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गगनयान मिशन से पहले इसरो को मिली ये बड़ी कामयाबी, जानें क्या

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) में 450 सेकंड की अवधि के लिए गर्म परीक्षण किया गया. गगनयान भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन का नाम है.

Updated on: 29 Aug 2021, 07:32 AM

highlights

  • गगनयान मिशन से पहले इसरो को मिली बड़ी कामयाबी
  • गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम के सिस्टम डिमॉन्स्ट्रेशन मॉडल का पहला हॉट टेस्ट हुआ

नई दिल्ली :

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो को शनिवार को एक बड़ी कामयाबी मिली है. इसरो (ISRO) ने 28 अगस्त को  गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम के सिस्टम डिमॉन्स्ट्रेशन मॉडल का पहला हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक कर लिया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) में 450 सेकंड की अवधि के लिए गर्म परीक्षण किया गया. गगनयान भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन का नाम है. इसरो ने कहा, "सिस्टम के प्रदर्शन ने परीक्षण के उद्देश्यों को पूरा किया और पूर्व-परीक्षण भविष्यवाणियों के साथ एक करीबी मेल था. इसके अलावा, विभिन्न मिशन स्थितियों के साथ-साथ गैर-नाममात्र स्थितियों को अनुकरण करने के लिए गर्म परीक्षणों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है."

गगनयान ऑर्बिटल मॉड्यूल का हिस्सा है सर्विस मॉड्यूल

सर्विस मॉड्यूल गगनयान ऑर्बिटल मॉड्यूल का हिस्सा है और क्रू मॉड्यूल के नीचे स्थित है और फिर से प्रवेश करने तक इससे जुड़ा रहता है. सर्विस मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली में एक एकीकृत बाइप्रोपेलेंट सिस्टम होता है, जिसमें पांच 440 एन थ्रस्ट इंजन और 16 100 एन रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (आरसीएस) थ्रस्टर होते हैं जिनमें क्रमश : एमओएन-3 (नाइट्रोजन के मिश्रित ऑक्साइड) और एमएमएच (मोनो मिथाइल हाइड्राजिन) ऑक्सीडाइजर और ईंधन के रूप में होते हैं.

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आईपीआरसी, महेंद्रगिरि में एक नई परीक्षण सुविधा स्थापित की गई है

सिस्टम प्रदर्शन मॉडल, जिसमें पांच 440 एन इंजन और आठ 100 एन थ्रस्टर शामिल थे, जमीन पर प्रणोदन प्रणाली के प्रदर्शन को अर्हता प्राप्त करने के लिए महसूस किया गया. सिस्टम प्रदर्शन मॉडल के परीक्षण के लिए आईपीआरसी, महेंद्रगिरि में एक नई परीक्षण सुविधा स्थापित की गई है.

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इसरो का पिछला मिशन असफल हुआ था

इससे पहले 15 अगस्त से ठीक पहले इसरो का EOS-03 उपग्रह का प्रक्षेपण नाकाम रहा था.इंजन में खराबी के कारण इसरो का महत्वाकांक्षी मिशन पूरा नहीं हो सका था. इसे अंतरिक्ष से धरती की निगरानी करनी थी. लेकिन यह मिशन अधूरा रह गया था.  EOS-03 उपग्रह को भारत की सबसे तेज आंख भी कहा जा रहा था.