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Exclusive Video- चमोली पार्ट-2 का खतरा, रैणी गांव के ऊपर बनी झील

chamoli तपोवन के पास रैणी गांव के ऊपर एक कृत्रिम झील बनने से पानी रुका हुआ है. अगर झील टूटती है कि तो रैणी सहित कई गांव इसकी चपेट में आ सकते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्लेशियर टूटने के बाद नंदादेवी नदी में कहीं पानी रुका हुआ है.

Updated on: 11 Feb 2021, 02:21 PM

तपोवन:

उत्तराखंड के तपोवन में रविवार को ग्लेशियल टूटने के बाद अभी स्थिति पूरी तरह सामान्य भी नहीं हुई है कि एक और बड़ा खतरा मंडराने लगा है. तपोवन के पास रैणी गांव के ऊपर एक कृत्रिम झील बनने से पानी रुका हुआ है. अगर झील टूटती है कि तो रैणी सहित कई गांव इसकी चपेट में आ सकते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्लेशियर टूटने के बाद नंदादेवी नदी में कहीं पानी रुका हुआ है. सामान्य दिनों में नदी में जितना पानी रहता था, ग्लेशियल टूटने के बाद उससे काफी कम पानी है. इस तरह का नजारा पिछले कई सालों में नहीं देखा है. अमूमन नहीं में इतना कम पानी नहीं रहता हैं.  

रविवार को चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद धौलीगंगा में पानी का तेज बहाव आया. पानी के बहाव में 200 से अधिक लोग चपेट में आ गए. एसडीआरएफ सहित सेना की टीम राहत कार्य में अभी भी लगी हुई है. एनटीपीसी की टनल में 35 से अधिक लोगों के फंसे होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए टनल को बीच से काटकर रास्ता बनाया जा रहा है. 

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झील बन सकती है खतरा
स्थानीय निवासी शंकर सिंह राणा ने बताया कि रैणी गांव के ऊपर से आ रहा नाला काफी संकरा है. उसमें मलवा फंसा हुआ है. पानी काफी कम आ रहा है, ऐसा लग रहा है कि पानी कहीं ऊपर रुका हुआ है. पानी के ऊपर से आने के बाद नाले का पानी बंद हो गया है. इसमें ग्लेशियल टूटने के बाद गाद के फंसे होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि ऊपर कहीं झील बन गई है. अगर झील टूटती है तो बड़ा खतरा हो सकता है. उन्होंने बताया कि नदी अपना रास्ता बदल रही है. उन्होंने बताया कि जब ग्लेशियर टूटा था तो पानी पूरी तरह बर्फीला था. इसमें कई बड़ी चट्टानें भी थी. देखते ही देखते पानी का बहाव बढ़ने लगा. 

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अब तक 34 शव बरामद
रविवार को बाढ़ से क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की गाद से भरी सुरंग में फंसे 25-35 लोगों तक पहुंचने के लिए बचाव दलों ने बुधवार को ड्रोन और रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद ली. वहीं अब तक 34 शव बरामद हो चुके हैं और करीब 170 अन्य लापता हैं. उत्तराखंड त्रासदी में लापता लोगों की तलाश में नौसेना के मरीन कमांडो जुटे हुए हैं. NTPC की तपोवन टनल में 39 मजदूरों को बचाने में जुटी सेना ने अपने ऑपरेशन में एक बड़ा बदलाव किया है. अब सेना टनल के अंदर 72 मीटर पर एक ड्रिल कर रही है. यह ड्रिल करीब 16 मीटर नीचे की तरफ किया जा रहा है. ड्रिल सीधा इस टनल के नीचे से गुजर रही एक दूसरी टनल में जाकर निकलेगा.