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China Protest: Xi Jinping के विरोध में प्रदर्शनकारी कोरे सफेद कागज क्यों दिखा रहे

ऐसा प्रतीत होता है कि हांगकांग में बीजिंग के कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के खिलाफ विरोध जताने के तरीके से फिलवक्त जीरो कोविड नीति के खिलाफ चीन में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने यह प्रेरणा ली है.

Updated on: 27 Nov 2022, 10:53 PM

highlights

  • जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी के विरोध में दिखाए जा रहे कोरे कागज
  • विरोध के इस अंदाज की प्रेरणा 2020 में हांगकांग के प्रदर्शनों से ली गई है
  • शिनजियांग से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन आज चीन के कई शहरों में फैला

बीजिंग:

रविवार तड़के शी जिनपिंग (Xi Jinping) की जीरो कोविड पॉलिसी से गुस्साई भीड़ शंघाई में सड़कों पर उतर आई. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो से चीन के अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन होने की जानकारी मिली है. कह सकते हैं कि शी जिनपिंग सरकार की कठोर जीरी कोविड नीति (Zero Covid Policy) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन तेजी से बढ़ रहा है. वास्तव में उत्तर-पश्चिम चीन के शिनजियांग क्षेत्र की राजधानी उरुमकी के एक अपार्टमेंट में गुरुवार को लगी भीषण आग ने लोगों के गुस्से को भड़का दिया है. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने आग के बाद बचाव के प्रयासों में बाधा डालने के लिए लंबे समय से चले आ रहे कोविड लॉकडाउन (Corona Lockdown) को जिम्मेदार ठहराया है. शंघाई में एक सभा में उपस्थित लोगों को पीड़ितों के लिए मोमबत्तियां जलाते और फूल रखते देखा गया. सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में कुछ लोगों को 'शी जिनपिंग, पद छोड़ो' और 'कम्युनिस्ट पार्टी, पद छोड़ो' जैसे नारे लगाते भी सुना जा सकता है. बीबीसी ने एक रिपोर्ट में बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों के हाथों में कोरे सफेद कागज भी थे. आखिर कोरे कागजों से विरोध प्रदर्शन (Protests) कर रहे लोग शी जिनपिंग सरकार को क्या संदेश देना चाहते हैं... जानते हैं

हांगकांग विरोध प्रदर्शन से ली है प्रेरणा
ऐसा प्रतीत होता है कि हांगकांग में बीजिंग के कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के खिलाफ विरोध जताने के तरीके से फिलवक्त जीरो कोविड नीति के खिलाफ चीन में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने यह प्रेरणा ली है. गौरतलब है कि हांगकांग में भी सरकार या राष्ट्रपति की सीधी आलोचना करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है. सुविज्ञ रहे कि हांगकांग में जून 2020 में तेजी से बढ़े चीन सरकार विरोधी आंदोलन को दीवारों पर ग्रेफिटी और पोस्टर-बैनर से धार दी गई थी. उस वक्त हांगकांग के प्रदर्शनकारी चीनी शासित क्षेत्र के लिए स्वतंत्रता की मांग कर रहे थे. साथ ही वित्तीय केंद्र को मुक्त करने का आग्रह कर रहे थे. हालांकि उस वक्त हांगकांग की स्थानीय सरकार ने दीवारों और बैनरों पर अंकित लोकप्रिय नारे 'हांगकांग को आजाद करो, हमारे समय की क्रांति' को अलगाववाद या विध्वंस के आह्वान बता नए कानून के तहत लंबी जेल की सजा के साथ दंडनीय अपराध करार दिया था. स्थानीय सरकार के इस पैंतरे को जवाब में एक 50 वर्षीय प्रदर्शनकारी ने दोपहर के भोजन के समय विरोध प्रदर्शन के तहत कागज की एक कागज की कोरी शीट उठा कर दिखाई थी. कागज की कोरी शीट से उसका आशय सरकार की सेंसरशिप से था. उसका कहना था कि सभी प्रदर्शनकारियों को नारे कंठस्थ थे. ऐसे में उन्हें लिखकर दिखाए जाने की कोई जरूरत नहीं थी. कागज की कोरी शीट ही जता देगी कि आंदोलनकारी क्या कहना चाहते हैं. इसके बाद शहर के कई अन्य जगहों पर दीवारों को सफेद पेंट से पोत दिया गया था. 

