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IPL 2020 : आईपीएल में VIVO को बरकरार रख बुरी फंसी BCCI, कैट और सीएआई ने गृहमंत्री और विदेश मंत्री को लिखा पत्र

बीसीसीआई ने इस साल होने वाले आईपीएल की तैयारियां तेज कर दी हैं. इसका शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है, लेकिन एक मामले में बीसीसीआई बुरी तरह से फंस गई है.

Updated on: 04 Aug 2020, 07:28 AM

New Delhi:

बीसीसीआई (BCCI) ने इस साल होने वाले आईपीएल (IPL 2020) की तैयारियां तेज कर दी हैं. इसका शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है, लेकिन एक मामले में बीसीसीआई बुरी तरह से फंस गई है. आईपीएल 2020 का मुख्‍य प्रायोजक मोबाइल कंपनी वीवो (Vivo IPL) है और यह चीनी कंपनी है. पिलछे लंबे अर्से से इस बात की मांग उठती रही है कि आईपीएल के टाइटल स्‍पॉसर वीवो से बीसीसीआई (BCCI) नाता तोड़े, लेकिन जब रविवार को आईपीएल गवर्निंग बॉडी की मीटिंग हुई तो इस पर चर्चा तो हुई, लेकिन वीवो से नाता तोड़ने का फैसला नहीं हो सका. इसके बाद से लगातार बीसीसीआई का विरोध हो रहा है. खास बात यह भी है कि यूएई में आईपीएल कराने को लेकर अभी तक गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से बीसीसीआई को परमीशन नहीं मिली है, ऐसे में अब यह अपील की जा रही है कि इन दोनों मंत्रालयों को बीसीसीआई को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. 

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व्यापारियों के संगठन कैट ने बीसीसीआई के आईपीएल 2020 के लिए चीनी कंपनी वीवो को ‘टाइटल’ प्रायोजक बरकरार रखने के निर्णय का विरोध किया है. कोविड-19 महामारी के कारण इस साल आईपीएल दुबई में होगा. कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (केट) ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में मांग की है कि सरकार को बीसीसीआई को आईपीएल कराने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. कैट देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के विरोध अभियान की अगुवाई कर रहा है. उसने गृहमंत्री अमित शाह से मामले में जल्‍द संज्ञान लेने और बीसीसीआई को आईपीएल दुबई या कहीं और कराने की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है.

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व्यापारियों के संगठन ने इस बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी पत्र लिखा है. इस बारे में वीवो इंडिया को भेजे ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया है. आईपीएल की संचालन परिषद ने रविवार को चीनी मोबाइल कंपनी वीवो समेत अपने सभी प्रायोजकों को बरकरार रखने का फैसला किया और कोविड-19 के कारण टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात में कराने को मंजूरी दी है. डिजिटल तरीके से आयोजित संचालन परिषद की बैठक में यह निर्णय किया गया कि आईपीएल टूर्नामेंट 19 सितंबर से 10 नवंबर के दौरान आयोजित किया जाएगा.
उधर अखिल भारतीय व्यापारी संघ (सीएआईटी) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अनुरोध किया है कि वे आईपीएल के 13वें संस्करण को दुबई में आयोजित कराने की अनुमति न दें. भारत और चीन के बीच इस समय विवाद चल रहा है लेकिन यह फैसला कानूनी टीम से सलाह के बाद और प्रायोजक करार को ध्यान में रखकर लिया गया है. सीएआईटी ने कहा कि हमने गृह मंत्री अमित शाह और जयशंकर को एक पत्र भेजा है, जिसमें दुबई में आईपीएल को आयोजित करने के लिए बीसीसीआई को मंजूरी नहीं देने की मांग की गई है. यह सरकार की नीति का विरोधाभासी होगा.

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पत्र में सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे में जबकि भारतीय सीमाओं पर चीनी आक्रमण ने भारत में चीन विरोधी भावनाओं को जन्म दिया, तो बीसीसीआई का निर्णय सरकार के फैसलों के विपरीत है. कोविड-19 महामारी के कारण ओलंपिक और विंबलडन जैसे टूर्नामेंटों को रद्द करने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के फैसले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. बीसीसीआई का यह कदम पैसों के प्रति उसकी लालच को दर्शाता है.

(एजेंसी इनपुट)