तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और लेफ्ट आर्म स्पिनर शाहबाज नदीम ने छह-छह इशांत शर्मा ने पांच और अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने दो गेंद नो बॉल फेंके हैं. इशांत शर्मा 2010 में भी कोलंबो में उस टेस्ट टीम का हिस्सा थे, जिसके गेंदबाजों ने 16 नो बॉल फेंके थे और इशांत ने उस समय भी दोनों पारियों में चार-चार नो बॉल फेंके थे.
इशांत के बचपन के कोच श्रवण कुमार ने कोविड-19 महामारी के कारण अभ्यास की कमी होने की इसका इशारा किया. इशांत साइड स्ट्रेन से उबरने के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लौटे हैं. चोट के कारण वह आस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं गए थे. श्रवण ने आईएएनएस से कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के कारण वह लंबे समय से अभ्यास से दूर रहे हैं. इसके अलावा, उनके पास मैच अभ्यास का अभाव था. आम तौर पर तेज गेंदबाज नो बॉल फेंकते हैं, जब उन्हें विकेट नहीं मिलते हैं और निराशा में भी वे ऐसा करते हैं. कई बार कप्तान तेज गेंदबाजों पर विकेट हासिल करने के लिए दबाव भी डालते हैं और यही कारण है कि नो बॉल गेंदबाजी करते हैं.

यह भी पढ़ें : INDvsENG : जोए रूट दुनिया के बेस्ट-4 बल्लेबाजों में हुए शुमार, इनकी बराबरी पर पहुंचे

द्रोणाचार्य अवार्डी कोच गुरचरण सिंह ने कहा कि जब गेंदबाजों को नेटस पर गेंदबाजी का अभ्यास करने की अनुमति दी जाती है. उन्होंने अपने एक शिष्य का उदाहरण दिया. सिंह ने कहा कि जब लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं नो बॉल गेंदबाजी के मुद्दे को कैसे ठीक करूं, तो मैं उन्हें कपिल देव के पास जाने के लिए कहता हूं. उन्होंने शायद ही कोई नो बॉल फेंकी हो. उन्होंने कहा कि मेरा एक वार्ड, एक पेसर, नेट्स में बहुत सारे नो बॉल फेंकता था. जब मैं इसे इंगित करता, तो वह कहता कि वह मैचों में ऐसा नहीं करता. लेकिन जब मैं 1980 की शुरुआत में कूच बिहार ट्रॉफी मैच के लिए दिल्ली अंडर-19 टीम के साथ लखनऊ गया, तो उनकी पहली 18 गेंदें नो बॉल थीं. मुझे उसे क्रीज पर खड़े होने और ओवर पूरा करने के लिए संदेश भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा.

यह भी पढ़ें : IPL 2021 Auction : दो करोड़ बेस प्राइज वाले 11 खिलाड़ी, केदार जाधव और ग्‍लेन मैक्‍सवेल का जानिए

भारतीय स्पिनर नदीम ने इस टेस्‍ट में अब छह नो बॉल फेंकने की वजह तकनीकी कारण बताया. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मैं थोड़ी देर से जंप कर रहा हूं. मुझे क्रीज से पहले अच्छी तरह से कूदना चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि मैं थोड़ा देर से कूद रहा हूं. इसीलिए यह समस्या थी. शुक्रवार को यह अधिक था, आज यह थोड़ा कम था. मैं नेट्स में उस पर काम करने की योजना बना रहा हूं.

Source : IANS

ind-vs-eng No Ball Record Team India
Advertisment
Advertisment
Advertisment