CAG ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, BCCI शीर्ष परिषद, IPL GC से हटने की इच्छा जताई

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कामकाज में अपनी भूमिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. याचिका पिछले छह महीने के दौरान अपने प्रतिनिधियों के अवलोकन व अनुभव पर आधारित है.

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कामकाज में अपनी भूमिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. याचिका पिछले छह महीने के दौरान अपने प्रतिनिधियों के अवलोकन व अनुभव पर आधारित है.

author-image
Pankaj Mishra
एडिट
New Update
CAG

कैग ( Photo Credit : आईएएनएस )

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) (CAG) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई)(BCCI) के कामकाज में अपनी भूमिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की है. याचिका पिछले छह महीने के दौरान अपने प्रतिनिधियों के अवलोकन व अनुभव पर आधारित है. याचिका में कहा गया है कि एक अलग दृष्टिकोण इस निगरानी के लिए बेहतर होगा और आवेदक सीएजी से संबंधित एक सीमित राहत के लिए प्रार्थना की जाती है.

Advertisment

यह भी पढ़ें ः ENGvsWI : वेस्‍टइंडीज के कप्‍तान जेसन होल्‍डर भूल गए ICC के नियम, VIDEO में देखिए ये क्‍या किया

आईएएनएस के पास मौजूद याचिका की प्रतिलिपि में सीएजी ने कहा है कि उन्होंने बीसीसीआई शीर्ष परिषद और आईपीएल कार्यकारी परिषद के लिए प्रतिनिधि नियुक्त किए हैं और अब तक 18 राज्य संघों ने नामांकन का अनुरोध किया है, जिसके लिए सीएजी को नियुक्त किया गया है. लेकिन वे पुनर्विचार के लिए अनुरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनमें से कुछ नियुक्तियां सीएजी के कानूनों के खिलाफ है और अधिकारियों पर अतिरिक्त बोझा डालती हैं. यह नहीं भूलना चाहिए कि बीसीसीआई में उनकी भूमिका उनकी विशेषज्ञता से अलग है. कैग की याचिका पर टिप्पणी करते हुए बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि यह मुद्दा कभी भी खातों की ऑडिटिंग का था ही नहीं और शरारी तत्व एक हंगामा खड़ा करने के अवसर के रूप में देखते हैं.

यह भी पढ़ें ः IPL 13 : श्रीलंका, UAE या न्‍यूजीलैंड कहां होगा IPL! सौरव गांगुली ने अहमदाबाद का क्‍यों लिया नाम

अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, संघों को न केवल स्वयं के ऑडिट का बल्कि बीसीसीआई के ऑडिट का भी सामना करना पड़ता है. वे पहले से ही दो ऑडिट का सामना कर रहे हैं और यह बिल्कुल भी मुद्दा नहीं है. मुद्दा यह है कि कुछ लोग अपना प्रचार करने के लिए झूठी, भद्दी, और गलत शिकायतें दर्ज करवाते हैं जोकि प्रेरित होती है. कैग ने अपनी याचिका में कहा, शीर्ष परिषद और कार्यकारी परिषद शासन के कार्यों के लिए होती है, और उन्हें प्रबंधन के निर्णय लेने की जरूरत होती है, जहो प्रशासनिक प्रकृति के हैं. जबकि कैग की विशेषज्ञता वित्तीय पारदर्शिता में है, इसलिए बीसीसीआई में कैग नामांकित व्यक्ति द्वारा निभाई गई वर्तमान भूमिका उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र से पूरी तरह से अलग है.
याचिका में आगे कहा गया है कि सीएजी नामित प्रतिनिधि शीर्ष परिषद या आईपीएल कार्यकारी परिषद का एक हिस्सा होने के नाते केवल एक सदस्य हैं, और चूंकि निर्णय बहुमत से लिए जाते हैं, इसलिए कैग के उम्मीदवार को शीर्ष परिषद या आईपीएल जीसी में सदस्य के रूप में शामिल करने का कोई मतलब नहीं है.

Source : IANS

ipl bcci CAG
      
Advertisment