Advertisment

PM Modi हैं तो मुमकिन है... अमेरिका समझ नहीं पा रहा करें तो क्या करें

रूस पर तमाम तरह के आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद भारत संग जारी सहयोग पर अमेरिका संतुलित रवैया ही अपना रहा है. वह अपने प्रतिबंधों का हवाला तो देते है, लेकिन यह भी कह देता है कि ये भारत पर लागू नहीं होते.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
biden

व्हाइट हाउस और रक्षा सचिव ने भारत-रूस पर व्यक्त की सधी प्रतिक्रिया.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के बाद अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर थोपे गए तमाम आर्थिक प्रतिबंधों (Sanctions) के बावजूद भारत-रूस द्विपक्षीय सौदे बदस्तरूर जारी हैं. स्थिति यह है कि इसी बीच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) समेत ऑस्ट्रेलिया ने विगत दिनों ही भारत के साथ मुक्त व्यापार (Free Trade) समझौता किया है. जाहिर है रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के रूप में परोक्ष युद्ध छेड़े अमेरिका के लिए यह टीसता घाव जैसा है. इस कड़ी में सबसे पहले भारत दौरे पर आए अमेरिका के डिप्टी एनएसए दिलीप सिंह (Dalip Singh) ने भारत को रूस से आयात जारी रखने पर चेतावनी दी. जवाब में उन्हें भारतीय नेतृत्व और कटनीतिज्ञों की कड़ी प्रतिक्रिया सहनी पड़ी. अब व्हाइट हाउस और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन (llyod Austin) भारत को रूस को लेकर नसीहत दे रहे है, लेकिन बेहद सधे शब्दों में. दोनों ने ही अलग-अलग सुरों में रूस से आयात बढ़ाने पर प्रतिबंधों का हवाला दे रहे हैं, लेकिन भारत (Modi Government) का पक्ष लेना नहीं भूल रहे. 

एक कदम आगे दो कदम पीछे वाली प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने रूस पर कई सख्त प्रतिबंध लगाए हैं. इनके तहत रूस से होने वाले कच्चे तेल व अन्य सामानों के आयात व निर्यात पर रोक लगा दी है. हालांकि भारत, रूस से कच्चा तेल और अन्य कमोडिटी आयात कर रहा है. इस मुद्दे पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है. व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि रूस से ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के आयात में तेजी या वृद्धि करना भारत के हित में नहीं है. इसके साथ ही अमेरिका ने भारत से मॉस्को पर अपनी निर्भरता को कम करने और मदद के लिए साथ काम करने की पेशकश की है.

यह भी पढ़ेंः Delhi Under Triple Attack: आज पेट्रोल- डीजल समेत CNG के भी बढ़े दाम

व्हाइट हाउस ने चेताया फिर स्पष्टीकरण दिया
हालांकि व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने भारत को नसीहत देने के लिए डिप्टी एनएसए दिलीप सिंह के दिल्ली दौरे को ही आधार बनाया है. उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह दिलीप सिंह की नई दिल्ली यात्रा के संबंध में जेन साकी ने ब्यौरा देते हुए कहा कि, उन्होंने अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में समझाया और दोहराया कि किसी भी देश या संस्था को इसका पालन करना चाहिए. भारत दौरे के दौरान उन्होंने भारतीय अधिकारियों से कहा कि रूस से ऊर्जा या अन्य वस्तुओं का आयात बढ़ाना भारत के हित में नहीं है. वहीं साकी ने कहा कि भारत रूस से ऊर्जा का जो आयात कर रहा है वह उसकी कुल ऊर्जा के आयात का केवल एक से दो प्रतिशत है. हालांकि जेन साकी स्पष्ट करना नहीं भूलीं कि रूस से ऊर्जा के लिए नई दिल्ली से किए जा रहे भुगतान पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं.

यह भी पढ़ेंः  Sri Lanka: बढ़ते जनाक्रोश और अल्पमत में आए राष्ट्रपति ने हटाई इमरजेंसी

रक्षा सचिव का रक्षा सौदों पर अमेरिकी मदद का आह्वान
इसके बाद अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत निकट भविष्य में रूसी सैन्य उपकरणों पर अपनी निर्भरता को कम करेगा. ऑस्टिन ने सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा, 'हम यह सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ काम कर रहे हैं. हमारा मानना है कि रूसी उपकरणों में निवेश जारी रखना उनके हित में नहीं है.' ऑस्टिन ने कहा, 'आगे हमारी मांग यह है कि भारत उन उपकरणों के प्रकारों को कम करें जिनमें वे निवेश कर रहे हैं और बल्कि उन इक्विपमेंट्स को खरीदें जो अधिक अनुकूल हों.' हालांकि यहां भी रक्षा सचिव कांग्रेसी जो विल्सन से कहना नहीं भूले कि अगर हम बिक्री पर कुछ प्रतिबंधों को खत्म कर दें तो भारत अच्छा सहयोगी हो सकता है.

HIGHLIGHTS

  • रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों से तमाम देशों पर पड़ रहा असर
  • भारत लगातार जारी रखे है मॉस्को से अपने द्विपक्षीय संबंध
  • अमेरिका नसीहत दे लगातार कर रहा है मदद का आश्वासन
दिलीप सिंह russia भारत रूस मोदी सरकार Modi Government Dalip Singh संयक्त अरब अमीरात INDIA Llyod Austin Sanctions प्रतिबंध लॉयड ऑस्टिन Free Trade यूक्रेन ukraine UAE
Advertisment
Advertisment
Advertisment