Yogini Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी मनाई जाती है. इस साल योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून 2025 दिन शनिवार को रखा जाएगा. योगिनी एकादशी व्रत को पापों के नाश और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्रद्धा और नियम से व्रत और पूजा करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है.
लेकिन अगर पूजा में कोई छोटी सी गलतियां हो जाएं तो इस दिन का पूरा फल नहीं मिल पाता. ऐसे में आइए जानते हैं योगिनी एकादशी के दिन किन गलतियों को करने से बचना चाहिए...
योगिनी एकादशी पर पूजा करते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां-
तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
योगिनी एकादशी के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन लहसुन, प्याज, मांस, तरबूज आदि खाना बिल्कुल अनुचित है. व्रत रखने वाले व्यक्ति को केवल सात्विक भोजन ही खाना चाहिए. इसके अलावा एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन चावल खाने से अगले जन्म में कीड़े-मकोड़े की योनि मिलती है.
तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए
भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का खास महत्व है, लेकिन तुलसी के पत्ते एकादशी के दिन ही तोड़े जाने चाहिए. मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता निर्जला व्रत भी रखती हैं. इसलिए पूजा के लिए एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लेने चाहिए.
बाल और नाखून काटना नहीं काटना चाहिए
एकादशी के दिन बाल, नाखून काटना और दाढ़ी बनवाना अशुभ होता है. इस दिन इन कार्यों को करने से बचना चाहिए.
लड़ाई-झगड़ा न करें
योगिनी एकादशी का दिन पूर्ण रूप से भक्ति और आध्यात्मिक का होता है. इसलिए इस दिन किसी से भी लड़ाई-झगड़ा, क्रोध या अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
झूठ बोलना नहीं बोलना चाहिए
एकादशी के इस पवित्र दिन पर झूठी बोलने, दूसरों की निंदा करने से बचना चाहिए. इस दिन अपने विचारों और कार्यों में पवित्रता बनाए रखना चाहिए.
ये भी पढ़ें: Premanand Maharaj Tips: प्रेमानंद महाराज ने बताया इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना होता है अशुभ, लगता है ब्रह्म हत्या का पाप
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)