Harbhajan Singh On Gautam Gambhir: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में मिली हार के बाद से ही बीसीसीआई हरकत में आ गई. बोर्ड ने टीम में यूनिटी और डिसिप्लिन बनाए रखने के लिए 10 सूत्रीय एजेंडा जारी किया है, जिसपर तमाम क्रिकेटर्स प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसी कड़ी में हरभजन सिंह का रिएक्शन सामने आया है, जिसमें वह हेड कोच गौतम गंभीर पर सवाल खड़े करते दिख रहे हैं.
भज्जी ने खड़े किए सवाल
भारतीय क्रिकेटर्स के लिए बीसीसीआई ने 10 सूत्रीय एजेंडा जारी किया है, जिससे बोर्ड टीम में एकता और अनुशासन बनाए रखना चाहता है. भज्जी ने कहा है कि गंभीर का काम मैदान पर कोचिंग देना और टीम की तकनीकी खामियां दूर करना है, जबकि प्रशासकीय काम बीसीसीआई पर ही छोड़ देना चाहिए.
भज्जी ने इस बारे में बात करते हुए कहा, 'हमारे समय में ऐसा लिखित में होता था कि कुछ मामलों में बीसीसीआई की पहले से मंजूरी जरूरी है. ऐसे में मंजूरी के लिए BCCI को मेल भेजकर परमिशन मांगी जाती थी. ऐसे में हेड कोच को इस मामले में जाने की क्यों जरुरत है? यह उनका काम नहीं है. गंभीर का काम मैदान पर काम करना और खिलाड़ियों की तकनीकी खामियों को दूर करना है. प्रशासकीय काम पूरी तरह से बोर्ड के सक्षम और जिम्मेदार लोगों पर छोड़ दिया जाना चाहिए.'
गौतम गंभीर के हाथ में आई कमांड
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली हार के बाद बीसीसीआई ने कप्तान रोहित शर्मा, हेड कोच गौतम गंभीर, चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर और पूर्व सचिव जय शाह सहित तमाम बोर्ड के अधिकारियों ने मीटिंग की. यह मीटिंग करीब छह घंटे चली थी. इसी के बाद कुछ "गंभीर सिफारिश" बोर्ड को की गई थीं और इनमें से ज्यादातर को मानकर पॉलिसी में बदल दिया गया.
नई पॉलिसी के हिसाब से अब क्रिकेटर्स अपनी परिवार के साथ ट्रैवल नहीं कर सकेंगे, पूरे दौरे पर फैमिली साथ नहीं रह सकती और भी बहुत कुछ... लेकिन, इस तरह के किसी भी नियम में एक्सेप्शन केस के लिए हेड कोच सहित बीसीसीआई से परमिशन लेनी होगी.
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