OBC Bill : लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी OBC संशोधन बिल पास
OBC amendment bill passed : लोकसभा (Lok Sabha) के बाद अब राज्यसभा (Rajya Sabha) में बुधवार को ध्वनिमत से OBC संशोधन बिल पास हो गया है.
highlights
- निचले सदन में मंगलवार को ही पास हो गया था Bill
- विपक्ष ने दोनों सदनों में इस विधेयक का किया समर्थन
- अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा
नई दिल्ली:
OBC amendment bill passed : लोकसभा (Lok Sabha) के बाद अब राज्यसभा (Rajya Sabha) में बुधवार को ध्वनिमत से OBC संशोधन बिल पास हो गया है. दोनों सदनों से ओबीसी आरक्षण संशोधन बिल (OBC amendment bill) पास होने के बाद अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद यह ओबीसी बिल कानून बन जाएगा. विपक्ष ने दोनों सदनों में इस बिल का समर्थन किया है, इसलिए राज्यसभा में भी ओबीसी संशोधन बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़े हैं. आपको बता दें कि लोकसभा में मंगलवार देर रात ये बिल पास हुआ था.
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आपको बता दें कि लोकसभा में मंगलवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित 127वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में उपस्थित सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से पारित हुआ था. मोदी सरकार के इस विधेयक का कांग्रेस, सपा, बसपा सहित समूचे विपक्ष ने भी समर्थन किया. बिल को लेकर हुए मत विभाजन के दौरान इसके पक्ष में कुल 385 सदस्यों ने वोट दिया, जबकि खिलाफ एक भी वोट नहीं पड़ा.
लोकसभा में केंद्र सरकार ने सोमवार को ही अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया था. इस विधेयक पर मंगलवार को चर्चा शुरू हुई. अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची तैयार करने का अधिकार राज्यों को देने से जुड़े इस विधेयक को विपक्ष का भी समर्थन मिला. विपक्ष ने भी एक मत होकर इस विधेयक का समर्थन किया. इस वजह से विधेयक के खिलाफ एक भी वोट नहीं पड़ा.
इस विधेयक को लेकर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि हर राज्य पिछड़े वर्गों की सूची बना सकता है और उसे बनाए रख सकता है. इस संशोधन से नियुक्ति के लिए अपनी ओबीसी सूची राज्य तैयार कर सकेंगे. दोनों सदनों से इस विधेयक के पास होने के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची तैयार करने का अधिकार मिलेगा. अभी तक यह अधिकार केंद्र के पास है.
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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मई में आरक्षण पर पुर्नविचार से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई करने की मांग खारिज करते हुए कहा था कि 102वें संविधान संशोधन के बाद ओबीसी की सूची बनाने का अधिकार राज्यों के पास नहीं, बल्कि केंद्र के पास है. इसके बाद केंद्र सरकार ने ओबीसी सूची तय करने का अधिकार राज्यों को देने के लिए 127वां संविधान संशोधन विधेयक लाने की पहल की थी.
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