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FIFA World Cup: अमेरिका से हार के बाद ईरान में जश्न का माहौल... आखिर क्यों

हिजाब विरोधी कानून के उल्लंघन पर पुलिस हिरासत में महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में 16 सितंबर से बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. यहां तक कि वर्ल्ड कप खेलने गई ईरान फुटबॉल टीम ने आंदोलनकारियों के समर्थन में मैच से पहले राष्ट्रगान नहीं गाया.

Updated on: 30 Nov 2022, 05:39 PM

highlights

  • फीफा विश्व कप में अमेरिका के हाथों हार के बाद ईरान में सड़कों पर जश्न
  • इसके पहले ईरान की टीम ने इंग्लैड से मैच के पहले राष्ट्रगान नहीं गाया था
  • महसा की मौत के बाद हिजाब कानून विरोधी आंदोलन के समर्थन में लोग 

तेहरान:

कतर में खेले जा रहे फीफा वर्ल्ड कप 2022 (FIFA World Cup 2022) के मैच में संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) से मिली हार के बाद टूर्नामेंट से टीम के बाहर होने पर ईरान (Iran) में लोगों ने एक बेहद असामान्य प्रतिक्रिया दिखाई. सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर शेयर किए गए वीडियो में कई लोग हार पर जश्न मनाते देखे गए. कुछ वीडियो में ईरानी लोग अमेरिकी झंडे भी लहरा रहे हैं, जबकि अन्य ने पटाखे फोड़ ईरान की हार का जश्न मनाया. इसके पहले इसी फुटबॉल वर्ल्ड कप (FIFA WC) में ईरान ने अपने शुरुआती मैच से पहले ईरान के राष्ट्रगान को नहीं गाया था. वास्तव में ईरानी फुटबॉल टीम ने यह असामान्य कदम देश में चल रहे हिजाब विरोधी आंदोलन (Anti Hijab Protests) में शामिल हो रहे आंदोलनकारियों के समर्थन में उठाया था. गौरतलब है कि हिजाब कानून के उल्लंघन पर हिरासत में महसा अमीनी (Mahsa Amini) की मौत के बाद समग्र ईरान में हिजाब कानून के खिलाफ तेज आंदोलन चल रहा है. ईरानी महिलाएं और लड़कियां अपने बालों को काटते हुए वीडियो शेयर कर अपना विरोध जता रही है. 

अमेरिका के समर्थन में नारे भी लगाए गए
अब फीफा विश्व कप में अमेरिका से मिली हार पर इस तरह हिजाब विरोधी आंदोलन को समर्थन दिया गया. ईरानी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने हार पर जश्न मनाते लोगों का एक वीडियो ट्वीट कर लिखा, 'ईरानी खुले तौर पर #Worldcup में राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम के अमेरिका से हारने पर अपनी खुशी का प्रदर्शन कर रहे हैं. कई ईरानी इस बात से सहमत हैं कि राष्ट्रीय टीम ईरान सरकार का प्रतिनिधित्व करती है, आम ईरानी लोगों का नहीं.' एक दूसरे ट्वीट में अलीनेजाद लिखते हैं, 'ईरान की गलियों में फहराता अमेरिकी झंडा. 43 साल तक ईरान सरकार ने अमेरिका से नफरत करने के लिए आम ईरानियों का ब्रेनवॉश किया,  लेकिन देखिए कैसे पूरे ईरान में लोग इस्लामिक रिपब्लिक के खिलाफ अमेरिकी फुटबॉल टीम की जीत का जश्न मना रहे हैं. यही नहीं, चीख-चीख कर कह रहे हैं... अमेरिका हम तुम्हारे पीछे हैं.'

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अमेरिकी झंडा फहरा समर्थन में लगाए गए नारे 
एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा, 'मैं तेहरान से सभी वीडियो पोस्ट नहीं कर सकता. ईरान की हार और अमेरिका की जीत पर बहुत सारे वीडियो बने हैं. हार का जश्न मनाते लोगों से शहर की गलियां भरी हुई हैं. अमेरिकी फुटबॉल टीम की जीत पर जश्न मनाते लोगों के ऐसे वीडियो शहर के हर हिस्से से शेयर किए जा रहे हैं.' एक अन्य ट्विटर यूजर ने कुर्द बाहुल्य काम्यारन से वीडियो पोस्ट करते लिखा, 'कुर्द-ईरानी शहर #Kamyaran में #WorldCup में अमेरिका से ईरान की राष्ट्रीय टीम की हार पर जश्न. आज रात पूरे ईरान में लोग जश्न मना रहे हैं. हमारा #IranRevolution आंदोलन और मजबूती पकड़ रहा है. आम ईरानी इस सरकार को बाहर करना चाहते हैं.' ईरान की विवादास्पद नैतिकता पुलिस की हिरासत में महसा अमिनी की मौत के बाद 16 सितंबर से शुरू हुए बड़े पैमाने पर सरकार के विरोध के बीच यह घटनाक्रम पेश आया है. गौरतलब है कि महसा अमिनी को ठीक से हिजाब नहीं पहनने पर गिरफ्तार किया गया था. उसके परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हुई थी. ईरानी मानवाधिकार (आईएचआर) समूह के अनुसार विरोध प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 488 लोग मारे गए हैं.

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ईरान फुटबॉल टीम ने मैच से पहले नहीं गाया था राष्ट्रगान
इसके पहले फीफा विश्व कप 2022 में ग्रुप बी के इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले मैच के शुरू होने से पहले 11 ईरानी खिलाड़ियों ने खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम में अपने राष्ट्रगान पर कोई भावना या प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की. यह तब था जब ईरान का राष्ट्रगान पूरे स्टेडियम में गूंज रहा था. ऐसे में स्टेडियम में मौजूद फुटबॉल प्रेमियों समेत दर्शकों के दिमाग में यह सवाल कौंध रहा था कि आखिर ईरानी टीम के सभी 11 खिलाड़ियों ने अपना राष्ट्रगान क्यों नहीं गाया? ईरान फुटबॉल टीम के कप्तान जहानबख्श के अनुसार टीम के सभी सदस्यों ने विश्व कप के पहले मैच में सामूहिक निर्णय के तहत मैच से राष्ट्रगान गाने से इंकार किया. इससे भी पहले ईरान फुटबॉल टीम के डिफेंडर एहसान हजसफ देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बारे में खुलकर बोलने वाले ईरान की राष्ट्रीय टीम के पहले खिलाड़ी बने थे.