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MIT के छात्रों ने बिना ड्राइवर चलने वाली गाड़ी बनाई, जानें खासियत

यह वाहन कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल कर खुद सड़कों पर दौड़ेगा.इस गाड़ी को एमआईटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्युनिकेशन ब्रांच के छात्रों ने विकसित किया है.

Updated on: 12 Aug 2021, 08:33 AM

highlights

  • इंजीनियर के छात्रों ने खुद से चलने वाली गाड़ी बनाया
  • एमआईटी पुणे के छात्रों का डिजाइन
  • एक बार चार्ज हो 40 किलोमीटर चलता है

नई दिल्ली :

महाराष्ट्र के पुणे स्थित एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ( MIT World Peace University) के इंजीनियरिंग के छात्रों चालक रहित गाड़ी को बनाई है. मतलब चार पहिया वाहन बिना ड्राइवर के खुद चल सकती है. निजी यूनिवर्सिटी के छात्रों एक एक समूह ने मानवीय त्रुटियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने के लिए इस तरह का वाहन विकसित किया है. यह वाहन कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल कर खुद सड़कों पर दौड़ेगा.इस गाड़ी को एमआईटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्युनिकेशन ब्रांच के छात्रों ने विकसित किया है.

एमआईटी-डब्ल्यूपीयू के प्रोफेसर प्रकाश जोशी ने कहा, 'चालक रहित वाहन एक बार चार्ज करने पर 40 किमी तक की यात्रा कर सकता है और हवाई अड्डों, गोल्फ क्लबों में इस्तेमाल किया जा सकता है.'

वहीं समूह में शामिल एक छात्र ने बताया कि कार स्तर-तीन स्वायत्तता पर आधारित है और इसमें बीएलडीसी मोटर का उपयोग किया गया है. वाहन को चलाने के लिए लिथियम आयरन फॉस्फेट बैटरी का इस्तेमाल किया गया है.

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वहीं एक अन्य छात्र ने सुधांशु मनेरिकर ने कहा कि वाहन के स्टीयरिंग, थ्रॉटल और ब्रेक को कई एआई और एमएल एल्गोरिदम का उपयोग करके नियंत्रित किया जाता है, जिसमें लीडर कैमरा, माइक्रोप्रोसेसर, स्वचालित एक्शन कंट्रोल सिस्टम और विभिन्न सेंसर शामिल हैं.

छात्र ने आगे बताया कि इस गाड़ी में 3 किलोवाट की पावर है और यह चार्ज होने में चार घंटे का वक्त लेता है . यह 40 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है. ऐसे वाहनों के कृषि, खनन, परिवहन और अन्य क्षेत्रों में कई उपयोग है.

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प्रोफेसर डॉ गणेश काकंडीकर ने कहा कि ऐसे इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग मेट्रो स्टेशनों को आसपास के क्षेत्रों से जोड़ने, परिवहन के लिए, हवाई अड्डों पर, गोल्फ क्लबों में, विश्वविद्यालयों में आदि के लिए किया जा सकता है.

इस गाड़ी को बनाने में शामिल अन्य छात्र सौरभ दमकले, शुभांग कुलकर्णी और प्रत्यक्ष पांडे हैं.