अखाड़ा परिषद ने कहा, अवतारी महापुरुषों को जातियों में बांटना हिंदू समाज को कमजोर करने की साजिश

अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद महर्षि परशुराम की विशाल प्रतिमा लगाये जाने को लेकर हो रही सियासत पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सोमवार को कड़ी नाराजगी जतायी.

अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद महर्षि परशुराम की विशाल प्रतिमा लगाये जाने को लेकर हो रही सियासत पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सोमवार को कड़ी नाराजगी जतायी.

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Sunil Mishra
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Mahant Narendra Giri

अवतारी महापुरुषों को जातियों में बांटना गलत: अखाड़ा परिषद( Photo Credit : File Photo)

अयोध्या में राम मंदिर (Ram Temple In Ayodhya) के भूमिपूजन के बाद महर्षि परशुराम की विशाल प्रतिमा लगाये जाने को लेकर हो रही सियासत पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सोमवार को कड़ी नाराजगी जतायी. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) ने एक बयान जारी कर देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों और अवतारी महापुरुषों को जातियों में बांटे जाने को गलत करार दिया और कहा कि यह सनातन धर्म और हिन्दू समाज को कमजोर करने की साजिश है.

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उन्होंने कहा, “हमारे जो भी देवी-देवता हुए हैं वे सभी के आराध्य हैं, इसलिए उन्हें जातियों में बांटकर देखना कतई उचित नहीं है.” महंत नरेंद्र गिरि ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा है कि जहां तक बात महर्षि परशुराम की है तो वे भी भगवान विष्णु के ही अवतार हैं. लोग समाज को तोड़ने वाली ताकतों के बहकावे में कतई न आयें और देश तथा समाज को बांटने वाली ताकतों का सभी एकजुट होकर विरोध करें ताकि सनातन परम्परा की एकता और अखण्डता बनी रहे.

उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद सनातन समाज को बांटने वाली ताकतों का पुरजोर विरोध करेगा और समाज में एक अभियान भी चलायेगा ताकि लोगों को ऐसी विघटनकारी ताकतों के प्रति सचेत किया जा सके. महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि पांच सौ वर्षों के बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है. इस फैसले से देश ही नहीं पूरे विश्व के सनातन धर्मावलम्बियों में उत्साह है.

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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन ऐसा लग रहा है कि कुछ लोगों को यह उपलब्धि रास नहीं आ रही है जिसके चलते वे हिन्दू देवी-देवताओं और ऋषियों-मुनियों को जाति में बांटकर सियासी रोटियां सेंकने का सपना देख रहे हैं.

Source : Bhasha

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