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Turkiye-Syria के शहर दर शहर जलजले से कांपे, जानें अब तक के 7 बड़े भूकंपों के बारे में

वैज्ञानिकों के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 20,000 भूकंप आते हैं. इस लिहाज से देखें तो लगभग 55 भूकंप हर रोज कहीं न कहीं आते हैं.

Updated on: 06 Feb 2023, 04:33 PM

highlights

  • चिली में 1960 में आया अब तक का सबसे तेज भूकंप
  • दुनिया भर में हर साल लगभग 20,000 भूकंप आते हैं
  • यानी हर रोज कहीं न कहीं 55 भूकंप के झटके आते हैं

नई दिल्ली:

तुर्किए (Turkiye) में 7.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया, जिसमें 300 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हैं. भूकंप (Earthquake) ने हजारों इमारतों को जमींदोज कर दिया, जबकि उनमें सैकड़ों लोग सोते ही रह गए. भूकंप के झटके साइप्रस और मिस्र तक महसूस किए गए. मोटे तौर पर भूकंप के झटके लेबनान, सीरिया और साइप्रस में आए, जबकि इटली ने सूनामी (Tsunami) के लिए अलर्ट जारी कर दिया है. तुर्किए दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंप क्षेत्रों में से एक में स्थित है. 1999 में तत्कालीन तुर्की के ड्यूज़ क्षेत्र में आए 7.4-तीव्रता के भूकंप में इस्तांबुल में लगभग 1,000 समेत 17,000 से अधिक लोग मारे गए थे. यह दशकों में आया सबसे विनाशकारी भूकंप था.

अब तक का सबसे बड़ा भूकंप चिली में आया
हालिया इतिहास में सबसे बड़े भूकंपों में से एक मई 1960 में बियो-बियो, चिली में दर्ज किया गया था. 9.4 और 9.6 की तीव्रता वाले इस भूकंप से लगभग 10 मिनट तक जमीन डोलती रही. इसके परिणामस्वरूप लगभग 1,000 से 6,000 लोग मारे गए. इसे अब तक दर्ज किया गया सबसे अधिक तीव्रता वाला भूकंप माना जाता है. आज के डॉलर की कीमत के लिहाज से इस भूकंप में लगभग 3.66 बिलियन से 7.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ.

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1964 अलास्का भूकंप
यह भूकंप 1964 में गुड फ्राइडे के दिन आया था. ग्रेट अलास्कन भूकंप की तीव्रता 9.2 थी और इसके झटके 5 मिनट से थोड़ा कम समय तक रहे थे. इसे उत्तरी अमेरिका में दर्ज अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जाता है. भूकंप की वजह से तो केवल नौ लोगों की मौत हुई, लेकिन भूकंप से आई सूनामी से दुनिया भर में 100 से अधिक मारे गए. विशेषज्ञों का कहना था कि यह बड़ा भूकंप 500 साल से पृथ्वी के नीचे बन रहे तनाव की देन था. भूकंप से उठी सूनामी की लहरें अंटार्कटिका तक पहुंची. इसके अलावा अन्य तटीय इलाकों समेत पेरू, मैक्सिको, जापान और न्यूजीलैंड में भी तेज सूनामी दर्ज की गई.

भुज, गुजरात का भूकंप
2001 का भूकंप, जिसे भुज भूकंप के रूप में भी जाना जाता है, पिछली दो शताब्दियों में भारत में तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप था. भुज भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित भचाऊ में महिलाएं और बच्चों के मलबों से गुजरती फोटो में दुनिया भर का ध्यान खींचा था.  26 जनवरी 2001 के विनाशकारी भूकंप में 20,000 से अधिक लोग मारे गए थे और लगभग एक लाख घर नष्ट हो गए थे.

2004 सुमात्रा भूकंप और सूनामी
2004 में दक्षिण एशिया ने शायद अब तक की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना किया. 9.1 तीव्रता के भूकंप से लगभग 100 फीट की सूनामी आई. इंडोनेशिया में सुमात्रा में भूकंप का केंद्र था, जिसके बाद बड़े पैमाने पर सूनामी आई. सूनामी ने थाईलैंड, श्रीलंका, भारत और इंडोनेशिया में हजारों की जान ली. इस सूनामी ने दर्ज इतिहास में किसी भी सूनामी में मारे गए सबसे अधिक लोगों का आंकड़ा दर्ज किया. एक मोटे अनुमान के मुताबिक 14 देशों में 2,27,000 लोग मारे गए. भारत में लगभग 42,000 लोग या करीब 10,000 परिवार पूर्वी तट पर आई ऊंची लहरों से बेघर हो गए थे. मुख्य भूमि पर 3,500 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 9,000 लोग दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में मारे गए.

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नेपाल का सबसे बड़ा भूकंप
2015 में नेपाल में आए भूकंप में 8,000 से अधिक लोग मारे गए थे. भारत, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के कुछ क्षेत्र भी भूकंप से प्रभावित हुए थे. उन देशों में 40 से अधिक मौतों की सूचना मिली थी, जहां सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र पूर्वी भारतीय राज्य बिहार था, जिसकी सीमाएं नेपाल से लगती हैं. नेपाल में 1934 के बाद से आया यह सबसे भीषण भूकंप था जब इतनी ही तीव्रता के आए भूकंप में 17,000 लोग मारे गए थे.

2011 में जापान में आया भूकंप
2011 का जापान भूकंप और सूनामी देश के इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक थी, जिसने 11 मार्च 2011 को पूर्वोत्तर जापान को हिलाकर रख दिया था. यह आपदा तब शुरू हुई जब दोपहर में 9 तीव्रता के भूकंप ने इस क्षेत्र को हिलाकर रख दिया, जिससे एक भयंकर सूनामी निकली. 140 वर्षों में जापान में आया यह सबसे बड़ा भूकंप था, जिसमें 120,000 से अधिक इमारतें पूरी तरह से नष्ट हो गईं, तो 278,000 आधी-अधूरी बची थीं. 726,000 इमारतों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा था.

रूस का भूकंप
1952 में रूस में कामचटका प्रायद्वीप के पास 9.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 2,000 से अधिक लोग मारे गए. भूकंप का केंद्र पानी के नीचे था जिसने बड़ी सूनामी को जन्म दिया. सूनामी की ये लहरें पेरू, चिली और न्यूजीलैंड तक पहुंचीं, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान हवाई द्वीप में हुआ.

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इतने भूकंप क्यों आ रहे हैं?
क्या हम कहीं ज्यादा भूकंप देख रहे हैं? यह सबसे आम विचार है जो दुनिया भर में भूकंप के झटके की रिपोर्ट को देखते हुए सामने आता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह सच नहीं है कि अधिक भूकंप आते हैं. अब ऐसे संवेदनशील भूकंपीय उपकरण हैं जो अधिक भूकंप रिकॉर्ड करने में सक्षम हैं. राष्ट्रीय भूकंप सूचना केंद्र के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 20,000 भूकंप आते हैं.  इस लिहाज से देखें तो लगभग 55 भूकंप हर रोज कहीं न कहीं आते हैं.