इमरान खान निकले छुपे रुस्तम, पार्टी के सीक्रेट अकाउंट से अरबों का लेन-देन
यह खुलासा पाकिस्तान (Pakistan) की संघीय जांच एजेंसी की उस तहकीकात के बाद सामने आया, जिसमें जांच एजेंसी ने पीटीआई के तीन गुप्त खातों का पता लगाया था. इन गुप्त खातों की मदद से विदेश से भारी मात्रा में धन पाकिस्तान भेजा गया.
highlights
- इमरान खान की पार्टी के तीन गुप्त खातों में विदेशों से भेजा गया धन
- संघीय जांच एजेंसी के सामने एक और खाते की जानकारी आई सामने
- फिलहाल इस निष्क्रिय बैंक खाते से अरबों भेजे गए विदेशी क्रिकेट क्लब से
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी ने खुलासा किया है कि एक अघोषित बैंक खाते में 787 मिलियन पाकिस्तानी रुपए से ज्यादा रकम पहले जमा की गई, फिर निकाल ली गई. कथित तौर पर इस अघोषित बैंक खाते का इस्तेमाल भूतपूर्व वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) कर रही थी. फिलहाल यह बैंक खाता निष्क्रिय है. यह खुलासा पाकिस्तान (Pakistan) की संघीय जांच एजेंसी की उस तहकीकात के बाद सामने आया, जिसमें जांच एजेंसी ने पीटीआई के तीन गुप्त खातों का पता लगाया था. इन गुप्त खातों की मदद से विदेश से भारी मात्रा में धन पाकिस्तान भेजा गया. पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन खातों में वूटॉन क्रिकेट क्लब से धन ट्रांसफर किया गया. विदेशी फंडिंग (Foreign Funding) विवाद के मामले में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के खिलाफ जांच चल रही है. इस कड़ी में अब जो निष्क्रिय बैंक खाते की जानकारी सामने आई है, उसे ऑपरेट करने के लिए पार्टी ने चार अलग-अलग लोगों को अधिकृत किया था.
इमरान से जुड़े तार
संघीय जांच एजेंसी को गुप्त खातों से जुड़े जिन चार नामों का पता चला, उनमें से एक फरीदुद्दीन अहमद हैं. फरीदुद्दीन अहमद का नाम पेंडोरा पेपर्स के सार्वजनिक होने पर तेजी से उछला था. पिछले साल अक्टूबर में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेशन जर्नलिस्ट ने पेंडोरा पेपर्स सार्वजनिक किए थे. इनमें पाकिस्तान के नामी-गिरामी लोगों के नाम थे, जिन पर ऑफशोर होल्डिंग समेत बड़े स्तर पर कर चोरी की आशंका जताई गई थी. जानकारी सामने आई थी कि हॉक फील्ड लिमिटेड और लॉक गेट इंवेस्टमेंट नाम से दो ऑफशोर कंपनियों का पंजीकरण अहमद के नाम था. दस्तावेजों में अहमद का पाकिस्तान में पता 2-ज़मान पार्क, लाहौर बताया गया था, जो कि पीटीआई के संस्थापक इमरान खान के घर का पता है. पेंडोरा पेपर्स के सार्वजनिक होने पर इमरान खान के नजदीकी शहबाज गिल ने अहमद से नियाजी खान के संबंधों को सिरे से नकार दिया था. शहबाज गिल ने उस वक्त दावा किया था कि पीटीआई प्रमुख निजी तौर पर इस शख्स (फरीदुद्दीन अहमद) को नहीं जानते हैं और ना ही कभी उनकी मुलाकात भी हुई है. बाद में फरीदुद्दीन अहमद ने भी इमरान खार और ऑफशोर कंपनियों से किसी तरह का संबंध होने से इंकार कर दिया था. हालांकि अहमद ने इमरान खान से एक समानता होने की बात कही थी कि दोनों ही बुर्की विरासत साझा करते हैं.
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गुप्त खातों के अधिकृत अकाउंड ऑपरेटर्स
फरीदुद्दीन अहमद के अलावा दूसरे अधिकृत अकाउंट होल्डर का नाम उमर फारुक 'गोल्डी' था, जो शेप्स जिम का मालिक है. कहा जाता है कि गोल्डी और इमरान खान में बेहद घनिष्ठ दोस्ती है. इन दो के अलावा हामिद जमान और राय अजीजुल्लाह का नाम भी अधिकृत अकाउंट ऑपरेटर बतौर सामने आया. जानकारी के मुताबिक गुप्त खातों को ऑपरेट करने के लिए इन चार नामों को अधिकृत करने का फैसला पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सेंट्रल फाइनेंस बोर्ड ने किया था. इस बारे में 26 दिसंबर 2012 को जारी नोटिफिकेशन के कुछ दिन पहले ही गुप्त बैंक अकाउंट खोले गए थे. इस बाबत जारी नोटिफिकेशन में पार्टी के तत्कालीन केंद्रीय वित्त सचिव सरदार अजहर तारिक के दस्तखत थे.
संदिग्ध बैंक की हरकतें भी संदेहास्पद
नियम-कायदों के अनुरूप लगभग सभी बैंक पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग से पीटीआई के लेन-देन और अन्य वित्तीय जानकारियां समय-समय पर साझा करते हैं. इन जानकारियों में विदेशी मुद्रा के रूप में पार्टी को मिला चंदा भी शामिल रहता है. पता चला है कि अब निष्क्रिय बैंक ने हाल ही में संघीय जांच एजेंसी से जानकारियां साझा कीं. पहले पहल तो इसने भी पाकिस्तान के चुनाव आयोग को सहयोग करने से सिरे से इंकार कर दिया था. 16 जुलाई 2018 को लिखे एक पत्र में बैंक ने पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग से और समय मांगा था. यह अलग बात है कि बैंक ने 20 अगस्त 2018 को पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग को एक और पत्र लिखकर सॉफ्टवेयर से जुड़ी तकनीकी समस्याओं के चलते जानकारी साझा करने से अंततः इंकार कर दिया था.
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संदिग्ध लेन-देन के बीच ही इमरान चुने गए थे वजीर-ए-आजम
यहां यह जानना भी रोचक है कि पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग को लिखे गए दो पत्रों में पांच सप्ताह का अंतर था. इस दरमियान 25 जुलाई 2018 को पाकिस्तान में आम चुनाव भी हो जाते हैं. परिणाम आने के बाद इमरान खान 18 अगस्त 2018 को वजीर-ए-आजम के पद की शपथ भी ले लेते हैं. सफाई के तौर पर पीटीआई के केंद्रीय मीडिया कार्यालय के प्रवक्ता इस बैंक खाते को संवितरण खाता करार देते हैं. उनका कहना था कि बैंक खाता कलेक्शन अकाउंट नहीं था और इसमें कतई कुछ अवैध नहीं था. यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के बैंक खाते में संदिग्ध विदेशी फंड के लेन-देन का घोटाला सामने लाने वाले अकबर एस बाबर ने ही संघीय जांच एजेंसी को दस्तावेज उपलब्ध कराए. इसके बाद संघीय जांच एजेंसी इमरान खान के गुप्त खातों और अब निष्क्रिय एक और बैंक खाते की जांच कर रही है.
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