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BBC Documentary: पीएम मोदी पर विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री औपनिवेशिक मानसिकता की उपज, समझें विवाद

बीबीसी ने एक डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' में 2002 के गुजरात दंगों के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर सवाल उठाया है. इन दंगों में 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश मुसलमान थे.

Updated on: 22 Jan 2023, 09:04 AM

highlights

  • बीबीसी की 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' डॉक्यूमेंट्री पर तेज हुआ विवाद 
  • 002 गुजरात दंगों में पीएम मोदी के नेतृत्व पर उठाया गया सवाल
  • मुसलमानों को भड़काने की साजिश पर बीबीसी के खिलाफ शिकायत

नई दिल्ली:

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर प्रदर्शित हालिया डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots) के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके नेतृत्व पर सवाल उठाती है. गोधरा (Godhra) में हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही ट्रेन में आग लगने के बाद हिंसा भड़क उठी थी. 2002 के उस गुजरात दंगों में 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश मुसलमान (Indian Muslims) थे. बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के बाद से ही कई हलकों में इसकी आलोचना हो रही है. भारत छोड़िए ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने भी इस पर गहरी आपत्ति दर्ज कराई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने तो इसे महज प्रचार का एक हथकंडा बता औपनिवेशिक मानसिकता की उपज करार दिया है.

फिर पाकिस्तान की भारत खासकर पीएम मोदी को बदनाम करने की कोशिश 
बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री पर मची रार के बीच विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हमें लगता है कि यह महज प्रचार हासिल करने की सामग्री है, जिसे एक खास किंतु बदनाम नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया है. इस डॉक्यूमेंट्री में पक्षपात, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता की गहरी झलक साफ दिखाई देती है. वास्तव में यह फिल्म या डॉक्यूमेंट्री उस एजेंसी और व्यक्तियों का ही एक अक्स है, जो कुछ लोगों के उस निजी हित साधने वाले नैरेटिव को फिर से चला रहे हैं. वास्तव में यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे छिपे एजेंडे के बारे में सोचने पर मजबूर करता है. सच कहूं तो हम इस तरह के कुत्सित प्रयासों को महिमामंडित नहीं करना चाहते हैं.' गौरतलब है कि गुरुवार को ब्रिटेन की संसद में पाकिस्तान मूल के ब्रिटिश सांसद इमरान हुसैन ने इस विषय को उठाया. हालांकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसे तुरंत ही खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि वह अपने भारतीय समकक्ष के चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं.

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पाक परस्त ब्रिटिश सांसद और ब्रिटिश पीएम के बीच वार-पलटवार
पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश सांसद इमरान हुसैन ने ब्रिटिश संसद में कहा, 'विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय के शब्दों में वह (पीएम मोदी) इस हिंसा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे. यह देखते हुए कि सैकड़ों लोगों नृशंसता से मारे गए थे और भारत और यहां यूके सहित दुनिया भर के पीड़ित परिवार अभी भी न्याय के इंतजार में हैं. ऐसे में क्या ब्रिटिश प्रधानमंत्री विदेश कार्यालय में अपने राजनयिकों से सहमत हैं कि मोदी इस हिंसा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे. यही नहीं, विदेश कार्यालय जातीय नरसंहार के इस जघन्य कृत्य में उनकी संलिप्तता के बारे में और क्या जानते हैं?' इस पर ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने पलटवार करते हुए कहा, 'श्रीमान अध्यक्ष इस मसले पर यूके सरकार की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है और लंबे समय से चली आ रही है. इसमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं आया है. बेशक हम कहीं भी उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि माननीय सांसद ने जो चरित्र चित्रण किया है उससे मैं सहमत हूं.'

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मुस्लिमों को भड़काने की साजिश के लिए बीबीसी के खिलाफ पुलिस में शिकायत
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता विनीत जिंदल ने शुक्रवार को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के खिलाफ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की. इस वृत्तचित्र में 2002 के गुजरात दंगों के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के नेतृत्व पर सवाल उठाया गया है. गौरतलब है कि गोधरा में हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जाने वाली ट्रेन में आगजनी और उसमें हिंदुओं की मौत के बाद गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. अधिवक्ता ने ट्विटर पर लिखा, 'देश के लोगों ने पीएम मोदी को चुना. देश में एक संवैधानिक सरकार है और बीबीसी न्यूज की यह हरकत न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में मुसलमानों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काने की साजिश है. यह खतरनाक हो सकता है और इसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.'