logo-image

Covid-19: कहर बन रहा XBB.1.16 वेरिएंट, क्या बूस्टर के बाद चौथी डोज हुई जरूरी... जानें

आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 का XBB.1.16 वेरिएंट मार्च 2023 में सभी अनुक्रमित जीनोम के 30 प्रतिशत से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार है. पिछले कुछ हफ्तों में तो इसका अनुपात कहीं तेजी से बढ़ा है.

Updated on: 01 Apr 2023, 12:16 PM

highlights

  • हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं जहां कोविड-19 संक्रमण एक मौसमी बीमारी बन रहा है
  • XBB.1.16 वेरिएंट में अन्य सार्स कॉव-2 वंशों की तुलना में तेजी से फैलने की क्षमता है
  • क्या वैक्सीन की चौथी खुराक लगवानी होगी जरूरी, फिलवक्त बूस्टर ही नहीं लिया लोगों ने

नई दिल्ली:

भारत के कई राज्यों में कोविड-19 (COVID-19) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश ने शुक्रवार को 24 घंटे में 3,095 ताज़ा संक्रमणों (Corona Infection) की सूचना दी, जिसमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्य सबसे अधिक प्रभावित हैं. इस बार ऐसा लगता है कि ओमीक्रॉन (Omicron) का नया संस्करण XBB.1.16 वेरिएंट दिल्ली और महाराष्ट्र के लिए चिंता का कारण है. इस साल फरवरी में इस वेरिएंट के बारे में पहली बार पुणे में पता चला. XBB.1.16 वेरिएंट देश में सक्रिय अन्य प्रभावी कोरोना स्ट्रेन (Corona Strain) की जगह तेजी से ले रहा है. इसे देखते हुए अब यह सवाल भी कहीं अधिक मौजूं हो चुका है कि कोरोना संक्रमण से बचाव में बूस्टर डोज की महत्ता के बाद अब क्या चौथी डोज का समय भी आ चुका है!

SARS-COV-2 की वंशावली XBB.1.16 वेरिएंट आखिर है क्या 
XBB.1.16 को पहली बार भारत से SARS-CoV-2 अनुक्रमों में पाया गया था. XBB.1.16 वेरिएंट वास्तव में  XBB वंशावली का वंशज है. वायरस से जुड़े प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि XBB.1.16 में अन्य SARS-CoV-2 वंशों की तुलना में तेजी से फैलने की क्षमता है. यह वर्तमान में XBB.1.5 वंशावली से जुड़े अन्य स्ट्रेन से भी तेजी से प्रचार-प्रसार करता है. सबवेरिएंट अमीनो एसिड और न्यूक्लियोटाइड स्पेस से म्यूटेट करता है, जो इसे टीकाकरण और वायरस के पिछले संक्रमण से मिली हाइब्रिड प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता देता है.

यह भी पढ़ेंः  1st April: महीने के पहले ही दिन कॉमर्शियल गैस की कीमतों में कमी, जानें अपने शहर में कीमत

XBB.1.16 वंशावली वेरिएंट के लक्षण
XBB.1.16 वैरिएंट के संकेत और लक्षण ओमीक्रॉन वेरिएंट के काफी समान हैं. इसमें 48 घंटे से अधिक समय तक तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, गंभीर सिरदर्द, ठंड और पेट की परेशानी शामिल है. हालांकि अभी तक इस वेरिएंट के संक्रमित मरीजों में सूंघने या स्वाद की कमी नहीं देखी गई है. उनमें से अधिकांश को हल्की से मध्यम बीमारी होती है, जिसका इलाज घर पर आइसोलेशन में रहकर किया जा रहा है. अभी तक इस वेरिएंट का संक्रमण लोगों को गंभीर रूप से नुकसान नहीं पहुंचा रहा है. इसके अन्य लक्षण अमूमन शरीर के ऊपरी हिस्से के श्वसन तंत्र से जुड़े हुए हैं. मसलन बंद नाक, सिरदर्द, गले में दर्द, बुखार और मायालगिया या मांसपेशियों में असुविधा, जो तीन से चार दिनों तक चलती है. श्वसन तंत्र के निचले हिस्से में संक्रमण के मामले से जुड़े गंभीर लक्षणों में ब्रोंकाइटिस और खांसी शामिल है. विशेषज्ञों ने सलाह दी कि यदि कोई व्यक्ति इन लक्षणों का अनुभव करता है, तो उसे कोविड-19 की जांच करवानी चाहिए.

