फेसबुक और ट्विटर पर आई बैन की बात तो IT नियमों को लेकर क्या बोलीं ये कंपनियां, जानिए
फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत केंद्र के नए दिशानिर्देशों का पालन न करने पर कार्रवाई की अटकलों के बीच इन कंपनियों ने मंगलवार को जवाब दिया.
highlights
- IT नियमों से मुश्किल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स
- आई बैन की बात तो फेसबुक गूगल ने दिया जवाब
- नियमों के तहत काम करने की मियाद कल हुई खत्म
नई दिल्ली:
भारत के नए डिजिटल नियमों पर सख्त रुख का असर देखने को मिला है. देश में फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत केंद्र के नए दिशानिर्देशों का पालन न करने पर कार्रवाई की अटकलों के बीच इन कंपनियों ने मंगलवार को अपना जवाब दिया. भारत में केंद्र के नियमों के आधार पर काम शुरू करने मियाद खत्म होने से ठीक पहले इन कंपनियों ने अपना जवाब दिया. इन कंपनियों ने सरकार को आश्वस्त कराया कि वे नए नियमों को लागू करने पर काम कर रही हैं.
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दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी कंपनियों की भारत के नियमों के आधार पर काम शुरू करने की जो 3 महीने की मियाद थी, वो मंगलवार को खत्म हो गई. केंद्र सरकार ने इस समय सीमा को बढ़ाया नहीं गया. भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि कंपनियां नियमों का पालन नहीं करती हैं तो वे कार्रवाई का सामना कर सकती हैं. ऐसे भी अटकलें थी कि फेसबुक और ट्विटर जैसी दिग्गज कंपनियों को बैन भी किया जा सकता था. हालांकि ठीक इस मियाद के आखिरी दिन कंपनियों ने अपना जवाब दिया.
फेसबुक का जवाब
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक की ओर से कहा गया कि कंपनी परिचालन प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए काम कर रही है, जिसका उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है. फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम आईटी विभाग के नियमों एवं प्रावधानों को लागू करने के बारे में सोच रहे हैं और साथ ही वह कुछ मुद्दों पर स्पष्टता को लेकर सरकार के लगातार संपर्क में है. आपको बता दें कि इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप भी फेसबुक के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं. आईटी के नए नियमों का इन दोनों प्लेटफॉर्म भी प्रभाव पड़ेगा.
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गूगल का जवाब
वहीं गूगल की ओर से भी केंद्र सरकार को आश्वस्त कराते हुए सामग्री के प्रबंधन के अपने 'लंबे इतिहास' का हवाला दिया गया. गूगल के प्रवक्ता ने अपने बयान कहा में कहा कि हम भारत की विधान प्रक्रिया का सम्मान करते हैं. किसी भी कंटेट को हटाना हो, जहां कंटेट स्थानीय कानून या हमारी प्रोडक्ट पॉलिसी का उल्लंघन करती है. ऐसे में सरकार के अनुरोधों का जवाब देने के क्रम में हमारा एक लंबा इतिहास रहा है. गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से अवैध सामग्री से निपटने और परिचालन वाले जगहों पर स्थानीय नियमों का अनुपालन करने के लिए कदम उठाए हैं. इसके तहत उत्पाद में महत्वपूर्ण बदलाव के साथ संसाधनों और कर्मियों में लगातार निवेश किए गए हैं.
क्या हैं नए नियम ?
बता दें कि केंद्र सरकार ने फरवरी में सोशल मीडिया पर भारत में भारत के नियमों के आधार पर चलने के लिए इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 3 महीने का समय दिया था. केंद्र सरकार ने कहा था कि ऐसे सोशल प्लेटफॉर्म देश में अफसर तैनात करें, जिनकी जवाबदेही हो साथ में किसी शिकायत का तुरंत निपटान किया जा सके. इसको लेकर 3 अफसर नोडल अफसर, कॉम्प्लैन्स अफसर जैसे 3 अफसर नियुक्त किए जाएं. केंद्र सरकार के नए नियमों के अनुसार, चूंकि इन सोशल मीडिया कंपनियों के हेडक्वार्टर भारत में नहीं हैं, इसलिए उन्हें एक चीफ कंप्लाइंस ऑफिसर, नोडल कांटेक्ट पर्सन और रेजीडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर नियुक्त करना होगा. इन प्लेटफार्मों को अधिकारियों द्वारा मार्क किसी भी कंटेंट को 36 घंटे के भीतर हटाना होगा.
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