चीन की चालबाजी: सरहद पर घुसपैठ का दुस्साहस और राग बातचीत का

एक तरफ चीन बार बार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है, जिसे भारतीय जवान हर बार नाकाम कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ ड्रैगन विश्वपटल पर शांति का राग अलाप रहा है.

एक तरफ चीन बार बार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है, जिसे भारतीय जवान हर बार नाकाम कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ ड्रैगन विश्वपटल पर शांति का राग अलाप रहा है.

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Dalchand Kumar
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चीन की चालबाजी: सरहद पर घुसपैठ का दुस्साहस और राग बातचीत का( Photo Credit : फाइल फोटो)

विस्तारवादी नीति के साथ चीन की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चालबाजी जारी है. जहां एक तरफ चीन बार बार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है, जिसे भारतीय जवान हर बार नाकाम कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ ड्रैगन विश्वपटल पर शांति का राग अलाप रहा है. चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी का कहना है कि चीन भारतीय सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स से चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन-भारत (China India) के बीच सीमा का सीमांकन अभी तक नहीं हुआ है, इसलिए समस्याएं हैं. उन्होंने कहा कि चीन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को मजबूती से बनाए रखना चाहता है. वांग यी ने कहा कि चीन इस विषय पर भारतीय पक्ष के साथ बातचीत के माध्यम से सभी प्रकार के मुद्दों का हल निकालने के लिए तैयार है.

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मगर सच्चाई यह है कि चीन और भारत के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के समाधान के लिए कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई. चीन अपनी विस्तारवादी नीति को आगे बढ़ाने के लिए लगातार चाल चल रहा है. ताजा घटना में धोखेबाज चीन ने फिर से घुसपैठ की कोशिश की. चीन की सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात एकतरफा तरीके से पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने के लिए उकसावेपूर्ण सैन्य गतिविधि की. हालांकि चीन की इस चालबाजी को भारतीय सैनिकों ने असफल कर दिया. असलियत यह भी है कि चीन, भारत के साथ लद्दाख के अलावा और भी नए फ्रंट खोलने की फिराक में है. इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड और हिमाचल के 5 ऐसे सीमावर्ती इलाके हैं, जिनमें चीन घुसपैठ की कोशिश कर सकता है. हालांकि चीन की धोखेबाजी से भारत पूरी तरह परिचित हैं. मसलन इन सभी इलाकों में सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. इन इलाकों में चीन समय समय पर ट्रांसग्रेशन करता रहा है.

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ऐसी भी रिपोर्ट है कि चीन ने लंबी दूरी के लड़ाकू विमान जे-20 और कई अन्य प्रमुख परिसंपत्तियों को रणनीतिक रूप से स्थित होतान एयरबेस पर तैनात किया है जो पूर्वी लद्दाख से लगभग 310 किलोमीटर दूर स्थित है. चीन के इरादों को भांप भारत ने भी अपने सभी प्रमुख लड़ाकू विमानों जैसे सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 विमान पूर्वी लद्दाख के प्रमुख सीमावर्ती एयरबेस और वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अन्य स्थानों पर तैनात कर दिए हैं.

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भारतीय वायुसेना ने चीन को परोक्ष तौर पर यह स्पष्ट संदेश देने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में रात के समय हवाई गश्त की कि वह पहाड़ी क्षेत्र में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. भारतीय वायुसेना ने साथ ही पूर्वी लद्दाख में अपाचे लड़ाकू हेलीकाप्टरों के साथ-साथ विभिन्न अग्रिम स्थानों पर सैनिकों को पहुंचाने के लिए चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों को भी तैनात किया है. गौरतलब है कि भारत और चीन ने पिछले ढाई महीनों में कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की है, लेकिन पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के समाधान के लिए कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई. बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर है. झड़प से पहले दोनों पक्ष इस बात पर जोर देते रहे हैं कि सीमा मुद्दे का हल होने तक सीमा क्षेत्रों में शांति बरकरार रखना जरूरी है.

HIGHLIGHTS

  • चीन की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चालबाजी जारी
  • चीन की घुसपैठ की कोशिश नाकाम तो अब बातचीत का राग
  • भारत और चीन में सीमा विवाद 3,488 किमी लंबी एलएसी पर
  • कई दौर की बातचीत के बाद भी चीन ने हर बार किया धोखा

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