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China’s Zero-Covid Policy चीनियों के दिलों में लगी 'आग' ने कैसे भड़काई Jinping के खिलाफ 'विद्रोह की चिंगारी'

चीन के शिनजियांग प्रांत के शहर उरुमकी के एक अपार्टमेंट में आग लग गई, जिसमें 10 लोग झुलस कर मारे गए. इस अपार्टमेंट में रहने वाले शी जिनपिंग सरकार की सख्त जीरो कोविड नीति के तहत विगत 109 दिनों से नजरबंद थे.

Updated on: 27 Nov 2022, 08:01 PM

highlights

  • उरुमकी में अपार्टमेंट में लगी आग से शी जिनपिंग की खिलाफ फूटा गुस्सा
  • अपार्टमेंट वासी लॉकडाउन के चलते आग से बचने भाग भी नहीं सके थे
  • शिनजियांग के बाद विरोध-प्रदर्शन चीन के कई अन्य शहरों में फैल रहा 

बीजिंग:

चीन (China) के शिनजियांग प्रांत के शहर उरुमकी में 10 लोगों की जान लेने वाली घातक आग ने 'कोविड लॉकडाउन खत्म करो' (Zero Covid Policy) उद्घोष के साथ पहले स्थानीय लोगों के दिलों में कड़े कोरोना प्रतिबंधों (Corona Lockdown) के खिलाफ लगी 'आग' को भड़काया. फिर विरोध-प्रदर्शन (Protests) की इस 'आग' का सिलसिला शिनजियांग प्रांत के अन्य शहरों में फैला, जिसने अब बीजिंग, शंघाई, जियान, ग्वांगझू, वुहान समेत कई शहरों  को अपनी चपेट में ले लिया है. यह 'आग' हर गुजरते दिन के साथ चीन के अन्य शहरों में छोटे या बड़े स्तर पर फैल रही है. रविवार को बीजिंग में भी भारी पुलिस बल की मौजूदगी में विरोध प्रदर्शन किया गया. आलम यह है कि विरोध प्रदर्शन का यह सिलसिला प्रतिष्ठित सिंघुआ और पीकिंग यूनिवर्सिटी तक जा पहुंचा है, जहां छात्रों ने दीवारों पर नारे उकेर शी जिनपिंग (Xi Jinping) के प्रति तीखे विरोध को दर्शाया है. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए विरोध प्रदर्शन के वीडियो में आंदोलनकारियों को 'शी जिनपिंग सत्ता छोड़ो' जैसे नारे लगाते भी सुना जा सकता है. चीन में सत्ता प्रतिष्ठान के लिए इस तरह का विरोध-प्रदर्शन बेहद असामान्य घटना है.

अपार्टमेंट में लगी थी घातक आग 
शिनजियांग की राजधानी उरुमकी में एक अपार्टमेंट में गुरुवार रात को दस लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए. उरुमकी के तियानशान जिले में जिंक्सियांग युआन में स्थित गगनचुंबी इमारत में स्थानीय समयानुसार शाम करीब 7:49 बजे आग लग गई थी. आग की चपेट में आए लोग अपार्टमेंट की इमारत से बाहर नहीं निकल पाए और उन्हें ऊपर की मंजिल पर चढ़ना पड़ा. अपार्टमेंट में लगी आग 2 घंटे 46 मिनट तक धधकती रही. आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार इस अग्निकांड में तीन बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो गई. 

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अपार्टमेंट में रह रहे लोग आग से बचने भाग क्यों नहीं सके 
अपार्टमेंट में रह रहे लोगों का कहना है कि वे पिछले 109 दिनों से चीन के महामारी रोकथाम उपायों के कारण अपने-अपने फ्लैटों में अंदर नजरबंद बंद हैं. चीन के महामारी रोकथाम उपायों को ही शी जिनपिंग की सख्त जीरो कोविड पॉलिसी के रूप में जाना जाता है. अपार्टमेंट निवासी भीषण अग्निकांड जैसे संकट में भी इमारत से बाहर नहीं निकल पा रहे थे, क्योंकि स्थानीय प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर के मुख्य द्वार पर ताला जड़ रखा था. आग से प्रभावित अपार्टमेंट के फ्लैट में रह रहे कई लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए पहली और दूसरी मंजिल से बाहर छलांग लगी दी. यही नहीं, 109 दिनों से तालाबंदी में रह रहे अपार्टमेंट वासियों की कारें भी इस्तेमाल में नहीं आई थीं, जो अपार्टमेंट के परिसर में ही खड़ी थीं. ऐसे में आग की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड को पहले उन कारों को हटाना पड़ा ताकि वे आगे बढ़ आग को बुझाने की प्रक्रिया शुरू कर सकते. नतीजतन विकराल आग ने कई लोगों की जान ले ली. 

अग्निकांड और उसके पीड़ितों के बयानों ने भड़का दी 'आग' 
अग्निकांड के वीडियो और अपार्टमेंट में फंसे निवासियों और अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के बयान सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किए जाने लगे. अपार्टमेंट में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि कैसे उसके परिवार को आग के बारे में तब तक पता नहीं चला, जब तक कि एक जलता हुआ टुकड़ा खिड़की से नीचे नहीं गिरा. इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि ऊपर की मंजिल पर आग लग हुई थी. उन्होंने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन अगली मंजिल पर दरवाजा बंद पाया. ऐसे में उन्हें एक पड़ोसी की खिड़की से पहली मंजिल से कूदना पड़ा. सोशल मीडिया पर आग की तरह फैली इन सिहरा देने वाली कहानियों ने सख्त लॉकडाउन से आजिज आ चुके लोगों के दिल-ओ-दिमाग में 'आग' लगा दी और उनके मन में शी जिनपिंग के खिलाफ दबी  'विद्रोह की चिंगारी' बाहर आ गई. पहले पहल उरुमकी में सख्त कोविड नीतियों और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुआ. फिर वह शिनजियांग के अन्य शहरों में फैला और बाद में चीन के कई प्रमुख शहरों में यह 'आग' फैल गई. 

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दुर्लभ घटनाक्रम में शी जिनपिंग के खिलाफ भी नारेबाजी
चीन इस वक्त दुनिया की एकमात्र प्रमुख बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो जीरो कोविड रणनीति को सख्ती से लागू कर रही है. कोरोना संक्रमण के मामले सामने आते ही इलाके में तुरंत लॉकडाउन लगा दिया जाता है, क्वारंटाइन की लंबी अवधि है और व्यापक स्तर पर कोरोना परीक्षण शुरू कर दिए जाते हैं. ऐसे में सख्त लॉकडाउन के खिलाफ लोगों का गुस्सा मुखर होने लगा था, जिसे भड़काने का काम किया उरुमकी के अग्निकांड ने. चीन के सोशल मीडिया पर शेयर किए गए विरोध प्रदर्शन के वीडियो में आंदोलनकारियों को 'शी जिनपिंग सत्ता छोड़ो' जैसे नारे लगाते भी सुना जा सकता है. चीन में सत्ता प्रतिष्ठान के लिए इस तरह का विरोध-प्रदर्शन बेहद असामान्य घटना है. हालांकि प्रशासन ने सोशल मीडिया पर विरोध-प्रदर्शन से जुड़ी खबरों को हटा दिया है.