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Next Kumbh Mela Date List Photograph: (News Nation)
Next Kumbh Mela Date List: कुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम है. इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला भी कहा जाता है. हर 12 वर्षों में चार प्रमुख स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में ये आयोजित होता है. इसके अलावा, हर 6 साल बाद अर्धकुंभ और हर 144 साल में एक महाकुंभ भी मनाया जाता है. हरिद्वार और प्रयागराज में कुंभ मेलों का आयोजन गंगा और संगम स्नान के लिए किया जाता है. नासिक और उज्जैन में कुंभ का महत्व गोदावरी और क्षिप्रा नदी में स्नान से जुड़ा है. उज्जैन में लगने वाले कुंभ को सिंहस्थ कुंभ कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश पर आयोजित होता है.
आगामी कुंभ मेलों की तिथियां और स्थान
वर्ष | स्थान | मेला |
2025 | प्रयागराज | महाकुंभ |
2027 | नासिक | सिंहस्थ कुंभ |
2028 | उज्जैन | सिंहस्थ कुंभ |
2033 | हरिद्वार | कुंभ मेला |
2035 | प्रयागराज | पूर्ण कुंभ |
2038 | नासिक | कुंभ मेला |
2040 | उज्जैन | सिंहस्थ कुंभ |
2047 | हरिद्वार | कुंभ मेला |
2048 | प्रयागराज | अर्धकुंभ |
2050 | नासिक | सिंहस्थ कुंभ |
2052 | उज्जैन | सिंहस्थ कुंभ |
2059 | हरिद्वार | कुंभ मेला |
2061 | प्रयागराज | पूर्ण कुंभ |
2064 | नासिक | कुंभ मेला |
2066 | उज्जैन | सिंहस्थ कुंभ |
2073 | हरिद्वार | कुंभ मेला |
2074 | प्रयागराज | अर्धकुंभ |
2076 | नासिक | सिंहस्थ कुंभ |
2078 | उज्जैन | सिंहस्थ कुंभ |
2085 | हरिद्वार | कुंभ मेला |
2087 | प्रयागराज | पूर्ण कुंभ |
2090 | नासिक | कुंभ मेला |
2092 | उज्जैन | सिंहस्थ कुंभ |
2099 | हरिद्वार | कुंभ मेला |
2100 | प्रयागराज | अर्धकुंभ |
महाकुंभ 144 वर्षों में एक बार लगता है. प्रयागराज में अगला महाकुंभ वर्ष 2129 में (Next Mahakumbh Mela Date) लगेगा. इसमें करोड़ों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान कर मोक्ष की प्राप्ति का संकल्प लेते हैं. महाकुंभ में अखाड़ों के शाही स्नान, संतों की धर्म सभाएं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान प्रमुख आकर्षण होते हैं. इसे भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक माना जाता है. महाकुंभ का आयोजन ग्रहों की विशेष स्थिति के आधार पर होता है, जिससे इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)