सैन्य बलों के लिए मददगार साबित होगा सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम
यह निगरानी प्रणाली उच्च स्तरीय सतर्कता सुरक्षा क्षेत्र जैसे कि रक्षा सेवाओं, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में विशिष्ट उच्च अधिकारियों को उच्च सुरक्षा, हवाई अड्डों आदि की सुरक्षा के लिए एक अभूतपूर्व साधन होगा.
highlights
किसी इंसान की असामान्य गतिविधि पर नजर रखना आसान होगा.
यह प्रणाली उच्च स्तरीय सतर्कता सुरक्षा क्षेत्र में आएगी काम.
बीईएल के सहयोग से इसका परिचालन शुरू होगा.
नई दिल्ली:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की के सहयोग से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) का सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम सैन्य बलों के लिये मददगार साबित हो सकता है. आईपी कैमरे (IP Camera) की मदद से हम तस्वीरों-वीडियो में किसी इंसान के निर्देशांक (Coordinates) एकत्र कर डाटाबेस में भेज सकते हैं. इससे किसी इंसान के निर्देशांक की मदद से उसकी असामान्य गतिविधि पर नजर रखना और उसके रेड जोन (Red Zone) में जाने की चेतावनी देना आसान होगा. इसके अलावा संदिग्ध व्यक्ति जब भी परिसर में कदम रखेगा उसकी गतिविधि पर निगरानी बनी रहेगी.
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कई मोर्चों पर आएगा काम
आईआईटी रुड़की में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो कमल जैन ने बृहस्पतिवार को बताया, 'इस संबंध में रक्षा उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों और बीईएल की साझेदार अन्य एजेंसियों से बहुत उत्साहवर्द्धक प्रतिक्रिया मिली है.' उन्होंने कहा, 'हमारे हाल के महत्वपूर्ण शोध ने हमारे विशेषज्ञों को असरदार बुनियादी सुरक्षा निगरानी व्यवस्था की गहन जानकारी प्रदर्शित करने में सक्षम बनाया है. बीईएल के सहयोग से इसका परिचालन शुरू होगा, व्यावसायिक सक्षमता में सुधार और लागत में भी कमी आएगी.'
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सीमा की चौकसी में आएगा पैनापन
जैन ने कहा, 'सिक्योरिटी सर्विलांस सिस्टम के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य होंगे जिसमें किसी स्थान पर निगरानी, सुरक्षा, सैन्य गुप्त सूचना (सीमा की चौकसी), संदिग्ध गतिविधि का पता लगाना आदि शामिल है. इसके अलावा उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों/वीडियो के मामले में नौवहन, लोगों की गुप्त सूचना एकत्र करना, सार्वजनिक और निजी अपराध की रोकथाम, गोपनीयता के उल्लंघन पर नजर रखना, किसी कार्य प्रक्रिया का संरक्षण, वायरलेस सिक्योरिटी ट्रैकिंग आदि में भी यह उपकरण कारगर साबित होगा.'
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वीआईपी सुरक्षा को मिलेगी मजबूती
उन्होंने कहा कि आईपी कैमरे की मदद से हम तस्वीरों/ विडियो में किसी इंसान के निर्देशांक (कॉर्डिनेट) एकत्र कर डेटाबेस में भेज सकते हैं. इससे किसी इंसान के निर्देशांक की मदद से उसकी असामान्य गतिविधि पर नजर रखना और उसके रेड जोन में जाने की चेतावनी देना आसान होगा. इसके अलावा संदिग्ध व्यक्ति जब भी परिसर में कदम रखेगा उसकी गतिविधि पर निगरानी बनी रहेगी. यह निगरानी प्रणाली उच्च स्तरीय सतर्कता सुरक्षा क्षेत्र जैसे कि रक्षा सेवाओं, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में विशिष्ट उच्च अधिकारियों को उच्च सुरक्षा, हवाई अड्डों आदि की सुरक्षा के लिए एक अभूतपूर्व साधन होगा.
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