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ब्रिज मैन ने रखी जिनपिंग के खिलाफ विरोध की हालिया नींव
राष्ट्रपति शी के पद छोड़ने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे सैकड़ों लोगों के बारे में हाल ही में सोचा भी नहीं जा सकता था. हालांकि सीसीपी कांग्रेस से पहले बीजिंग पुल पर हाल ही में हुए एक नाटकीय विरोध के बाद अधिक खुले और तीखे विरोध के लिए एक पैमाना खींच दिया. बीजिंग के पुल पर जिनपिंग के विरोध ने लोगों को स्तब्ध कर दिया था. गौरतलब है कि बीजिंग के हैडियन में अक्टूबर की दोपहर एक व्यस्त ओवरपास पर एक गत्ते का बक्सा और कार के टायर लेकर एक व्यक्ति चढ़ गया था. नारंगी वर्कसूट और पीले रंग की टोपी पहने वह शख्स कंस्ट्रक्शन वर्कर लग रहा था. उसने पुल लाल रंग के नारों वाले दो बड़े सफेद बैनर फहरा टायरों में आग लगा दी. जैसे ही काला धुंआ उसके चारों ओर फैला उसने एक लाउडस्पीकर से नारा लगाया: 'स्कूल और काम से हड़ताल पर जाओ, तानाशाह और देशद्रोही शी जिनपिंग को हटाओ! हम खाना चाहते हैं, हम आजादी चाहते हैं, हम वोट देना चाहते हैं!' इस विरोध से जुड़े वीडियो को बाद में सोशल मीडिया से हटा दिया गया, लेकिन इसने चीन में असंतोष की विरासत को चिंगारी में दबी आग में बदलने का काम किया. इस आग के गवाह आज जीरो कोविड नीति के विरोध रूपी चिंगारी के कई चीनी शहर बन रहे हैं. 

एक 'आग' से शी जिनपिंग के खिलाफ ऐसे भड़की विद्रोह की चिंगारी
शिनजियांग की राजधानी उरुमकी में एक अपार्टमेंट में गुरुवार रात को दस लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए. उरुमकी के तियानशान जिले में जिंक्सियांग युआन में स्थित गगनचुंबी इमारत में स्थानीय समयानुसार शाम करीब 7:49 बजे आग लग गई थी. आग की चपेट में आए लोग अपार्टमेंट की इमारत से बाहर नहीं निकल पाए और उन्हें ऊपर की मंजिल पर चढ़ना पड़ा. अपार्टमेंट में लगी आग 2 घंटे 46 मिनट तक धधकती रही. आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार इस अग्निकांड में तीन बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो गई. अपार्टमेंट में रह रहे लोगों का कहना है कि वे पिछले 109 दिनों से चीन के महामारी रोकथाम उपायों के कारण अपने-अपने फ्लैटों में अंदर नजरबंद बंद हैं. चीन के महामारी रोकथाम उपायों को ही शी जिनपिंग की सख्त जीरो कोविड पॉलिसी के रूप में जाना जाता है. अपार्टमेंट निवासी भीषण अग्निकांड जैसे संकट में भी इमारत से बाहर नहीं निकल पा रहे थे, क्योंकि स्थानीय प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर के मुख्य द्वार पर ताला जड़ रखा था. आग से प्रभावित अपार्टमेंट के फ्लैट में रह रहे कई लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए पहली और दूसरी मंजिल से बाहर छलांग लगी दी. यही नहीं, 109 दिनों से तालाबंदी में रह रहे अपार्टमेंट वासियों की कारें भी इस्तेमाल में नहीं आई थीं, जो अपार्टमेंट के परिसर में ही खड़ी थीं. ऐसे में आग की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड को पहले उन कारों को हटाना पड़ा ताकि वे आगे बढ़ आग को बुझाने की प्रक्रिया शुरू कर सकते. नतीजतन विकराल आग ने कई लोगों की जान ले ली.

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अग्निकांड और उसके पीड़ितों के बयानों ने भड़का दी 'आग' 
अग्निकांड के वीडियो और अपार्टमेंट में फंसे निवासियों और अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के बयान सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किए जाने लगे. अपार्टमेंट में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि कैसे उसके परिवार को आग के बारे में तब तक पता नहीं चला, जब तक कि एक जलता हुआ टुकड़ा खिड़की से नीचे नहीं गिरा. इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि ऊपर की मंजिल पर आग लग हुई थी. उन्होंने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन अगली मंजिल पर दरवाजा बंद पाया. ऐसे में उन्हें एक पड़ोसी की खिड़की से पहली मंजिल से कूदना पड़ा. सोशल मीडिया पर आग की तरह फैली इन सिहरा देने वाली कहानियों ने सख्त लॉकडाउन से आजिज आ चुके लोगों के दिल-ओ-दिमाग में 'आग' लगा दी और उनके मन में शी जिनपिंग के खिलाफ दबी  'विद्रोह की चिंगारी' बाहर आ गई. पहले पहल उरुमकी में सख्त कोविड नीतियों और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुआ. फिर वह शिनजियांग के अन्य शहरों में फैला और बाद में चीन के कई प्रमुख शहरों में यह 'आग' फैल गई.