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Independence Day 2021: 15 अगस्त को भारत के अलावा 5 अन्य देश भी मनाते हैं आजादी का जश्न

Independence Day 2021: भारत के साथ आजादी का जश्न मनाने वाले देशों में उत्तरी कोरिया, दक्षिणी कोरिया के अलावा बहरीन, कांगो और लीख़्टेनश्टाइन शामिल हैं.

Updated on: 11 Aug 2021, 02:00 PM

highlights

  • 15 अगस्त 1945 को दक्षिण कोरिया ने जापान से आजादी हासिल की थी
  • लीख़्टेंश्टाइनने 15 अगस्त 1866 को जर्मनी से आजादी हासिल की थी

नई दिल्ली :

Independence Day 2021: 15 अगस्त को इस बार हम अपनी आजादी की 74वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि सिर्फ हम ही 15 अगस्त को आजादी का जश्न नहीं मनाते हैं. हमारे यानी भारत के साथ-साथ 5 और देश हैं, जो अपनी आजादी का जश्न मनाते हैं. इसकी वजह सीधी सी है कि वह भी 15 अगस्त के दिन ही आजाद हुए थे. भारत के साथ आजादी का जश्न मनाने वाले देशों में उत्तरी कोरिया, दक्षिणी कोरिया के अलावा बहरीन, कांगो और लीख़्टेनश्टाइन शामिल हैं. भारत की तरह इन पांचों देशों को भी आजादी 15 अगस्त को हासिल हुई थी. आइए जानते हैं इनके बारे में...

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दक्षिणी कोरिया और उत्तरी कोरिया
15 अगस्त 1945 को दक्षिण कोरिया ने जापान से आजादी हासिल की थी. अमेरिका और सोवियत सेना ने कोरिया को जापान के कब्जे से बाहर निकाला था. कोरिया में कभी कोर-यो वंश का राज्य था जिससे इस देश का नाम कोरिया पड़ा. चीन तथा जापान से इस देश का अधिक संपर्क रहा है. जापानी इसे चोसेन कहते रहे हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ है सुबह की ताज़गी का देश. यह देश तमाम बार बाहरी आक्रमणों से त्रस्त हुआ. फलत: इसने अनेक शताब्दियों तक राष्ट्रीय एकांतिकता की भावना अपनाना श्रेयस्कर माना. इस कारण इसे संसार में 'यती देश' कहा जाता रहा है. अनेक शताब्दियों तक यह चीन का एक राज्य समझा जाता था. 1905-05 के रूस-जापान युद्ध के बाद यह जापान का संरक्षित क्षेत्र बना. 22  अगस्त 1910 को यह जापान का अंग बना लिया गया. द्वितीय महायुद्ध के समय जब जापान ने आत्मसमर्पण किया तब 1945 में याल्टा संधि के अनुसार इस देश को दो भागों में विभाजित कर दिया गया. उत्तरी भाग पर रूस का और दक्षिणी भाग पर अमरीका का अधिकार हुआ. इसके बाद अगस्त 1948 में दक्षिणी भाग में कोरिया गणतंत्र तथा सितंबर 1948 में उत्तरी कोरिया में कोरियाई जनतंत्र की स्थापना हुई. दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल और उत्तर कोरिया की पियांगयांग बनाई गई. 1953 की पारस्परिक संधि के अनुसार अक्षांश को विभाजन रेखा मानकर इन्हें अब उत्तरी तथा दक्षिणी कोरिया कहा जाने लगा है.