जोखिम वाली आबादी कौन हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार नए वेरिएंट के सबसे अधिक जोखिम वाली आबादी में बुजुर्ग, बच्चों समेत कार्डियक-पल्मोनरी बीमारियों से ग्रस्त लोग और मधुमेह के रोगी शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः  Navjot Sidhu होंगे जेल से रिहा, लेकिन उससे पहले ही लगा बड़ा झटका

कोविड-19 क्या एक मौसमी बीमारी बन रहा
सर गंगा राम अस्पताल के डॉ अतुल गोगिया के अनुसार, हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं जहां कोविड-19 संक्रमण एक मौसमी बीमारी बन रहा है. हालांकि हाल-फिलहाल तक मौसमी फ्लू का इसने स्थान नहीं लिया है. एक वर्ष में फ्लू के दो शिखर क्रमशः जनवरी से मार्च और अगस्त से अक्टूबर तक आते हैं, लेकिन यह हर कुछ महीनों में होता रहता है. उन्होंने कहा कि कोविड उन वायरसों में से एक होगा जिसके साथ हमें बस जीना सीखना है. इसके संक्रमण से जुडे मामले समय-समय पर तेजी पकड़ेंगे, लेकिन यह आता-जाता रहेगा. उन्होंने लोगों को संक्रमण का रुझान देखने समेत मास्क लगाने, हाथों की साफ-सफाई और वैक्सीन खुराक लेने जैसी सावधानियों का पालन करने के लिए कहा है.

क्या बूस्टर खुराक की जरूरत रहेगी
विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी कि वे कोविड-19 वैक्सीन के पहले दो टीके जरूर लगवाएं. हालांकि उन्होंने कहा कि बूस्टर खुराक इस समय महत्वपूर्ण नहीं है. यदि आप वर्तमान में कोविड-19 मामलों की बात करते हैं, तो मैं आपको यह नहीं बता सकता कि यह टीका लगवाए लोगों में अधिक हो रहा है या नहीं लगवाए लोगों में. वैसे भी लगभग सभी लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दो खुराक लगवा ली हैं. बूस्टर खुराक का कवरेज कम है लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह इस समय बहुत महत्वपूर्ण है. हम सभी को कम से कम एक या दो नैदानिक ​​या उप-नैदानिक ​​​​कोविड-19 संक्रमण हुए हैं. ऐसे में यह अधिकांश लोगों को गंभीर बीमारी से बचा रहा है.

यह भी पढ़ेंः  Black Pepper Benefits: सेहत के लिए 'अमृत' है काली मिर्च, जानिए कैसे करें सेवन

नए केस और वैक्सीन की चौथी डोज पर विशेषज्ञों की राय
कोरोना संक्रमण के देश भर में तेजी से बढ़ते नए मामले डरा रहे हैं. विगत दो दिनों से कोरोना के तीन हजार से अधिक नए केस हर रोज सामने आए हैं.  मेडिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि कोरोना से बचाव में वैक्सीन की महती भूमिका है. ऐसे में यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या कोविड की चौथी वैक्सीन का समय आ चुका है?  हालांकि मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन तीन साल पहले तैयार की गई थी. अब कोई वैक्सीन नए वैरिएंट में बहुत ज्यादा कारगर साबित नहीं होगी. इस स्थिति में भारत में पहले से उपलब्ध वैक्सीन ही कारगर हैं. हालांकि विशेषज्ञ जोर देकर कहते हैं कि वैक्सीन से कहीं ज्यादा कोरोना से जुड़ी सावधानियों का पालन करना श्रेयस्कर रहेगा.