नहीं सुधरेगा चीन, अब LAC पर बना रहा मॉड्यूलर आर्मी शेल्टर
अब चीन एक बार फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगे इलाकों में अपनी नापाक साजिशों को मूर्त रूप दे रहा है.
highlights
- एलएसी पर 8 जगहों पर किया चीन ने आर्मी शेल्टर का निर्माण
- यानी निकट भविष्य में चीन नहीं हटाएगा अपने पीएलए सैनिक
- भारत ने भी तैनात कर रखे हैं 50 हजार सैनिक और तोपखाना
नई दिल्ली:
बीते साल पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में हिंसा के बाद भारत (India) और चीन के बीच जारी तनाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. यह तब है जब भारत-चीन (China) के बीच दर्जन भर सैन्य और कूटनीतिक स्तर की बातचीत हो चुकी है. इसकी एक वजह ड्रैगन का अड़ियल रवैया या बीच-बीच में की जाने वाली उकसावे वाली कार्रवाई है. अब चीन एक बार फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगे इलाकों में अपनी नापाक साजिशों को मूर्त रूप दे रहा है. हालिया खुफिया रिपोर्ट से पता चला है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) पूर्वी लद्दाख के सामने एलएसी के साथ कम से कम 8 जगहों पर अपने सैनिकों के लिए नए मॉड्यूलर कंटेनर शेल्टर का निर्माण कर रहा है.
संकेत है कि चीन नहीं हटाने वाला पीएलए सैनिक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह नए आर्मी शेल्टर उत्तर में काराकोरम दर्रे से लेकर वहाब ज़िल्गा, पियू, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशीगोंग, मांज़ा और चुरुप तक फैले हुए हैं. यह इलाका एलएसी के पास दक्षिण में आता है. इस घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र के मुताबिक प्रत्येक शेल्टर में सात समूहों में 80 से 84 कंटेनर बनाए गए हैं. ये नए शेल्टर इस बात का संकेत हैं कि बीजिंग प्रशासन आने वाले समय में भी अग्रिम मोर्चे से अपने सैनिकों को हटाने की कोई मंशा नहीं रखता है. इसके पहले अप्रैल-मई में सैन्य गतिरोध के बाद चीन ने एलएसी के पास सैनिकों के लिए घरों का निर्माण किया था.
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भारत-चीन के 50 हजार सैनिकों का जमावड़ा
रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन दोनों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर होवित्जर, टैंक और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल समेत 50 हजार सैनिकों की तैनाती की हुई है. दोनों देश तनाव कम करने के प्रयासों के बीच ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में अपने सैनिकों की अदला-बदली कर तैनात कर रहे हैं. इसके अलावा भारत औऱ चीन ने एक-दूसरे पर परस्पर नजर रखने के लिए विमान और ड्रोन तैनात कर रखे हैं. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 3,488 किमी लंबे एलएसी पर कई जगहों पर विवाद है. ड्रैगन अरुणाचल को तिब्बत का हिस्सा बताकर अपना दावा करता है, जबकि भारत ने साफ कर दिया है कि एक इंच जमीन पर भी कोई घुसपैठ नहीं कर सकता. भारत और चीन के बीच पैंगोंग लेक के किनारे, गोगरा हाइट्स और हॉटस्प्रिंग इलाके का विवाद है.
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