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बॉल टेम्परिंग विवाद में बोले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज, हमें इस मामले की....

पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क, नाथन लियोन और जोश हेजलवुड बॉल टेम्परिंग वाले टेस्ट में आस्ट्रेलियाई अंतिम एकादश टीम का हिस्सा थे.

Updated on: 19 May 2021, 04:14 PM

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ऑस्ट्रेलिया के चार गेंदबाजों पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क, नाथन लियोन और जोश हेजलवुड ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि उन्हें 2018 में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दौरान हुई गेंद से छेड़छाड़ मामले की कोई जानकारी नहीं थी. पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क, नाथन लियोन और जोश हेजलवुड बॉल टेम्परिंग वाले टेस्ट में आस्ट्रेलियाई अंतिम एकादश टीम का हिस्सा थे. इन चारों का बयान ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बैन बैनक्रॉफ्ट के उस बयान के बाद आया है, जिसमें बैनकॉफ्ट ने हाल ही में कहा था कि दक्षिण अफ्रीका में हुई टेस्ट सीरीज के दौरान हुए बॉल टेम्परिंग योजना के बारे में गेंदबाजों को पहले से ही जानकारी थी. 

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2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर केप टाउन टेस्ट के दौरान बल्लेबाज बैनक्रॉफ्ट कैमरे में गेंद से छेड़खानी करते हुए पकड़े गए थे. इसमें तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर भी शामिल थे. बाद में क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने बैन बैनक्रॉफ्ट पर नौ महीने का जबकि डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ पर 12-12 महीने का प्रतिबंध लगा दिया था. पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क, नाथन लियोन और जोश हेजलवुड ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि जब तक हमने बड़ी स्क्रीन पर नहीं देखा था, तब तक हमें पता नहीं था कि गेंद के आकार को बदलने के लिए एक बाहरी पदार्थ का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि जो लोग सबूतों के अभाव के बावजूद इस बात पर जोर देते हैं कि हम किसी विदेशी पदार्थ के इस्तेमाल के बारे में सिर्फ इसलिए जानते होंगे क्योंकि हम गेंदबाज हैं, तो हम उन्हें ये कहना चाहेंगे कि उस टेस्ट मैच के दौरान अंपायर, नाइजल लॉन्ग और रिचर्ड इलिंगवर्थ, दोनों बहुत सम्मानित और अनुभवी अंपायरों ने टीवी कवरेज पर फोटो देखने के बाद गेंद का निरीक्षण किया और इसे नहीं बदला क्योंकि क्षति का कोई संकेत नहीं था.

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चारों गेंदबाजों ने अपने संयुक्त बयान में कहा है कि हम सम्मानपूर्वक इन मामले पर अफवाह फैलाने का काम खत्म करने का अनुरोध करते हैं. ये बहुत लंबा चला गया है और अब आगे बढ़ने का समय है. इसलिए ये देखना निराशाजनक है कि 2018 के केप टाउन टेस्ट के संबंध में हाल के दिनों में कुछ पत्रकारों और पूर्व खिलाड़ियों द्वारा हमारी ईमानदारी पर सवाल उठाया गया है.