एलियंस और यूएफओ नहीं बरमूडा ट्राएंगल को इन्होंने बनाया खतरनाक, खुला रहस्य
'शैतानी त्रिभुज' के नाम से विख्यात बरमूडा ट्राएंगल को लेकर तमाम अफवाहें, धारणाएं प्रचलित हैं. उत्तरी अटलांटिक महासागर का वह हिस्सा 'डेविल्स ट्राएंगल' के नाम से भी जाना जाता है, जहां अब तक सैकड़ों हवाई जहाज और विशालकाय पानी के जहाज रहस्यमय तरीके से गायब हो गए. वैज्ञानिक परेशान रहे कि आखिर इन विमानों और जहाजों के गायब होने की असली वजह क्या है, लेकिन सफल नहीं हो सके. उलटे इसके लिए एलियंस और उड़न तश्तरियों को जिम्मेदार ठहराया जाने लगा.
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विशालकाय लहरें हैं गुमशुदगी की जिम्मेदार
ऐसे में अब कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने इस अनसुलझे रहस्य को सुलझा लिया है. सालों से इसका अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां न तो कोई उड़न तश्तरी (यूएफओ) जहाजों को गायब कर रही है और ना ही कोई समुद्री दानव उन्हें निगल रहा है. उनका मानना है कि समुद्र में उठने वाली भयानक लहरें हैं, जो इन विमानों या जहाजों को किसी विशालकाय दानव की तरह निगल रही हैं. गौरतलब है कि मियामी, बरमूडा और प्यूर्टोरिको से घिरे उत्तरी अटलांटिक का यह क्षेत्र सदियों से वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती तो आम लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है.
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100 फीट ऊंची लहरे बहा ले जाती हैं सब
ऐसे में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैंप्टन के वैज्ञानिकों का मानना है कि दक्षिणी और उत्तरी तूफान जब अचानक एक साथ आते हैं और इसी के साथ यदि फ्लोरिडा की ओर से कुछ सामुद्रिक गतिविधियां होती हैं तो इससे घातक लहरों का निर्माण होता है. ये भयानक लहरें 100 फ़ीट तक ऊंची हो सकती हैं. गौरतलब है कि अलास्का में 1958 में आए भूकंप से उठी सुनामी के दौरान 100 फीट की ऊंची लहरें उठी थीं, जो कि अब तक का विश्व रिकॉर्ड है.
HIGHLIGHTS
- यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैंप्टन के वैज्ञानिकों ने खोजा रहस्य.
- एलियंस या यूएफओ का नहीं मिला कोई सुराग.
- 100 फुट ऊंची लहरें बहा ले जाती हैं विमान-जहाज.