सैटेलाइट लांच के दौरान इंजन में आई तकनीकि खराबी (Photo Credit: ANI)
श्रीहरिकोटा:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो (ISRO) गुरुवार सुबह 5.45 पर सैटेलाइट EOS-3 लॉन्च की. इसकी लांचिंग तो सही रही लेकिन इसके बाद क्रायोजेनिक इंजन के आंकड़े मिलने बंद हो गए. इससे सभी वैज्ञानिक चिंता में पड़ गए. इसरो ने सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लांच किया. सारे स्टेज अपने तय समय अलग होते चले गए. पूरी यात्रा 18.39 मिनट की थी. लेकिन आखिरी में EOS-3 के अलग होने से पहले क्रायोजेनिक इंजन में कुछ खराबी आई, जिसकी वजह से इसरो को आंकड़ें मिलने बंद हो गए. लाइव प्रसारण में साफ दिखाई दे रहा था कि इस दौरान वैज्ञानिक परेशान हो रहे थे. थोड़ी देर जांच करने के बाद मिशन कंट्रोल सेंटर में बैठे इसरो चीफ डॉ. के. सिवन को इसकी जानकारी दी गई. उसके बाद घोषणा की गई कि EOS-3 मिशन आंशिक रूप से विफल हो गया है. लाइव प्रसारण को भी बंद कर दिया गया.
#WATCH | Indian Space Research Organisation's GSLV-F10 lifts off successfully from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota (Source: DD) pic.twitter.com/2OV8iA06Xf
— ANI (@ANI) August 12, 2021
यह सैटेलाइट एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है जिसकी नजर अंतरिक्ष से भारत की सीमाओं पर रहेगी. यही वजह है कि इसे 'आई इन द स्काई' कहा जा रहा था. सीमा सुरक्षा के काम में भी यह सैटेलाइट बेहद मददगार साबित होने वाली थी. अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS) की मुख्य विशेषता यह है कि यह चिन्हित किये गए किसी बड़े क्षेत्र क्षेत्र की वास्तविक समय की छवियां लगातार अंतराल पर भेजनी थी. यह प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ किसी भी तरह की अल्पकालिक घटनाओं की त्वरित निगरानी में मदद करने वाला था.
फरवरी के बाद इसरो की दूसरी लॉन्चिंग
फरवरी में ब्राजील के भू-अवलोकन उपग्रह एमेजोनिया-1 और 18 अन्य छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाद 2021 में इसरो का यह दूसरा प्रक्षेपण है. आज होने वाला यह प्रक्षेपण मूल रूप से इस साल अप्रैल या मई में ही होना था लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते इसे टाल दिया गया था.