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2024 Lok Sabha Elections से पहले बीजेपी की निगाह इन चुनावों पर, जानें कहां होगा समर

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अलावा 2024 के लोकसभा चुनावी समर में भरपूर जोश और उत्साह के साथ उतरने के लिए सभी राजनीतिक दल इन आसन्न चुनावों में ऐड़ी-चोटी का जोर लगा देंगे. आइए एक नजर डालते हैं इन राज्यों और वहां होने वाले विधानसभा चुनावों के समय पर...

Updated on: 12 Dec 2022, 09:44 PM

highlights

  • भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य दलों की निगाहें 2024 लोकसभा चुनाव पर
  • इससे पहले 9 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में होंगे विधानसभा चुनाव
  • पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र से इन चुनावों का एजेंडा तय किया

नई दिल्ली:

इस साल की शुरुआत में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) के परिणाम मार्च में आने के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अहमदाबाद में रोड शो करने निकल जाते हैं. यह संकेत था कि पांच में से चार राज्यों में भगवा झंडा फहराने के बाद भारतीय जनता पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस चुकी है. गुजरते साल से एक और संकेत को समझिए... गुजरात (Gujarat) में ऐतिहासिक जीत और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सत्ता परिवर्तन का 'रिवाज' बदलने से महज 0.9 फीसदी वोट शेयर से चूकने के बाद मतगणना संपन्न होने की ऐन शाम यानी 8 दिसंबर को बीजेपी ने दिल्ली में अगले साल आसन्न चुनावों को लेकर बैठक आहूत कर ली. इस कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र की शीतकालीन राजधानी नागपुर से फिर अगले साल के विधानसभा चुनावों को एजेंडा तय कर दिया. उन्होंने हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनाव में कई राजनीतिक दलों की मुफ्त योजनाओं पर निशाना साथा. जनता को सावधान करते हुए कहा कि महज सरकार बनाने के लिए इस तरह का शॉर्टकट रास्ता अपनाने वालों की पहचान कर लें. ऐसे में जानना बेहतर रहेगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले किन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अलावा 2024 के लोकसभा चुनावी समर में भरपूर जोश और उत्साह के साथ उतरने के लिए सभी राजनीतिक दल इन आसन्न चुनावों में ऐड़ी-चोटी का जोर लगा देंगे. आइए एक नजर डालते हैं इन राज्यों और वहां होने वाले विधानसभा चुनावों के समय पर...

मेघालय- कार्यकाल मार्च 2023 में खत्म  
2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी को हराया था. फिर नेशनल पीपुल्स पार्टी के कोनराड संगमा के नेतृत्व में अन्य छोटे दलों के साथ गठबंधन कर एनडीए सरकार बनाई. 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी. हालांकि भाजपा के लिए अब चुनौती यह है कि वह अगले साल के विधानसभा चुनावों में पिछली बार के 2 फीसदी वोट शेयर में इजाफा करे. इस तरह वह राज्य में अपना मुख्यमंत्री बना सकेगी. हालांकि राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस बार भी चुनाव में छोटे दलों के प्रदर्शन पर अगली सरकार का दारोमदार होगा. 

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त्रिपुरा- कार्यकाल मार्च 2023 में खत्म
2018 में भाजपा ने पहली बार त्रिपुरा जीता. हाल के दिनों में पार्टी के भीतर बिप्लब कुमार देव के नेतृत्व का मुद्दा गर्मा रहा है. त्रिपुरा को फिर से जीतना भाजपा के लिए एक चुनौती है, क्योंकि प्रद्योत माणिक्य देब बर्मन के नेतृत्व वाला एक क्षेत्रीय गठबंधन टीआईपीआरए राजनीतिक हालातों को चुनौतीपूर्ण बना रहा है. पश्चिम बंगाल में अपनी जीत से उत्साहित तृणमूल कांग्रेस भी त्रिपुरा में अपनी स्थिति मजबूत करना चाह रही है. कयास हैं कि टीआईपीआरए और तृणमूल गठबंधन कर अगले साल विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

नागालैंड- अवधि मार्च 2023 में खत्म
60 सदस्यीय विधानसभा में 12 सीटों के साथ भाजपा पिछले चुनाव में निर्णायक बनकर उभरी थी. अब देखना यह होगा कि क्या बीजेपी फिर अपना दबदबा कायम रख सरकार बना पाती है.

