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know the religious reason behind wear silver anklets
Silver Anklets : भारत में आभूषणों का विशेष महत्व है, खासकर महिलाओं के लिए. ऐसी ही एक खूबसूरत और सुरुचिपूर्ण परंपरा है चांदी की पायल पहनना. अक्सर हम देखते हैं कि विवाहित महिलाएं अपनी पैरों में चांदी की पायल पहनती हैं. हमारे देश भारत में पैरों में चांदी की पायल पहनना एक सम्मानजनक प्रथा मानी जाती है, क्योंकि यह सिर्फ श्रृंगार का हिस्सा ही नहीं है बल्कि इसके पीछे कई धार्मिक और ज्योतिषीय कारण भी हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी विस्तार से...
ये हैं पायल के धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व-
चांदी का पायल सौभाग्य का प्रतीक है
हिंदू धर्म में पायल को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. पायल शादीशुदा महिला के सुहाग का प्रतीक है इससे पहनने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है.
सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
हम सब चांदी को शीतल, शांति और पवित्रता का प्रतीक मानते हैं. कहा जाता है कि चांदी की पायल पहनने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. पायल के घुंघरू की मीठी ध्वनि वातावरण को शुद्ध करती है और मन को शांति प्रदान करती है.
चंद्रमा और शुक्र से संबंध
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि चांदी का सीधा संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से है. इस लिए चंद्रमा मन का कारक और शांति प्रदान करता है, जबकि शुक्र प्रेम, सौंदर्य, कला और शादीशुदा सुख का कारक है. ऐसे में चांदी की पायल पहनने से ये ग्रह मजबूत होते हैं और शादीशुदा जीवन में मधुरता और समृद्धि आती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)