Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर इवेंट मैनेजमेंट तक कई महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं. मीडिया में आए आंकड़ों के अनुसार, इस आयोजन के लिए कुल बजट लगभग 6,382 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है. इस आयोजन से राज्य को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद है. महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि उत्तर प्रदेश की आर्थिक समृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान देने वाला है.
महाकुंभ 2025 बजट आवंटन का विवरण (Maha Kumbh 2025 Budget Allocation Details)
राज्य सरकार के योगदान की बात करें तो उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में महाकुंभ के लिए ₹2,500 करोड़ आवंटित किए हैं. इससे पहले, 2023-24 के बजट में भी ₹2,500 करोड़ और 2022-23 में ₹621.55 करोड़ का प्रावधान किया गया था. केंद्र सरकार ने महाकुंभ 2025 के लिए विशेष अनुदान के रूप में ₹2,100 करोड़ की मंजूरी दी है. इन आवंटनों के साथ, महाकुंभ 2025 के लिए कुल बजट ₹6,382 करोड़ तक पहुंचता है. इसमें से लगभग ₹5,600 करोड़ इवेंट मैनेजमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर खर्च किए गए हैं.
पिछले महाकुंभ आयोजनों का बजट (Budget of previous Maha Kumbh events)
- 2019 का अर्धकुंभ में इस आयोजन के लिए सरकार ने लगभग ₹3,700 करोड़ खर्च किए थे.
- 2013 का महाकुंभ में तत्कालीन राज्य सरकार ने लगभग ₹1,300 करोड़ खर्च किए थे.
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महाकुंभ 2025 से आय की संभावनाएं (Income possibilities from Maha Kumbh 2025)
महाकुंभ 2025 से उत्तर प्रदेश सरकार को महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ की उम्मीद है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, इस आयोजन से राज्य को लगभग ₹2 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है. अब वो कैसे होगा ये भी समझ लें. पर्यटन, स्थानीय व्यवसाय, परिवहन, कर संग्रह, अन्य शुल्क से सरकार को ये पैसा मिलेगा.
महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज आते हैं, जिससे होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, और अन्य पर्यटन संबंधित सेवाओं में वृद्धि होती है. स्थानीय दुकानदारों, हस्तशिल्प विक्रेताओं, और अन्य व्यापारियों को बढ़ी हुई बिक्री से लाभ होता है. रेलवे, बस, टैक्सी, और अन्य परिवहन सेवाओं की मांग में वृद्धि होती है, जिससे इनसे संबंधित उद्योगों को लाभ मिलता है. सरकार को विभिन्न सेवाओं और उत्पादों पर लगाए गए करों से अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता है. अन्य शुल्क की बात करें तो पार्किंग, प्रवेश शुल्क, और अन्य सेवाओं से भी सरकार को आय होती है.
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