logo-image

इमरजेंसी के दौरान नरेंद्र मोदी क्या कर रहे थे? आपको जानना चाहिए

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के बाद देश में एक बार इमरजेंसी के वक्त की चर्चाएं होने लगी हैं. बीते दिन राहुल गांधी ने 45 साल पहले देश में लगाई गई इमरजेंसी को गलती माना.

Updated on: 03 Mar 2021, 06:04 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के बाद देश में एक बार इमरजेंसी के वक्त की चर्चाएं होने लगी हैं. बीते दिन राहुल गांधी ने 45 साल पहले देश में लगाई गई इमरजेंसी को गलती माना. राहुल के इस आश्चर्यजनक बयान के बाद देश में फिर से बहस छिड़ गई है. आपातकाल लागू होने के बाद देश में करीब दो साल तक नेताओं को बंदी बनाया गया था. प्रेस की आजादी पर रोक लगाई गई और जबरन नसबंदी को लागू कराया गया. इसी दौर में संघर्ष और आंदोलन कर उभरे कई नेता आज देश में बड़े पदों पर हैं. नीतीश कुमार, रविशंकर प्रसाद, अरुण जेटली, लालू प्रसाद यादव समेत कई दिग्गज नेता इमरजेंसी के दौरान ही सभी की नजरों में आए. लेकिन आज भी लोगों के मन में सवाल उठता है कि जब आपातकाल लागू था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस दौरान कहां थे और क्या कर रहे थे.

यह भी पढ़ें : इमरजेंसी को राहुल गांधी ने माना गलती, बीजेपी बोली- इससे गुनाह खत्म नहीं होगा 

प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नरेंद्र मोदी ने खुद कई बार अपने भाषणों में आपातकाल के दौर का जिक्र किया है और इसकी आलोचना की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट narendramodi.in पर इमरजेंसी के दौर के कुछ किस्से बताए गए हैं. आपातकाल लागू होने के बाद कई नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा था, उस दौरान आरएसएस पूरी तरह से सक्रिय था और अंडरग्राउंड रहकर काम कर रहा था. अन्य आरएसएस के प्रचारकों की तरह नरेंद्र मोदी को भी आंदोलन, सम्मेलनों, बैठकों, साहित्य का वितरण आदि के लिए व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

उन दिनों मोदी नाथा लाल जागडा के साथ-साथ वसंत गजेंद्र गाडकर के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहे थे. इमरजेंसी के दौरान ही आरएसएस पर बैन भी लगा था और कई संघ के प्रचारकों को गिरफ्तार किया गया था. जब वरिष्ठ आरएसएस नेता केशव राव देशमुख को गुजरात में गिरफ्तार कर लिया गया तो मोदी योजना के अनुसार उसके साथ काम करने वाले थे लेकिन फिर देशमुख की गिरफ्तारी की वजह से ऐसा नहीं हो सका. लेकिन मोदी ने तभी आरएसएस के अन्य वरिष्ठ व्यक्ति नाथा लाल जागडा को एक स्कूटर पर ले जाकर सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया.

यह भी पढ़ें : 'इमरजेंसी की तरह ये फैसला भी कांग्रेस के लिए बनता रहा है गले की हड्डी'

इमरजेंसी के दौरान सूचना प्रसारण पूरी तरह से बंद था, लेकिन मोदी ने संविधान, कानून, कांग्रेस सरकार की ज्यादतियों के बारे में जानकारी युक्त साहित्य गुजरात से अन्य राज्यों के लिए जाने वाली ट्रेनों में रखवाई. वेबसाइट पर बताया गया है कि मोदी लगातार भेष बदलकर जेल जाया करते थे , जबकि उन्हें गिरफ्तारी का खतरा बराबर था. इस दौरान वह जेल में नेताओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंचाते थे.