हर साल 1 मार्च को विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा संगठन ने की. पहली बार विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस 1990 में मनाया गया. विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस का मकसद नागरिक सुरक्षा के महत्व पर फोकस करना और किसी भी आपात स्थिति में आबादी को आत्मरक्षा के लिए तैयार करना है. यह दिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के लिए बेहद खास है. इस दिन लोगों को दुर्घटनाओं और आपदाओं जैसी आपातकालीन स्थितियों को बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया जाता है. साथ ही प्राकृतिक और मानव निर्मित आपात स्थिति से निपटने के लिए लोगों को सुरक्षा उपायों और सुरक्षा कौशल की जानकारी दी जाती है. इसके अलावा सेल्फ डिफेंस के बारे में भी जागरूक किया जाता है.
यह दिवस नागरिक सुरक्षा के लिए आगे की योजना और रणनीति बनाने के दिन के तौर पर मनाया जाता है.नागरिक सुरक्षा और सेल्फ डिफेंस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन का खास महत्व है. इस दिन हर व्यक्ति अपने जीवन में नागरिक और सेल्फ डिफेंस को लेकर संकल्प लेता है और उसे पूरा करने की कोशिश करता है. पूरी दुनिया के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है.
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कब और कहां हुई शुरुआत
इंटरनेशनल सिविल डिफेंस आर्गेनाइजेशन (ICDO) एक गैर लाभकारी और अंतर सरकारी संगठन है. जो प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं से जीवन, संपत्ति और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए काम करता है. इंटरनेशनल सिविल डिफेंस आर्गेनाइजेशन का संविधान 17 अक्टूबर 1966 को अपनाया गया और 1 मार्च 1972 को इसे लागू किया गया था. अंतर्राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा संगठन की ओर से 1990 में इसे अस्तित्व में लाया गया. तब से 1 मार्च को विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस मनाने की परंपरा चल रही. ICDO हर साल इससे जुड़ी गतिविधियों का संचालन करता है. आज 50 से ज्यादा देश इस संगठन का हिस्सा है.
इससे पहले 1931 में फ्रांसीसी सर्जन-जनरल जॉर्ज सेंट-पॉल ने पेरिस में जेनेवा जोन एसोसिएशन की स्थापना की थी. एसोसिएशन का मकसद बढ़ती जनसंख्या पर प्राकृतिक और अप्रकृतिक हमलों से बचने के लिए एक नागरिक सुरक्षा नियम मुहैया कराना था. किसी भी युद्ध या लड़ाई के समय आबादी की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए नागरिक सुरक्षा दिवस मनाने का फैसला किया गया. यह दिन दुर्घटनाओं या आपदाओं की स्थिति में आत्म-सुरक्षा और निवारक उपायों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करता है.
विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस 2023 की ये है थीम
विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस 2023 की थीम 'भविष्य की पीढ़ियों की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए दुनिया के अग्रणी उद्योग विशेषज्ञों को एकसाथ करना' है. वहीं, विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस 2022 की थीम “नागरिक सुरक्षा और हर घर में सबसे पहले सहायता करना थी. वहीं, वर्ष 2021 की "बच्चों की सुरक्षा, हमारी जिम्मेदारी" रखी गई थीं. पिछले कुछ वर्षों में बाल शोषण और बाल तस्करी की घटनाओं में इजाफा हुआ है, इसे रोकने के लिए यह थीम रखी गई थी. क्योंकि इन चीजों का ध्यान रखना नागरिक सुरक्षा प्रणाली का एक हिस्सा है.
नागरिक सुरक्षा के वो पांच फैक्ट्स, जिससे जानना है जरूरी
फ्रेंच ने सबसे पहले अपनाया
सबसे पहले फ्रांस इसका सदस्य बना. जून 1935 में फ्रांसीसी संसद ने नागरिक सुरक्षा संगठन को अपनाया और 1972 में यह एक अंतर-सरकारी संगठन बना.
हजारों स्वयंसेवकों ने लिया था हिस्सा
अमेरिका में पर्ल हार्बर हमलों के बाद, 23,000 लोगों ने अकेले शिकागो में नागरिक सुरक्षा में शामिल होने के लिए आगे आए और इसके स्वयंसेवक बने.
अमेरिका में एक कछुए ने दी ट्रेनिग
अमेरिका में पहली बार 1950 में इसे व्यावहारिक तौर पर दिखाया गया. एक आर्टिफिसियल कछुए द्वारा परमाणु हमले की स्थिति में कैसे खुद को सुरक्षा उपायों के जरिए बचा जा सकता है. 1950 में बर्ट नामक एक एनिमेटेड कछुए ने अमेरिकी बच्चों को परमाणु हमले की स्थिति में सुरक्षा उपायों के बारे में सिखाया गया.
लोगों को सावधान रहने की जरूरत
कुछ लोग अभी भी नागरिक सुरक्षा के प्रयासों को संभावित विनाशकारी घटनाओं के तौर पर देखते हैं. जो जोखिम भरा फैसला है. नागरिक सुरक्षा को हल्के में नहीं लेना चाहिए. यह जान पर भारी पड़ सकती है. नागरिक सुरक्षा और सेल्फ डिफेंस अपने आप में बचाव का एक बड़ा टूल है.
सिर्फ मुसीबत के समय के लिए नहीं है नागरिक सुरक्षा
नागरिक सुरक्षा दिवस का मकसद सिर्फ मुसीबत के समय बचने के लिए नहीं है. बल्कि इसका उद्देश्य आपदाओं से बचने और आपात स्थिति का प्रबंधन करने के लिए रोकथाम से है.