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Black Pepper Benefits: सेहत के लिए 'अमृत' है काली मिर्च, जानिए कैसे करें सेवन

सर्दी-खांसी, पाचन, मधुमेह और ब्लड प्रेशर से लेकर कई बीमारियों को दूर करने में कालीमिर्च अहम भूमिका निभाता है.

Updated on: 01 Apr 2023, 11:20 AM

नई दिल्ली:

सेहत को फायदे देने के लिए रसोई में कई चीजें होती हैं जिसमें मसालों कई बड़ी अहम भूमिका होती है. इन्हीं मसालों में एक है छोटी सी कालीमिर्च. वैसे तो कालीमिर्च छोटा सा दिखने वाला मसाला है लेकिन, इसके कई फायदे हैं. सालों से इसका उपयोग कई बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है. सर्दी-खांसी, पाचन, मधुमेह और ब्लड प्रेशर से लेकर कई बीमारियों को दूर करने में कालीमिर्च अहम भूमिका निभाता है. काली मिर्च को आयुर्वेद में मरीच के नाम से जाना जाता है. काली मिर्च (पाइपर नाइग्रम) एक तेज़ और तीखा मसाला है. यह शक्ति में गर्म है, पचने में हल्का है और वात और कफ को संतुलित करता है.

काली मिर्च के क्या फायदे हैं?

-खांसी और सर्दी के लिए अच्छा है
-प्रतिरक्षा में सुधार करता है
-जोड़ों और आंत में सूजन को कम करने में काम करता है
- सूजन और अतिरिक्त वात से राहत दिलाता है
-विषाक्‍त पदार्थों को दूर करता है
-पाचन में सुधार करता है
-नाक की रुकावट को दूर करता है (एलर्जी और साइनसाइटिस के लिए अद्भुत)
-रक्त परिसंचरण में सुधार (त्वचा रोगों के लिए अच्छा)
-वसा को पिघलाता है (मोटापे के लिए सर्वोत्तम)
-जिगर और दिल के लिए अच्छा (कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और रक्तचाप के प्रबंधन में काम करता है)
-अल्जाइमर और समग्र मस्तिष्क स्वास्थ्य के साथ मदद करता है
- डैंड्रफ/फंगस के कारण बाल झड़ने में उपयोगी.
-संभव धूम्रपान समाप्ति सहायता
-कैंसर को रोकने और यहां तक कि लड़ने में भी मदद करता है

 
 
 
 
 
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काली मिर्च का सेवन कैसे करें:

रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य के रखरखाव के लिए रोजाना सिर्फ 1 काली मिर्च ही काफी है.

सुबह खाली पेट चूसा, चबाया या निगला जा सकता है (हार्मोनल संतुलन, मधुमेह, एमेनोरिया, मासिक धर्म में देरी और बाकी सब के लिए).

प्रतिरक्षा और श्वसन संबंधी समस्याओं के लिए 1 चम्मच हल्दी और शहद के साथ लिया जा सकता है.

अच्छी नींद, इम्युनिटी और गठिया (जोड़ों के दर्द से राहत) के लिए रात को सोते समय दूध में एक चुटकी सोंठ पाउडर मिलाकर ले सकते हैं.

प्रतिरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए सोते समय 1 चम्मच देसी गाय के घी के साथ लिया जा सकता है.

खाना बनाते समय भोजन में जोड़ा जा सकता है (इसका सेवन करने का सबसे आसान तरीका).

हालांकि, जिन लोगों को उच्च पित्त की समस्या है उन्हें आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए.