ISRO: दूसरे देशों के सैटेलाइट लॉन्च कर भी कमाई करता है इसरो, पिछले 10 सालों में की इतनी इनकम

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो अंतरिक्ष की दुनिया में नए कीर्तिमान बना रही है. इसके साथ ही ये कमाई के मामले में काफी आगे है. क्योंकि इसरो विदेशी सैटेलाइट लॉन्च कर खूब कमाई कर रहा है. चलिए जानते हैं कैसे?

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो अंतरिक्ष की दुनिया में नए कीर्तिमान बना रही है. इसके साथ ही ये कमाई के मामले में काफी आगे है. क्योंकि इसरो विदेशी सैटेलाइट लॉन्च कर खूब कमाई कर रहा है. चलिए जानते हैं कैसे?

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Suhel Khan
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ISRO Mission

विदेशी सैटेलाइट की लॉन्चिंग से हो रही इसरो की कमाई Photograph: (ISRO)

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पिछले कुछ सालों में कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं. बुधवार (24 दिसंबर, 2025) को इसरो ने इस साल का अपना आखिरी मिशन लॉन्च कर इतिहास रच दिया. दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार को सबसे बड़े और सबसे भारी संचार उपग्रह ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को लॉन्च किया. जिसे सफलतापूर्वक पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया गया. जो एक अमेरिकी कंपनी का सैटेलाइट है. इस सैटेलाइट से दुनियाभर में मोबाइल नेटवर्क बेहतर होगा. इस मिशन से इसरो कमर्शियल सेक्टर में अपनी मजबूत पकड़ बनाएगा.

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विदेशी सैटेलाइट लॉन्च कर इसरो ने की इतनी कमाई

बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अपने मिशन और सैटेलाइट्स के अलावा विदेशी सैटेलाइट्स को भी लॉन्च करती है. इन सैटेलाइट्स को लॉन्च करने के लिए इसरो भारी भरकम फीस वसूलता है. यही वजह से है कि इसरो ने पिछले करीब दस साल में विदेशी सैटेलाइट लॉन्च करके इसरो ने 439 मिलियन डॉलर यानी करीब 3900 करोड़ रुपये कमाए हैं. इस बात की जानकारी इसी साल बजट सत्र के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में दी थी.

अमेरिका समेत इन देशों के सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है इसरो

बता दें कि ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 नाम के जिस सैटेलाइट को इसरो ने आज लॉन्च किया है वह अमेरिकी कंपनी का है. अमेरिका के अलावा भी इसरो कई देशों के सैलेलाइट लॉन्च कर चुका है. इसरो के ग्राहकों की सूची में अमेरिका के अलावा इंग्‍लैंड, जर्मनी, इटली और कनाडा जैसे देश शामिल हैं. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया था कि जनवरी 2015 से दिसंबर 2024 के बीच इसरो ने 393 विदेशी सैटेलाइट और 3 भारतीय कस्टमर सैटेलाइट को लॉन्च किया. जिसके लिए इसरो ने PSLV, LVM3 और SSLV लॉन्च व्हीकल्स के माध्यम से प्रक्षेपित किया.

भारतीय कस्टमर सैटेलाइट को भी लॉन्च कर चुका है इसरो

बता दें कि बजट सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि, 'जनवरी 2015 से दिसंबर 2024 तक, कुल 393 विदेशी सैटेलाइट और 3 भारतीय कस्टमर सैटेलाइट को वाणिज्यिक आधार पर लॉन्च किया. केंद्रीय मंत्री ने बताया था कि, इसी अवधि के दौरान विदेशी सैटेलाइट की लॉन्चिंग से सरकार का विदेशी मुद्रा राजस्व लगभग 143 मिलियन डॉलर और 272 मिलियन यूरो रहा. जो करीब 272 मिलियन यूरो या 296 मिलियन डॉलर के बराबर रहा.

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कितने देशों के सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है इसरो?

केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में जानकारी दी थी कि 2014 से भारत ने 34 देशों के सैटेलाइट लॉन्च किए. इनमें सबसे ज्यादा अमेरिका के 232 सैटेलाइट शामिल थे. इसके बाद इंग्लैंड के 83, सिंगापुर के 19, कनाडा के 8, कोरिया के 5 सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग की गई. जबकि लक्जमबर्ग और इटली के 4-4 सैटेलाइट्स को भी इसरो ने लॉन्च किया. इसके अलावा जर्मनी, बेल्जियम, फिनलैंड और फ्रांस के 3-3 सैलेलाइट्स को भी इसरो ने अंतरिक्ष में भेजा.

वहीं स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, जापान, इजरायल और स्पेन के भी 2-2 सैटेलाइट्स लॉन्च किए गए. जबकि ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रिया के एक-एक सैटेलाइट को भी इसरो ने बीते दस सालों में लॉन्च किया है. केंद्रीय मंत्री ने बताया था कि वर्तमान में इसरो की दुनियाभर के 61 देशों के साथ साझेदारी है.

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