पड़ गया भारी इमरान खान का 'लादेन प्रेम', पाक परस्त आतंकी ही बने 'भस्मासुर'

अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत समेत दूसरे मुल्कों के लिए आतंकी गतिविधियों के लिए करने वाला इस्लामाबाद आज खुद आतंक से लहूलुहान पड़ा कराह रहा है.

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Nihar Saxena
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Imran Khan

पाक परस्त आतंकी संगठन ही बने अब 'भस्मासुर'( Photo Credit : न्यूज नेशन)

अभी कुछ ही दिन बीते होंगे जब पाकिस्तान (Pakistan) के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) ने संसद में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिल लादेन (Osama Bin Laden) को 'शहीद' बताया था और सोमवार को ही कराची का स्टॉक एक्सचेंज आतंकी हमले के खून से लाल हो गया. देश की आर्थिक राजधानी में हुआ यह आतंकी हमला बताता है कि पाकिस्तान के लिए आतंकियों औऱ आतंकी संगठनों की परवरिश अब उसके लिए भस्मासुर बन चुकी है. अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत समेत दूसरे मुल्कों के लिए आतंकी गतिविधियों के लिए करने वाला इस्लामाबाद आज खुद आतंक से लहूलुहान पड़ा कराह रहा है.

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शुरू से भारत करता रहा संकेत
पाकिस्तान ने आतंकवाद का इस्तेमाल हमेशा से भारत के खिलाफ अपनी विदेशी कूटनीति की तरह किया है. भारत के खिलाफ शत्रुता का आलम यह है कि अपने जन्म से पहले ही भारत को अपना कट्टर शत्रु मान चुका पाकिस्तान हर उस शख्स को शरण देने या छिपाने के लिए तैयार है, जो भारत का दुश्मन हो. हाफिज सइद से लेकर दाऊद इब्राहिम तक इसके अनगनित उदाहरण हैं. भारत भी इस बात को समझता है और शुरू से वैश्विक समुदाय का ध्यान इस ओर आकर्षित कराता रहा है. देर से ही सही, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब पाकिस्तान का असल चेहरा पहचान गया है और इस कारण तमाम तरह के प्रतिबंधों से उसे बांधने की कोशिश कर रहा है.

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अब कहीं जाकर पाकिस्तान पर लग सके प्रतिबंध
इस दिशा में सबसे बड़ा कदम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ओर से पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में रखा गया है. पेरिस की संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने बुधवार को अपनी पूर्ण बैठक के अंतिम दिन तय किया कि पाकिस्तान को ग्रे सूची (संदिग्ध सूची) में ही रहने दिया जाए. पाक पर आरोप है कि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को मिलने वाले धन पर रोक लगाने में असफल रहा है. भारत के खिलाफ लगातार आतंकी गतिविधियों के लिए खाद-पानी मुहैया कराने वाले पाकिस्तान पूरी दुनिया में इस कारण बदनाम हो चुका है. दुनिया के देश उसे आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह मानते रहे हैं.

खुद भी लहूलुहान है पाकिस्तान
जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को अपनी जमीन मुहैया कराने वाले पाकिस्तान ने इन आतंकी संगठनों का इस्तेमाल कई बार अपने फायदे के लिए किया है, लेकिन कई बार उनके पाले ये भस्मासुर उन्हीं पर हमला करते रहते हैं. भले ही वह लाल मस्जिद का उदारहण हो या कराची में सोमवार को हुआ आतंकी हमला. पाकिस्तान भी इसकी चपेट में आता रहा है. गौरतलब है कि अमेरिकी हमले का मास्टर माइंड और दुनिया का मोस्ट वांटेंड आतंकवादी ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान के एबटाबाद में ही मारा गया था.

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इमरान ने लादेन को बताया 'शहीद'
आतंकवाद के खात्मे को लेकर पाकिस्तान का क्या रुख है यह प्रधानमंत्री इमरान खान के देश की संसद में दिए बयान से साफ हो जाता है. दुनियाभर में खूंखार आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को खान ने 'शहीद' करार दिया है. खान ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया जब पहले ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के खिलाफ कोई कदम न उठाने और आतंकी संगठनों को पनाह देने का आरोप उस पर लग रहा है. यही नहीं, खान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का साथ नहीं देना चाहिए था.

फौज के पिट्ठु बन चुके आतंकी संगठन
आज यह स्थिति आ चुकी है पाकिस्तान की जमीन पर उसके ही पैसों से पलने वाले आतंकी संगठन सीधे-सीधे पाकिस्तानी फौज से निर्देश प्राप्त करते हैं. यहां यह भूलना नहीं चाहिए कि आतंकी संगठनों का इस्तेमाल राजनीतिज्ञ संबंधों के हिसाब से भी किया जाता है. याद करें जनरल मुशर्रफ पर हुए कई बार आतंकी हमले. यह इस बात को समझाने के लिए काफी है कि नापाक सरजमीं पर पलने वाले आतंकी संगठन अपने ही 'आका' को काटने में भी अब पीछे नहीं है. पाकिस्तान में ठिकाना लिए आतंकी उसे ही कई बार नुकसान पहुंचा चुका है. कई आत्मघाती हमले में पाकिस्तान में सैकड़ों लोग मारे गए हैं.

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बड़े आतंकी हमले
2014
पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले में 141 से ज्यादा लोग मारे गए थे जिनमें 132 से ज्यादा बच्चे थे. इस हमले पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी सगंठन तहरीक-ए-तालिबान ने ली थी, जिसे खुद पाकिस्तान ने पाला था.

2017
सिंध प्रांत के शाहबाज कलंदर दरगाह में हुए एक आत्मघाती हमले में 100 से ज्यादा लोगो मारे गए थे.

2017
लाहौर में हुए एक आतंकी धमाके में 16 लोगों की मौत हो गई थी. इसी साल 21 जनवरी को पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास धमाके की वजह 25 लोग मारे गए थे.

7 अगस्त 2016
क्वेटा के सिविल अस्पताल में एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था. इस हमले में 70 लोगों की मौत हुई थी.

Source : News Nation Bureau

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