Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध अपने चरम पर है. रूस का आरोप है कि उसने अमेरिका निर्मित ATACMS से अटैक किया है. ये एक बैलेस्टिक मिसाइल है, जिसे आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) नाम से जाना जाता है. इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन को 3 मिसाइलों से रूस के अंदर तक हमला करने की इजाजत दे दी थी. ये मिसाइल इतनी पावरफुल है कि इसके मिलते ही यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy News) का जोश डबल हो गया.
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जेलेंस्की की रूस को धमकी
रूस में ATACMS हमलों की रिपोर्ट के बारे में जेलेंस्की ने कहा, ‘यूक्रेन के पास लंबी दूरी की क्षमताएं हैं, यूक्रेन के पास खुद के बनाए हुए लंबी दूरी के ड्रोन हैं. हमारे पास 'लंबे' नेप्च्यून हैं. अब हमारे पास ATACMS हैं, और हम उन सभी का उपयोग करेंगे.’ यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का ये बयान दिखा रहा है कि रूस के साथ उसकी जंग जल्द थमने वाली नहीं है. आने वाले दिनों में और भी ऐसे हमले रूस में देखने को मिल सकते हैं.
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इनमें पहली मिसाइल अमेरिका की ATACMS है, जो 300 किलोमीटर दूर तक हमला करने में सक्षम है. दूसरी मिसाइल ब्रिटेन की स्टॉर्म शैडो है, जो 500 किलोमीटर तक हमला कर सकती है. यूक्रेन (Ukraine News) को दी गई NATO की तीसरी मिसाइल स्कैल्प है, जो 500 किलोमीटर तक मार करती है. यूक्रेन ने जिस ATACMS से रूस पर हमला किया उसका शॉर्ट नेम अटैक-देम्स भी है. ATACMS का निर्माण अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने किया है. ये यूक्रेन को दी गई सबसे शक्तिशाली बैलिस्टिक मिसाइलों में से एक है.
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ATACMS मिसाइल की खासियतें (ATACMS Missile Features)
अटैक-देम्स मिसाइल सिस्टम एक सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. ये मिसाइल 305 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. 3704 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हमला कर सकती है. 180 किलोग्राम का वारहेड अपने साथ ले जा सकती है. हर मिसाइल की कीमत करीब 12.66 करोड़ रुपए है.
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इस मिसाइल को ट्रैक्ड एम270 मल्टिपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम यानी MLRS या M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम यानी HIMARS से दागा जाता है. अमेरिका ने पहली बार इन मिसाइलों का इस्तेमाल 1991 के खाड़ी युद्ध में इराक में किया था. इस घातक मिसाइल की लंबाई 12 फीट और विंगस्पैन 55 फीट है, जबकि इसका वज़न करीब 1670 किलोग्राम है.
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