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बहरीन
15 अगस्त 1971 को बहरीन ने ब्रिटेन से आजादी हासिल की थी. हालांकि ब्रिटिश फौजें 1960 के दशक से ही बहरीन को छोड़ने लगी थी. 15 अगस्त को बहरीन और ब्रिटेन के बीच एक संधि हुई थी, जिसके बाद बहरीन ने आजाद देश के तौर पर ब्रिटेन के साथ अपने संबंध रखे. हालांकि बहरीन अपना नेशनल हॉलीडे 16 दिसंबर को मनाता है. इस दिन बहरीन के शासक इसा बिन सलमान अल खलीफा ने बहरीन की गद्दी हासिल की थी. वास्तव में बहरीन जंबुद्वीप के अरबखंड का एक देश है, जो एक द्वीप पर बसा हुआ है. आकार की बात करें तो यह दिल्ली राज्य से भी छोटा है. बहरीन 1971 में आजाद हुआ और संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना हुई. इसका प्रमुख अमीर होता है. 1975 में नेशनल असेंबली भंग हुई, जो अब तक बहाल नहीं हो पाई है. 1990 में कुवैत पर इराक के आक्रमण के बाद बहरीन संयुक्त राष्ट्रसंघ का सदस्य बना. वास्तव में ये अरब जगत का एक हिस्सा है, जिसकी राजधानी मनामा है. स्थानीय भाषा में इसको बहरैन कहते हैं. यह खाड़ी के अन्य तमाम देशों की तरह शिया-सुन्नी इस्लाम की राजनीति के बीच खड़ा है. यहां शिया बहुलता, भावना और सुन्नी शासन है.

कांगो
15 अगस्त 1960 को अफ्रीका का ये देश फ्रांस के चंगुल से आजाद हुआ था. उसके बाद ये रिपब्लिक ऑफ कांगो बना. 1880 से कांगो पर फ्रांस का कब्जा था. इसे फ्रेंच कांगो के तौर पर जाना जाता था. उसके बाद 1903 में ये मिडिल कांगो बना. कांगो क्षेत्रफल के लिहाज से अफ्रीका महाद्वीप का तीसरा सबसे बड़ा देश है. पड़ोसी देश कांगो गणराज्य से भिन्नता के लिए इस देश को अक्सर डीआर कांगो, डीआरसी या फिर राजधानी किन्शासा के नाम पर कांगो-किन्शासा के नाम से पुकारा जाता है. कांगो नाम कांगो नदी के नाम पर पड़ा है, जिसे जाएर नदी के नाम से भी जाना जाता है. कांगो भले ही मध्य अफ्रीका में बसा हो, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) नामक संगठन की बदौलत दक्षिणी अफ्रीका से आर्थिक और क्षेत्रीय रूप से जुड़ा हुआ है. इसकी सीमाएं उत्तर में मध्य अफ़्रीकी गणराज्य और सूडान, पूर्व में यूगांडा, रवांडा और अंगोला, पश्चिम में कांगो गणराज्य लगी हुई हैं. पूर्व में तंगानयिका झील इस देश को तंजानिया से अलग करती है. कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य क्षेत्रफल के अनुसार विश्व का 11वां सबसे बड़ा देश है और फ्रांसीसी भाषा बोलने वाला सबसे बड़ी आबादी वाला देश है.

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लीख़्टेंश्टाइन
लीख़्टेंश्टाइनने 15 अगस्त 1866 को जर्मनी से आजादी हासिल की थी. 1940 से ये 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मना रहा है. वास्तव में यह पश्चिमी यूरोप में स्थित एक छोटा लैंडलॉक देश है. इसकी सीमा पश्चिम और दक्षिण में स्विटजरलैंड और पूर्व में ऑस्ट्रिया से मिलती है. महज 160 वर्ग किमी (करीब 61.7 वर्ग मील) वाले इस देश की आबादी करीब 35,000 है. यहां की राजधानी वादुज और सबसे बड़ा शहर श्चान है. लीख़्टेंश्टाइन दुनिया का जर्मन भाषी इकलौता अल्पाइन राज्य है, जो पूरी तरह से आलप्स पर्वत श्रंखला पर स्थित है. यह दुनिया का इकलौता जर्मनभाषी राज्य है, जिसकी सीमा जर्मनी से नहीं मिलती है. यह संवैधानिक राजशाही है, जो 11 निगम इकायों में विभाजित है. पर्वतीय भू-संरचना की वजह से लीख़्टेंश्टाइन विंटर गेम्स के लिए लोकप्रिय स्थल है. मजबूत वित्तीय व्यवस्था वाले इस देश को कर के मामले में स्वर्ग माना जाता है. यह यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन का सदस्य है, लेकिन यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं है.