रामनाथ कोविंद ने जानिए कैसे तय किया दलित बस्ती से राष्ट्रपति तक का सफर
रामनाथ कोविन्द का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर देहात जिले की डेरापुर तहसील के अंतर्गत आने वाले एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था. इनके पिता का नाम मैकू लाल और माता का नाम कलावती था.
नई दिल्ली :
रामनाथ कोविन्द 20 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति बने. वह राज्यसभा सदस्य और बिहार राज्य के राज्यपाल रह चुके हैं. कोविंद पेशे से एक वकील है, जिस कारण यह संविधान की अच्छी जानकारी रखते है. देश के 14वें राष्ट्रपति के जन्मदिन पर उनके पूरे जीवन के सफर पर नजर डालें तो एक ऐसी शख्सियत सामने आती है जिसने कठिन संघर्ष से देश के सर्वोच्च नागरिक का पद पाया है. आज उनके 75वें जन्मदिन पर आइए जानें उनके बारे में.
रामनाथ कोविन्द का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर देहात जिले की डेरापुर तहसील के अंतर्गत आने वाले एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था. इनके पिता का नाम मैकू लाल और माता का नाम कलावती था. रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति में सम्मिलित (कोली) जाति से है. इनकी प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम खानपुर के परिषदीय प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में संपन्न हुई थी.
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रामनाथ कोविंद की आगे की पढ़ाई करने के लिए इनका प्रवेश बीएनएसडी इंटरमीडिएट कॉलेज कानपुर नगर में करा दिया गया था. यहां से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की. उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इन्होंने छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में प्रवेश प्राप्त कर लिया, यहां से रामनोथ कोविंद ने बीकॉम और एलएलबी की परीक्षा पास की थी. रामनाथ कोविंद की शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुआ था. रामनोथ कोविंद को एक बेटा जिसका नाम प्रशांत हैं और एक बेटी है जिसका नाम स्वाति है.
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वकालत में करियर
रामनाथ कोविंद ने दिल्ली हाई कोर्ट में वकालत का प्रैक्टिस किया, यहां पर रामनाथ कोविंद ने केंद्र सरकार का वकील रहते हुए कार्य किया. दिल्ली हाई कोर्ट में इनका कार्यकाल साल 1977 से 1979 तक रहा. साल 1980 से 1993 के दौरान केंद्रीय सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल की तरफ से इन्होने सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस किया.
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सियासी सफर
साल 1994 के अप्रैल महीने में रामनाथ कोविंद को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद नियुक्त किया गया था. अपनी बेहतर कार्य क्षमता के आधार पर इन्होने लगातार दो बार राज्यसभा सांसद का पद प्राप्त किया. इस तरह से राज्यसभा में रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 12 साल यानि साल 2006 तक का रहा. रामनाथ कोविंद बीजेपी दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज अध्यक्ष भी रहे चुके हैं. साल 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामंत्री भी रहे चुके हैं. रामनाथ कोविंद बिहार के साल 2015 से 2017 तक राज्यपाल रहे.
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