कर्नाटक- कार्यकाल मई 2023 में खत्म
गुजरात सरीखा एक और राज्य जहां बीजेपी बसवराज बोम्मई के तहत एक नए नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए एक पुराने और शक्तिशाली क्षत्रप येदियुरप्पा को हटा चुकी है. बीजेपी के नेताओं की आपसी गुटबाजी के बीच अगले साल होने वाला कर्नाटक विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए भी खुला मैदान है. फिलवक्त कांग्रेस संयुक्त मोर्चा बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है. कर्नाटक चुनाव कांग्रेस के नए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए प्रतिष्ठा समेत अस्तित्व का चुनाव अभी से बन रहा है.

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मिजोरम- दिसंबर 2023 में कार्यकाल खत्म
असम और मिजोरम के बीच हालिया सीमा संघर्ष ने भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. मिजो नेशनल फ्रंट भाजपा के महत्वाकांक्षी नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस का एक घटक है, जिसका नेतृत्व असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कर रहे हैं. भाजपा के पूर्वोत्तर गढ़ के लिए मिजोरम चुनाव महत्वपूर्ण है.

मध्य प्रदेश- जनवरी 2024 में कार्यकाल समाप्त हो रहा
ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के दलबदल के बाद भाजपा फिर सरकार बनाने में सफल रही थी. हालांकि मध्य प्रदेश में अभी से सत्ता विरोधी लहर है. सीएम शिवराज सिंह चौहान को बदलने की आवाजें भी उठने लगी हैं. अब देखना यह होगा कि शिवराज चौहान पार्टी का चेहरा बने रहेंगे या फिर बीजेपी किसी नए नेता की तलाश करेगी.

राजस्थान- कार्यकाल जनवरी 2024 में खत्म
यह एक ऐसा राज्य है जहां सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों ही आंतरिक गुटबाजी को चुनाव से पहले खत्म करने के लिए जूझ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश की तरह राजस्थान भी मौजूदा सरकार को लगातार दूसरा मौका नहीं देता है. फिर भी दोनों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. कांग्रेस आलाकमान के लिए एक बड़ी चुनौती वर्तमान सीएम अशोक गहलोत का ख्याल रखते हुए युवा नेता सचिन पायलट की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करना है.

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छत्तीसगढ़- कार्यकाल जनवरी 2024 में खत्म
2018 में भारी बहुमत से चुनाव जीतने के बावजूद कांग्रेस नेतृत्व संकट का सामना कर रही है. अगर सीएम भूपेश सिंह बघेल और उनके मंत्री टीएस सिंह देव के बीच रार जारी रही, तो पार्टी को नुकसान हो सकता है. राज्य में बीजेपी एक शक्तिशाली विपक्षी पार्टी है, जो कांग्रेस को कमजोर करने के लिए महज अवसर की तलाश में है.

तेलंगाना- कार्यकाल जनवरी 2024 में खत्म
दो बार मुख्यमंत्री रहे केसी राव कमजोर जरूर हुए हैं, लेकिन राजनीतिक मैदान में विपक्ष से कहीं आगे खड़े हैं. एआईएमआईएम संग उनका जरूरत केंद्रित गठबंधन अन्य पार्टियों पर बढ़त बनाए रखने में मदद करता है. ग्रेटर हैदराबाद नगरपालिका चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद बीजेपी को विधानसभा चुनाव में बहुत उम्मीदें हैं. इस बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की छोटी बहन वाईएस शर्मिला तेलंगाना में खुद को सार्थक विकल्प के रूप में स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत शुरू कर चुकी हैं.

जम्मू और कश्मीर- केंद्र शासित प्रदेश
जम्मू-कश्मीर में भी अगले साल चुनाव होने हैं. पूर्व राज्य में राज्य के विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 हटने के बाद अगले साल पहली बार चुनाव होंगे. अनुच्छेद 370 हटाने से पहले भाजपा ने अपने पूर्व गठबंधन सहयोगी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से गठबंधन तोड़ दिया था. इससे राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अपना कार्यकाल पूरा करने से चूक गई थीं. परिसीमन के बाद चुनावों की घोषणा अगले साल हो सकती है.