अयोध्या के बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि की राह में कांग्रेस का अड़ंगा, डाली ये याचिका

कांग्रेस पार्टी एक बार फिर अपरोक्ष रूप से मामले के खिलाफ कोर्ट पहुंच गई है. मथुरा से 2019 में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे महेश पाठक ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर हिंदू संगठनों की याचिका खारिज करने की मांग की है.

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
mathura temple

अयोध्या के बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि की राह में कांग्रेस का अड़ंगा( Photo Credit : न्यूज नेशन)

अयोध्या मामले का सुप्रीम कोर्ट से हल निकलने के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला भी कोर्ट में पहुंच चुका है. सत्र न्यायालय से मामला खारिज होने के बाद मामला जिला अदालत में है. कांग्रेस पार्टी एक बार फिर अपरोक्ष रूप से मामले के खिलाफ कोर्ट पहुंच गई है. मथुरा से 2019 में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे महेश पाठक ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर हिंदू संगठनों की याचिका खारिज करने की मांग की है. महेश पाठक ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले से मथुरा की शांति व्यवस्था भंग हो सकती है. 

Advertisment

यह पहला मामला नहीं है जब कांग्रेस हिंदुओं की आस्था से जुड़े किसी मामले को लेकर कोर्ट पहुंची हो. इससे पहले भी कांग्रेस अयोध्या मामले को लेकर दो बार कोर्ट पहुंची और उसकी जमकर किरकिरी भी हुई. 2007 में रामसेतु को लेकर तत्कालीन यूपीए सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा गया था कि रामसेतु का कोई अस्तित्व नहीं है. राम सिर्फ काल्पनिक पात्र हैं. कांग्रेस के इस बयान पर उसकी जमकर आलोचना की गई थी.  

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस में अंदरूनी कलह उभरी, बिहार में हार के बाद असंतुष्टों ने की बैठक

मथुरा की शांति व्यवस्था बिगड़ने का दिया हवाला
महेश पाठक ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में दाखिल याचिका में कहा कि इस मामले से शहर की शांति व्यवस्था भंग हो सकती है. गौरतलब है कि महेश पाठक कांग्रेस के टिकट पर मथुरा से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. वह अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. उनकी याचिका के बाद एक बार फिर कांग्रेस के रुख को लेकर सवाल उठने लगे हैं. 

कांग्रेस के विवादित बयान

-2007 में रामसेतु को लेकर तत्कालीन यूपीए सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा गया था कि रामसेतु का कोई अस्तित्व नहीं है. राम सिर्फ काल्पनिक पात्र हैं.  

-कांग्रेस नेता शशि थरूर बयान दिया कि अच्छा हिंदू नहीं चाहता कि मस्जिद को तोड़कर श्रीराम का मंदिर बने

-कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को दौरान कहा कि कोर्ट को अयोध्या पर फैसला 2019 के चुनाव के बाद देना चाहिए. 

-अगस्त 2010 में तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने भगवा आतंकवाद का सबसे पहले प्रयोग किया. उन्होंने कहा कि कई आतंकी वारदातों में भगवा आतंक के शामिल होने के सबूत मिले हैं. 

-27 मार्च 2020 को तमिलनाडु कांग्रेस की नेता ज्योथिमनी ने टीवी पर रामायण के री-टेलीकास्ट को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि गरीब भूखे मर रहे हैं और सरकार लोगों को रामायण दिखा रही है.  

यह भी पढ़ेंः ममता बनर्जी ने खेला 'बोस कार्ड', नेताजी की जयंती पर छुट्टी की मांग

यह था 1968 का समझौता
मथुरा में शादी ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि से लगी हुई बनी है. इतिहासकार मानते हैं कि औरंगजेब ने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट कर दिया था और शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था. 1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी के हिंदू राजा को जमीन के कानूनी अधिकार सौंप दिए थे जिस पर मस्जिद खड़ी थी.

बता दें कि 1951 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट बनाकर यह तय किया गया कि वहां दोबारा भव्य मंदिर का निर्माण होगा और ट्रस्ट उसका प्रबंधन करेगा. इसके बाद 1958 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ नाम की संस्था का गठन किया गया था. कानूनी तौर पर इस संस्था को जमीन पर मालिकाना हक हासिल नहीं था, लेकिन इसने ट्रस्ट के लिए तय सारी भूमिकाएं निभानी शुरू कर दीं.

पहले कब पहुंचा था कोर्ट में मामला?
इससे पहले मथुरा के सिविल जज की अदालत में एक और वाद दाखिल हुआ था जिसे श्रीकृष्‍ण जन्‍म सेवा संस्‍थान और ट्रस्‍ट के बीच समझौते के आधार पर बंद कर दिया गया. 20 जुलाई 1973 को इस संबंध में कोर्ट ने एक निर्णय दिया था. अभी के वाद में अदालत के उस फैसले को रद्द करने की मांग की गई है. इसके साथ ही यह भी मांग की गई है कि विवादित स्‍थल को बाल श्रीकृष्‍ण का जन्‍मस्‍थान घोषित किया जाए.

यह ऐक्ट बन सकता है रुकावट
हालांकि इस केस में Place of worship Act 1991 की रुकावट है. इस ऐक्ट के मुताबिक, आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को जो धार्मिक स्थल जिस संप्रदाय का था, उसी का रहेगा. इस ऐक्ट के तहत सिर्फ रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को छूट दी गई थी.

Source : News Nation Bureau

महेश पाठक shri krishna janambhoomi congress Ayodhya mathura
      
Advertisment