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Noida में पालतू जानवर ने किसी को घायल किया तो 10 हजार जुर्माना, जानें अन्य नए नियम

नोएडा वासियों को 1 फरवरी 2023 से पहले 500 रुपये के वार्षिक शुल्क का भुगतान कर नोएडा प्राधिकरण के एप NAPR पर अपनी पालतू बिल्लियों और कुत्तों को पंजीकृत करना होगा. ऐसा नहीं करने पर हर गुजरते महीने के हिसाब से 2 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा.

Updated on: 19 Nov 2022, 08:00 PM

highlights

  • 1 फरवरी 2023 से पहले कराएं पालतू कुत्तों और बिल्लियों का पंजीकरण
  • इसी के साथ 1 फरवरी से पहले नसबंदी और रेबीज रोधी टीका भी लगवाएं
  • नोएडा प्राधिकरण का नियमों में लापरवाही पर जुर्माने का प्रावधान भी है

नई दिल्ली:

इस सप्ताह नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक के दौरान पालतू जानवरों के पंजीकरण और उनसे जुड़े हादसों के लिए जुर्माने के संबंध में कई नीतियां बनाई गईं. इन नीतियों पर पिछली कुछ घटनाओं के बाद से काम चल रहा था. खासकर नोएडा की विभिन्न सोसाइटियों में आवारा और पालतू कुत्ते के काटने की घटनाओं के बाद पशु प्रेमियों और उनका विरोध करने वालों के बीच वाद-विवाद की कई घटनाएं सामने आने के बाद इन पर काम शुरू हुआ था. हालांकि नोएडा के सेक्टर 100 में एक आवारा कुत्ते द्वारा नवजात को बुरी तरह से भभोड़ने के बाद पालतू और आवारा जानवरों को लेकर नए नियमों और नियमों की आवश्कता ज्यादा महसूस की जाने लगी थी. इस बच्चे के माता-पिता एक कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे थे, जब आवारा कुत्ते ने उनके बच्चे पर हमला बोल बुरी तरह से जख्मी कर दिया था.

1 फरवरी 2023 से पहले कराएं पालतू जानवरों का पंजीकरण
सबसे पहले तो नोएडा वासियों को 1 फरवरी 2023 से पहले 500 रुपये के वार्षिक शुल्क का भुगतान कर नोएडा प्राधिकरण के एप NAPR पर अपनी पालतू बिल्लियों और कुत्तों को पंजीकृत करना होगा. इसके साथ ही उन्हें 1 फरवरी 2023 से पहले ही अपने पालतू जानवरों की नसबंदी कराने के साथ ही रेबीज रोधी टीकाकरण भी कराना होगा. इस काम में विलंब होने पर प्रति माह के हिसाब से 2 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. इसके साथ पालतू जानवरों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने पर उसकी साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी उनके मालिकों की होगी. 

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काटने पर मालिक को देना होगा 10 हजार का जुर्माना
नोएडा प्राधिकरण ने पहले घोषणा की थी कि पालतू जानवरों द्वारा किसी को घायल करने पर उनके मालिकों से 1 मार्च 2023 से 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. हालांकि बाद में नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पालतू जानवर द्वारा घायल किए जाने की घटनाओं के सामने आने के बाद उनके मालिकों से 10 हजार जुर्माना तो वसूला ही गया. साथ में बच्चों के उपचार का पूरा खर्च भी वहन करने को कहा गया.

बनाए जाएंगे डॉग शेल्टर्स
बार-बार पालतू और आवारा कुत्तों की लड़ाई को कम करने के उद्देश्य से प्राधिकरण अपने खर्च पर डॉग शेल्टर स्थापित करने का भी इरादा रखता है, जिसकी बाद में स्थानीय आरडब्ल्यूए देखभाल करेगा. इन डॉग शेल्टर्स में बीमार और आक्रामक कुत्तों को रखा जाएगा. इसके साथ ही आरडब्ल्यूए और पशु प्रेमियों के सहयोग से फीडिंग जोन भी स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए स्थानों के चयन में आरडब्ल्यूए और पशु प्रेमियों से सलाह-मशविरा किया जाएगा. इसके पहले नोएडा प्राधिकरण ने आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए सेक्टर 94 में अपनी सुविधाओं को और बढ़ाने के प्रयासों की घोषणा की थी. फिलवक्त यहां 40 से 50 कुत्तों की नसबंदी प्रति दिन करने की क्षमता है. यह क्षमता और बढ़ाने के लिए कर्मचारियों के साथ-साथ जगह भी बढ़ाने के प्रयास शामिल हैं ताकि नसबंदी के बाद कुत्तों को वहां रखा जा सके. 

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ग्रेटर नोएडा में भी लागू होंगे यही नियम
नोएडा प्राधिकरण की तर्ज पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी यही नीतियां और नियम अपनाएगा. हालांकि पंजीकरण के लिए एप तैयार करने पर काम चल रहा है, जिसे अगले साल जनवरी से मार्च के बीच लांच कर दिया जाएगा. इसके बाद अप्रैल से ग्रेटर नोएडा में भी पंजीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा.

नोएडा वासी कैसे कराएं पालतू जानवरों का पंजीकरण
नोएडा वासी यूजर नेम और मोबाइल नंबर के साथ NAPR एप पर साइन-अप कर सकते हैं. एप में नए पालतू जानवरों के पंजीकरण, मौजूदा पंजीकरण प्रमाणपत्रों के नवीनीकरण और मौजूदा पंजीकरण का स्टेट्स जानने का विकल्प भी रहेगा. पालतू जानवरों का पंजीकरण कराने के लिए उन्हें उसका लिंग, नाम, उम्र और प्रजाति का जिक्र करना होगा. फिर पालतू जानवरों की फोटो के साथ रेबीज रोधी टीकाकरण की तारीख का ब्योरा भी दर्ज करना होगा. पालतू जानवरों से जुड़ी जानकारियां भरने के अलावा उसके मालिकों को अपनी जानकारियां भी दर्ज करानी होंगी. मसलन नाम-पता समेत फोटो आईडी कार्ड और एड्रैस प्रूफ. यह एप बीते कुछ समय से अस्तित्व में था, लेकिन उसका इस्तेमाल अनिवार्य नहीं किया गया था. इसी तरह का एप गाजियाबाद में भी है. गाजियाबाद में रोटविलर्स, पिटबुल्स और डोगो अर्जेंटिनो प्रजाति के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. गुरुग्राम में भी 11 प्रजातियों के कुत्तों के पालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.