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ENG Vs PAK: एशिया की वो टीम जिसका इंग्लैंड में चलता है सिक्का

वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ 3 टेस्ट मैच की सीरीज़ में 2-1 से जीतने के बाद इंग्लैंड के हौसले बुलंद है. इंग्लैंड के सामने असल चुनौती अब है क्योंकि उसका सामना अब उस टीम से है जिसे इंग्लैंड की कंडीशन खूब रास आती है.

Updated on: 05 Aug 2020, 12:48 PM

नई दिल्ली:

वेस्टइंडीज़ (West Indies) के ख़िलाफ 3 टेस्ट मैच की सीरीज़ में 2-1 से जीतने के बाद इंग्लैंड (England) के हौसले बुलंद है. इंग्लैंड के सामने असल चुनौती अब है क्योंकि उसका सामना अब उस टीम से है जिसे इंग्लैंड की कंडीशन खूब रास आती है. बात पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan) की कर रहे हैं जिसने इंग्लैंड की कंडीशन की कंडीशन में खूब फायदा उठाया है. पाकिस्तान दुनिया की उन चुनिंदा टीमों में से एक है जिसने इंग्लैंड के अपने पहले दौरे ही में टेस्ट सीरीज़ को 1-1 से ड्रा कराने में सफलता हासिल की थी.

पिछले तीन दशकों से देखा जाए तो पाकिस्तान लगातार अपने प्रदर्शन से इंग्लिश टीम को उसी के घर में कड़ी टक्कर दे रहा है. ऐसे में रूट एंड कंपनी के लिए ये टेस्ट सीरीज़ आसान नहीं होने वाली. अगर 1987 से देखे तो व्हाइट बॉल क्रिकेट में पाकिस्तान का रिकॉर्ड इंग्लैंड की सरज़मीं पर सबसे शानदार रहा है. आकड़े इस बात की तस्दीक भी करते हैं. 1987 से देखा जाए तो पाकिस्तान ने इंग्लैंड ने 8 सीरीज़ खेली है जिनमें से पाकिस्तान ने 6 सीरीज़ में या तो जीत हासिल की या सीरीज़ को ड्रा करवाया. इस दौरान पाकिस्तान ने 29 टेस्ट मैच खेले जिसमें से पाकिस्तानी टीम 10 टेस्ट जीतने में कामयाब रही जो बाकी टीमों के मुकाबले काफी बेहतर है. वहीं इस दौरान ऑस्ट्रलिया ने इंग्लैंड में 48 टेस्ट मैच खेले जिसमे से कंगारू टीम 21 टेस्ट मैच जीत में कामयाब रही.

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वहीं अगर टीम इंडिया की बात करें तो भारतीय टीम का रिकॉर्ड इंग्लैंड में कुछ खास नहीं है. इस दौरान टीम इंडिया ने 27 टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया लेकिन उसे 4 मैचों में ही जीत स्वाद मिला. वैसा देखा जाए तो इंग्लैंड वो जगह है जहां स्पिन का कभी बोबलबाला नहीं रहा लेकिन फिर भी पाकिस्तान के स्पिनर मुश्ताक अहमद, सकलेन मुश्ताक और यासिर शाह ने जरूर कुछ मौकों पर इंग्लिश बल्ल्बाज़ों को अपनी फिरकी की फांस में फंसाया है.

1987 से खेले गए 29 टेस्ट मुकाबलों में पाकिस्तान के फिरकी के फनकारों ने 40.51 की औसत के साथ 109 विकेट हासिल किए हैं..इंग्लैंड की पिच के नज़रिए से देखा जाए तो इसे इतना बुरा भी नहीं कहा जा सकता.वहीं अगर बात की जाए किसी मेहमान स्पिनर द्वारा सबसे ज्यादा 5 विकेट्स हॉल लेने की तो उसमें टॉप 5 स्पिन गेंदबाज़ों में पाकिस्तान के दो स्पिनर शामिल है.पहले नंबर पर मौजूद है ऑस्ट्रलियाई दिग्गज शेन वॉर्न. वॉर्न ने इंग्लैंड में एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा 8 बार किया है जबकि दूसरे नंबर पर श्रीलंकाई दिग्गज मुथैया मुरलीधरन काबिज़ है. मुरली ने इंग्लैंड में एक पारी में 5 बार 5 बल्लेबाज़ों को अपना निशाना बनाया है. इसके अलावा न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान डेनियल विटोरी भी इस लिस्ट में शामिल है. इंग्लैंड में एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा विटोरी ने दो बार किया है.

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इस लिस्ट में पाकिस्तान के मुश्ताक अहमद और यासिर शाह भी शामिल है. इन दोनों गेंदबाजों के नाम इंग्लैंड की सरज़मी में दो बार एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा है. ये तो बात हुई स्पिनर्स की बात अब करते हैं पाक के सलामी बल्लेबाज़ों की बात. इस बात से सभी वाकिफ है इंग्लैंड की पिच सलामी बल्लेबाज़ों के लिए किसी नरक से कम नहीं है और पाकिस्तान की टीम भी इसकी अपवाद नहीं है. 1987 से नज़र डाले तो पाकिस्तान के ओपनर्स का औसत महज़ 25 है जो टेस्ट मैच खेलने वाले देशों में सबसे खराब है. यही वजह है कि इस दौरान पाकिस्तान इंग्लैंड में अपने 18 सलामी बल्लेबाज़ों को आजमा चुका है लेकिन पाकिस्तान का मिडिल ऑर्डर इंग्लैंड को खबू रास आता है.

1987 से देखा जाए तो पाकिस्तान के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ों का औसत इंग्लैंड में करीब 39 का है (38.82)..सिर्फ ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के मिडिल ऑर्डर का रिकॉर्ड पाकिस्तान के मिडिल ऑर्डर से बेहतर है. ऐसे में इंग्लैंड के लिए इस बार चुनौती कम नहीं है तो दूसरी ओर पाकिस्तान की टीम भी इंग्लैंड में अपने बेहतरीन टेस्ट रिकॉर्ड को बरकरार रखना चाहेगी.