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एफिल टॉवर से बड़ा एस्टेरॉयड बढ़ रहा धरती की ओर, 40 हजार मील/घंटा है गति

इसका आकार 492-1082 फीट डायमीटर के बीच है, जो करीब तीन फुटबॉल के मैदान के बराबर है.

Updated on: 30 May 2021, 11:13 AM

highlights

एस्टेरॉयड 2020केटी1 एक जून को धरती के करीब से गुजरेगा

रफ्तार राइफल से निकली गोली की गति से 20 गुना ज्यादा

तीन फुटबॉल के मैदान के बराबर है इसका आकार

वॉशिंगटन:

धरती पर आसमानी आफत भी कभी आ सकती है. इसको लेकर नासा (NASA) ने विगत दिनों एक प्रयोग किया था कि अगर कोई एस्टेरॉयड टकरा गया तो क्या होगा? इसके परिणाम बेहग हाहाकारी निकले. पता चला कि अगर ऐसा हुआ तो धरती बर्बाद हो जाएगी. एस्टेरॉयड की टक्कर से होने वाले धमाका सैकड़ों परमाणु बम फटने जैसा ही होगा. अब यह जानकारी कम आशंकित करने वाली है कि अगले महीने पेरिस के एफिल टॉवर (Effel Tower) से भी बड़ा एस्टेरॉयड धरती के पास से गुजरने वाला है. इस विशाल खगोलीय चट्टान को अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने खतरनाक श्रेणी में रखा है.

धरती से 45 लाख मील दूर से निकल जाएगा एस्टेरॉयड
नासा के मुताबिक यह एस्टेरॉयड 2020केटी1 एक जून को धरती के करीब से गुजरेगा. अभी तक के आकलन के मुताबिक यह धरती से 45 लाख मील की दूरी से निकल जाएगा. यह दूरी धरती और चांद के बीच की दूरी से 19 गुना ज्यादा है. इस लिहाज से देखें तो इस बार यह सुरक्षित दूरी पर ही निकल जाएगी और धरती को इससे कोई खतरा होने की आशंका नहीं है. नासा किसी खगोलीय वस्तु की धरती से दूरी और विशालता के आधार पर उससे होने वाले खतरने का आकलन करता है. नासा का कहना है कि यह धरती के करीब से 40 हजार मील प्रतिघंटा की रफ्तार से निकलेगा.

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राइफल से निकली गोली की रफ्तार से 20 गुना ज्यादा है गति
अगर इस एस्टेरॉयड की गति की बात की जाए तो उसकी रफ्तार राइफल से निकली गोली की गति से 20 गुना ज्यादा है. इसका आकार 492-1082 फीट डायमीटर के बीच है, जो करीब तीन फुटबॉल के मैदान के बराबर है. नासा के आकलन की बात करें तो अगर किसी तेज रफ्तार स्पेस ऑब्जेक्ट के धरती से 46.5 लाख मील से करीब आने की संभावना होती है तो उसे नासा जैसी संस्थाएं खतरनाक मानती हैं. नासा का सेंट्री सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है. इसमें आने वाले 100 सालों के लिए फिलहाल 22 ऐसे एस्टेरॉयड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है.

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नासा कर रहा है धरती से एस्टेरॉयड टकराने का पूर्वाभ्यास
गौरतलब है कि 26 अप्रैल को नासा के प्लेनेटरी डिफेंस कोआर्डिनेशन ऑफिस में एक पूर्वाभ्यास किया गया था. इसमें नासा ने यह जानने की कोशिश की कि अगर एक ऐस्टरॉयड धरती से टकराता है तो इसका क्या असर होगा. वैज्ञानिकों  ने कहा इस टक्कर की आशंका अभी दूर-दूर तक नहीं है, लेकिन भविष्य में यह टक्कर हो सकती है. अब इस अभ्यास के बाद नासा और और यूरोपीय एजेंसी ने धरती को बचाने की तैयारी शुरू कर दी है.