Independence Day: 15 अगस्त से 8 दिन पहले ही मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस, 36 सालों से जारी है परंपरा
Independence Day: इंदौर से लगभग 250 किलोमीटर दूर मंदसौर में शिवना नदी के किनारे स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर में स्वतंत्रता दिवस हिन्दू पंचांग के आधार पर मनाया जाता है. यह अनूठी परंपरा पिछले 36 साल से चली आ रही है.
नई दिल्ली:
Independence Day: देश भर में स्वतंत्रता दिवस का जश्न (Celebration of Independence Day) 15 अगस्त को पूरे उत्साह से मनाने की तैयारियां जारी हैं. लेकिन आपको जानकर हैरत हो सकती है कि मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर (Mandsaur City of MP) के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर (Pashupati Nath Temple) में आजादी का सालाना पर्व इस तारीख से आठ दिन पहले ही शनिवार को मना लिया गया. दरअसल, इंदौर से लगभग 250 किलोमीटर दूर मंदसौर में शिवना नदी के किनारे स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर में स्वतंत्रता दिवस हिन्दू पंचांग के आधार पर मनाया जाता है. यह अनूठी परंपरा पिछले 36 साल से चली आ रही है.
पशुपतिनाथ मन्दिर के पुरोहितों और यजमानों की संस्था ‘ज्योतिष एवं कर्मकांड परिषद’ के अध्यक्ष उमेश जोशी ने मीडिया से फोन पर हुई बातचीत पर बताया, देश 15 अगस्त 1947 को जब अंग्रेजी राज से आजाद हुआ, तब हिंदू पंचांग के मुताबिक श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी. इसलिए पशुपतिनाथ मन्दिर में हर साल इसी तिथि के अनुसार विशेष पूजा-पाठ कर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.
उन्होंने बताया, इस बार श्रावण कृष्ण चतुर्दशी आज (शनिवार) पड़ी और हमने अपनी परंपरा के अनुसार पशुपतिनाथ मन्दिर में स्वतंत्रता दिवस मनाया. हालांकि, कोविड-19 से बचाव के मद्देनजर इस अवसर पर केवल पांच पुरोहितों को बुलाया गया जिन्होंने अष्टमुखी शिवलिंग का विशेष श्रृंगार कर पूजा की.
उमेश जोशी ने आगे बताया कि पशुपतिनाथ मंदिर में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम के दौरान दूर्वा (पूजा में इस्तेमाल होने वाली खास तरह की घास) के जल से शिवलिंग का अभिषेक किया गया और देश की समृद्धि तथा सुरक्षा की प्रार्थना की गई. उन्होंने बताया कि मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में श्रावण कृष्ण चतुर्दशी को स्वतंत्रता दिवस मनाने की परंपरा वर्ष 1985 से जारी है.
इंदौर से लगभग 250 किलोमीटर दूर मंदसौर में शिवना नदी के किनारे स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर में स्वतंत्रता दिवस हिन्दू पंचांग के आधार पर मनाया जाता है. यह अनूठी परंपरा पिछले 36 साल से चली आ रही है.
कैसे होती है पूजा?
जोशी ने बताया कि पशुपतिनाथ मंदिर में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम के दौरान दूर्वा (पूजा में इस्तेमाल होने वाली खास तरह की घास) के जल से शिवलिंग का अभिषेक किया गया और देश की समृद्धि तथा सुरक्षा की प्रार्थना की गई. उन्होंने बताया कि मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में श्रावण कृष्ण चतुर्दशी को स्वतंत्रता दिवस मनाने की परंपरा वर्ष 1985 से जारी है.
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